दिल का दौरा जानलेवा हो सकता है। इसीलिए, कुछ सावधानियां बरतनी ज़रूरी हैं। ख़ासकर की तब जब आप डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और ओबेसिटी के मरीज़ हों। हार्ट अटैक कभी भी, कहीं पर भी आ सकता है। क्या पता, स्थिति ऐसी हो कि आसपास कोई ना हो। ऐसे में आज हम आपको टिप्स दे रहे हैं कि हार्ट अटैक आने पर क्या करें जब आप अकेले हों। लेकिन, पहले जान लेते हैं कि हार्ट अटैक होता क्या है?
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दिल का दौरा तब पड़ता है जब खून दिल की मांसपेशियों तक नहीं पहुंच पाता। दरअसल, खून में ऑक्सीजन भी होती है, जिस कारण दिल धड़कता है। लेकिन, ठीक तरह से दिल की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो ना होने के कारण, वो हिस्सा हमेशा के लिए डैमेज भी हो सकता है। कई बार कोरोनरी आर्टरीज़ में ब्लॉकेज हो जाती है और यही आर्टरीज़ दिल तक खून भी पहुंचाती हैं। ऐसे में भी दिल का दौरा पड़ने का रिस्क पैदा हो जाता है।
दिल का दौरा पड़ने के लक्षण
1- सीने में दर्द, भारीपन और जलन
2- बाजू, गर्दन, जबड़े, पीठ और पेट में दर्द
3- पसीना आना
4- सिर खाली-खाली सा महसूस होना
5- उल्टी जैसा लगना
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दिल का दौरा पड़ने पर अगर अकेले हों, तो क्या करें?
हार्ट अटैक का सबसे जाना-पहचाना लक्षण है सीने में बहुत तेज़ दर्द जो धीरे-धीरे बाएं कंधे में जाता है, जबड़ों में और फिर दोनों कंधों के बीच के एरिया में।
दिल का दौरा पड़ने पर आप बेहोश हो सकते हैं, या फिर अपने पैरों पर भी खड़े रह सकते हैं।
1- सबसे पहले एम्बुलेंस को फोन करें।
2- फिर कुर्सी पर बैठ जाएं।
3- अगर कोई टाइट कपड़ा पहना है, जैसे टाई, कोट, तो उन्हें उतार दें।
4- गहरी सांस लेने की कोशिश करें। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी।
5- 300 मिलीग्राम की ऐस्पिरिन चबा लें।
6- 1 गोली नाइट्रोग्लिसरीन की अपनी जीभ के नीचे रख लें। अगर इससे दर्द नहीं जाता, तो 15 मिनट के बाद एक और गोली जीभ के नीचे रख लें।
इस तरह एम्बुलेंस के आने तक आप हार्ट अटैक के दौरान अपना ख्याल रख सकते हैं। इसके अलावा, आप हर रोज़ अपने खान-पान में इन चीज़ों का ध्यान रख सकते हैं।
1- ग्रीन टी पीने से ब्लड गाढ़ा नहीं होता। क्लॉटिंग की समस्या नहीं होती, नसों में ब्लड का सर्कुलेशन बराबर बना रहता है जिससे दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।
2- बैड कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज की दीवारों पर जम जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता। फिर हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम बढ़ जाती है। अदरक में पाया जाने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट, बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। साथ ही ये हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है। इसके रस को पानी के साथ मिलाकर पीने से दिल की बीमारियों कोसों दूर रहती हैं।
3- राइस ब्रान ऑयल में बहुत सारे ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं। एक स्टडी के अनुसार इस तेल के इस्तेमाल से कोलेस्ट्रॉल 42 प्रतिशत तक कम होता है और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 62 प्रतिशत कम होता है।
4- स्वीट कॉर्न फोलेट का बहुत ही अच्छा स्रोत होता है जिसे विटामिन बी9 के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सही मात्रा शरीर में होमोसिस्टीन लेवल की मात्रा को बैलेंस करती है, जो ब्लड वेसेल्स को डैमेज करती है। इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है। रोजाना फोलेट की उचित मात्रा लेकर 10 प्रतिशत तक हार्ट अटैक की संभावना को कम किया जा सकता है।
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