प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के जीवन का एक खास पल होता है, लेकिन इस दौरान कुछ मुश्किलें भी आती हैं, खासकर शुरुआती और अंतिम महीने में। डिलीवरी के समय महिला के लिए सबसे बड़ी चुनौती तब होती है जब उसका वॉटर ब्रेक (पानी की थैली फटना) होता है। यह संकेत है कि प्रसव की शुरुआत हो चुकी है और इस दौरान महिला को कई शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। अगर महिला अकेली हो और पानी टूट जाए, तो यह स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है, क्योंकि उसे शांत रहने, सही कदम उठाने और समय पर अस्पताल पहुंचने की जरूरत होती है। इस लेख में दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन से जानिए, वॉटर ब्रेक होने पर अकेले होने की स्थिति में क्या करें?
वॉटर ब्रेक होने पर अकेले होने की स्थिति में क्या करें? - What To Do If Water Breaks And You Are Alone
प्रेग्नेंसी में जब महिला की पानी की थैली फटती है, तो यह संकेत है कि प्रसव की शुरुआत हो चुकी है। अगर आप अकेली हैं और पानी टूटने की स्थिति का सामना करती हैं, तो आपको घबराने की बजाय शांत और व्यवस्थित तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता है।
1. शांति बनाए रखें और घबराएं नहीं
पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है शांति बनाए रखना। यदि वॉटर ब्रेक का अनुभव हुआ है, तो सबसे पहले घबराने की बजाय शांत रहना बेहद जरूरी है। वॉटर ब्रेक से प्रसव प्रक्रिया का संकेत मिलता है, लेकिन यह तुरंत प्रसव का मतलब नहीं होता। यह कुछ समय बाद शुरू हो सकता है, और प्रसव के लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं। घबराने से आपको सही निर्णय लेने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए खुद को शांत रखना बहुत जरूरी है।
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2. सही समय में डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करें
अगर वॉटर ब्रेक का अनुभव होता है, तो बिना देर किए अपने डॉक्टर या नर्सिंग होम से संपर्क करें। डॉक्टर को स्थिति के बारे में बताना जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि वॉटर ब्रेक के बाद इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टर आपकी स्थिति के आधार पर आपको अगला कदम बताने के लिए मार्गदर्शन करेंगे। अस्पताल में प्रसव की तैयारी के लिए कुछ समय का अंतराल हो सकता है, इस कारण से आपको डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।
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3. वॉटर ब्रेक के बाद क्या महसूस होता है?
वॉटर ब्रेक से पहले या बाद, कुछ महिलाएं हल्का दबाव या असहजता महसूस कर सकती हैं। पानी का रंग स्पष्ट, हल्का या थोड़ा पीला हो सकता है। अगर पानी में खून या हरा रंग दिखाई दे तो यह चिंताजनक हो सकता है और तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। पानी का रिसाव आमतौर पर पूरी तरह से नहीं होता, बल्कि यह धीरे-धीरे होता है। इस स्थिति में खुद को आरामदायक जगह पर रखें।
4. इंफेक्शन से बचने के उपाय करें
वॉटर ब्रेक के बाद इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि गर्भाशय से जुड़ी परत की सुरक्षा अब समाप्त हो जाती है। इस समय, अपनी वजाइना को साफ रखने का ध्यान रखें। इस दौरान टॉयलेट जाने के बाद अच्छे से हाथ धोना और गंदे कपड़े या बिस्तर से संपर्क से बचना जरूरी है। अधिक से अधिक पानी पीने की कोशिश करें ताकि आपका शरीर हाइड्रेटेड रहे और प्रसव की प्रक्रिया ठीक से आगे बढ़े।
अगर वॉटर ब्रेक के बाद प्रसव का समय करीब है, तो आपको जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप अकेली हैं और अस्पताल जाना मुश्किल हो रहा है, तो अपने साथी, परिवार के किसी सदस्य या दोस्तों से मदद लें। यदि आप अकेली हैं और कोई भी संपर्क नहीं है, तो अस्पताल की इमरजेंसी नंबर पर कॉल कर सकती हैं।
निष्कर्ष
वॉटर ब्रेक की स्थिति किसी भी महिला के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत होता है कि प्रसव का समय नजदीक है। यदि आप अकेली हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप शांत रहें और सही समय पर डॉक्टर से संपर्क करें। वॉटर ब्रेक के बाद इंफेक्शन और अन्य समस्याओं से बचने के लिए सही कदम उठाना जरूरी है।
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FAQ
प्रेग्नेंसी में पानी की थैली फटने से क्या होता है?
प्रेग्नेंसी में पानी की थैली फटने को 'वॉटर ब्रेक' कहा जाता है, जो प्रसव की शुरुआत का संकेत होता है। गर्भ में शिशु एक तरल पदार्थ (एमनियोटिक फ्लूइड) से भरी थैली में सुरक्षित रहता है। जब यह थैली फटती है, तो योनि से पानी जैसा तरल बाहर निकलता है। इससे संकेत मिलता है कि अब डिलीवरी का समय नजदीक है और कुछ ही घंटों या दिनों में प्रसव शुरू हो सकता है।प्रेग्नेंसी का पहला संकेत क्या है?
प्रेग्नेंसी का पहला संकेत आमतौर पर पीरियड्स रुकना होता है। जब किसी महिला का मासिक चक्र समय पर नहीं आता, तो यह गर्भधारण का शुरुआती संकेत हो सकता है। इसके अलावा अन्य लक्षणों में थकान, मतली (मॉर्निंग सिकनेस), सीने में भारीपन, बार-बार पेशाब आना, भूख में बदलाव और मूड स्विंग्स शामिल हो सकते हैं।प्रेग्नेंसी के लक्षण कब से दिखाई देने लगते हैं?
प्रेग्नेंसी के लक्षण आमतौर पर गर्भधारण के 1 से 2 सप्ताह बाद यानी पीरियड मिस होने के आसपास दिखाई देने लगते हैं। हालांकि, हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए कुछ महिलाओं को शुरुआती लक्षण जल्दी महसूस होते हैं, जबकि कुछ को देर से।