किडनी को मजबूत बनाने वाले योग

योगा की मदद से आप अपनी किडनी को ना सिर्फ स्वस्थ रख सकते हैं बल्कि गंभीर रोगों से भी बचाने में सफल हो सकते हैं। आइए जानें किडनी को स्वस्थ रखने के लिए किस तरह के योग फायदेमंद हो सकते हैं।
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किडनी को मजबूत बनाने वाले योग


किडनी शरीर के मुख्य अंगों में से एक है। शरीर में किडनी का काम है रक्त में से पानी और बेकार पदार्थों को अलग करना। इसके अलावा शरीर में रसायन पदार्थों का संतुलन, लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायता करता है। इसका एक और कार्य है विटामिन-डी का निर्माण करना, जो शरीर की हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है

लगातार दूषित पदार्थ खाने, दूषित जल पीने और नेफ्रॉन्स के टूटने से किडनी के रोग होते हैं। इस वजह से किडनी शरीर से व्यर्थ पदार्थो को निकालने में अक्षम हो जाते हैं। किडनी रोग का बहुत समय तक पता नहीं चलता, लेकिन जब भी कमर के पीछे दर्द उत्पन्न हो तो इसकी जांच करा लेनी चाहिए। आइए जानें योग के जरिए किडनी को कैसे मजबूत बनाया जा सकता है।

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अंर्धचंद्रासन

इस आसन को करते वक्त शरीर की स्थिति अर्ध चंद्र के समान हो जाती है, इसीलिए इसे अर्ध चंद्रासन कहते है। इस आसन की स्थि‍ति त्रिकोण समान भी बनती है इससे इसे त्रिकोणासन भी कह सकते है, क्योंकि दोनों के करने में कोई खास अंतर नहीं होता। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। इससे किडनी से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

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पश्चिमोत्तनासन

अपने पैर को सामने की ओर सीधी स्ट्रेच करके बैठ जाएं। दोनों पैर आपस में सटे होने चाहिए। पीठ को इस दौरान बिल्कुल सीधी रखें और फिर अपने हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को छूएं। ध्यान रखें कि आपका घुटना न मुड़े और अपने ललाट को नीचे घुटने की ओर झुकाएं। 5 सेकंड तक रुकें और फिर वापस अपनी पोजीशन में लौट आएं। यह पोजीशन किडनी की समस्या के साथ क्रैम्स आदि जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है।

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उष्ट्रासन

उष्ट्रासन करते समय हमारे शरीर की आकृति कुछ-कुछ ऊँट के समान प्रतीत होती है, इसी कारण इसे उष्ट्रासन कहते हैं। यह आसन वज्रासन में बैठकर किया जाता है। इस आसन से घुटने, ब्लैडर, किडनी, छोटी आँत, लीवर, छाती, लंग्स एवं गर्दन तक का भाग एक साथ प्रभावित होता है, जिससे क‍ि यह अंग निरोगी बने रहते हैं।

 

सर्पासन

पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को मिलाकर रखें। ठुड्डी को जमीन पर रखें। दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ें और हथेलियों को सिर के दाएं-बाएं रखें और हाथों को शरीर से सटाकर रखें। आपकी कोहनी जमीन को छूती हुई रहेगी। धीरे-धीरे सांस भरे और कंधे को ऊपर की ओर उठाएं शरीर का भार कोहनी और हाथों पर रहेगा। कोशिश करें कि छाती भी ऊपर की ओर रहे। इस स्थिति में कुछ पल रुकें और सांस को सामान्य कर लें। इस स्थिति में आप दो मिनट तक रुकें। अगर रोक पाना संभव न हो तो पाँच बार इस क्रिया को दोहराएं।

 

किडनी को स्वस्थ रखने और इसकी समस्याओं को दूर करने के लिए नियमित योगा करना आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।

 

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