
हमारे आस-पास काफी ऐसे लोग होते हैं जो प्रतिक्रियात्मक व्यवहार करते हैं। ऐसे लोग आपको ट्रैफिक, शॉपिंग सेंटर, सोशल नेटवर्किंग साइट, रोड, राजनितिक रैली और पड़ोस में भी मिल सकते हैं। ये लोग बिना कुछ सोचे समझे हर बात पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं।
जब कभी आप ट्रैफिक जाम में फंस जाते हैं, लेट हो जाते हैं या विवादों में घिर जाते हैं तो इस तरह के लोग सबसे पहले अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। अगर कुछ लोग को छोड़ दें तो हम सब अपनी भावनाओं के वश में हैं। अगर आप अपनी भावनाओं को काबू में नहीं कर पाते हैं तो यह सफर आपके लिए बहुत मुश्किलों भरा हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी इस आदत पर नियंत्रण रखे। अक्सर लोग परिस्थितियों का सामना करने की जगह गुस्सा, बचाव या दुखी होना ज्यादा बेहतर समझते हैं लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। इसके लिए आपको काफी मेहनत करने की जरूरत है। आइए जानें कैसे आप अपने गुस्से को कम करते हुए प्रतिक्रियात्मक व्यवहार से बच सकते हैं।
परिस्थितियों को समझें
अक्सर हम पूरी बात जाने बिना ही किसी व्यक्ति या स्थिति के निष्कर्ष तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में आपको अपने आप से पूछना चाहिए कि 'क्या मैं सच में इस व्यक्ति के बारे में जानता हूं? क्या मैं जानता हूं कि वह क्या करना चाहता है?' तो जब हम एक दूसरे को जानते ही नहीं है तो उसके दिमाग में क्या चल रहा है इसकी भविष्यवाणी कैसे कर सकते हैं? ऐसे में आपको प्रतिक्रिया देने से पहले उस व्यक्ति और स्थिति के बारे में पूरी जानकारी होना जरूरी है।
दयावान बने
हमेशा हम जैसा सोचते हैं वैसा नहीं होता है। कभी आपने सोचा है कि जिस व्यक्ति की कार सड़के के बीचों बीच खराब हो गई है उसके साथ क्या हो सकता है? उसके पीछे आने वालू गाड़ियों से उसका एक्सीडेंट हो सकता था। ऐसे में अगर आप उसे सहानूभूति नहीं दे सकते तो कम से कम उसके प्रति समानूभूति तो रख ही सकते हैं। उस व्यक्ति की जगह आप भी तो हो सकते थे।
सफाई का मौक दें
कभी-कभी किसी झगड़े और विवाद से बचने के लिए अच्छा होता है कि आप अपने सामने वाले को सफाई का एक मौका दें। हो सकता है कि उसका जवाब आपको सही लगे या ये भी हो सकता है कि आप उसके उत्तर से संतुष्ट ना हो। लेकिन आप उसे मौका देने का प्रयास तो कर ही सकते हैं। कुछ लोग किसी उद्देशय के लिए प्रतिक्रिया नहीं देते वे अनजाने में ऐसा कर बैठते हैं। ऐसे में आपको अपनी समझदारी दिखाते हुए उसे एक मौका जरूर देना चाहिए।
साफ-साफ कहें
कई बार हम जो कहते हैं लोग उसका गलत अर्थ निकाल सकते हैं जिसकी वजह से स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में स्थिति को समझते हुए आपको अपनी बात घूमा फिरा कर कहने की बजाय साफ-साफ कहनी चाहिए। इससे लोग आपकी बातों का आसानी से समझ सकेंगे।
सकारात्मक सोच रखें
हमेशा से ही सकारात्मकता नकारात्मक विचारों पर हावी रही है। इसके साथ ही यह आपको याद दिलाता है कि जीवन हमेशा कठिनाई भरा नहीं रहता है। इसमें अच्छे और बुरे दोनों तरह के पल आते हैं। इस तरह की सोच की मदद से ही आपका जीवन के प्रति नजरिया बदलता है। जब भी आप बहुत ज्यादा दुखी होते हैं उन पलों के बारे में सोचे जिनसे आपको खुशी मिलती हो।
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