
जीवनशैली में बढ़े तनाव ने मौजूदा समय में लोगों को मानसिक रोगों ने घेर लिया है। ऐसा ही एक मानसिक रोग है बाइपोलर डिसऑर्डर। बाइपोलर डिसऑर्डर वास्तव में यकायक हो रहे मूड स्विंग को कहते हैं। यदि बाइपोलर डिसऑर्डर अपनी पराकाष्ठा तक पहुंच जाए तो यह मैनिक डिप्रेशन का रूप इख्तियार कर लेता है। लेकिन इससे आप यह अंदाजा न लगाएं कि बाइपोलर डिसऑर्डर किसी प्रकार का पागलपन है जिसके लिए मनोचिकित्सक के पास ही जाना होता है।

आप चाहें तो बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को घर में रहकर भी परीक्षण किया जा सकता है। सवाल उठता है कैसे? आइये इसमें हम आपकी मदद करते हैं।
इसके लिए जरूरी है कि ‘दी बाइपोलर स्पेक्ट्रम डायग्नोस्टिक स्केल’ के जरिये खुद का परीक्षण करें। इसके तहत आप कुछ सवालों से रूबरू हों और ईमानदारी से उनका जवाब दें। ये सवाल इस प्रकार हैं-
- क्या यकायक आपके उत्साह में कमी आ जाती है?
- क्या आपको अकेले रहना पसंद आता है?
- क्या आप औसत से ज्यादा सोना पसंद करने लगे हैं?
- क्या निरंतर आपका वजन बढ़ रहा है?
- क्या आपको इन दिनों बार बार आत्महत्या करने की चाह हो रही है?
- क्या आजकल आपका काम प्रभावित हो रहा है? अकसर काम अधूरा रह जाता है?
- कई बार उत्साह हीन स्थिति दिनों तथा हफ्तों तक चलती रहती है?
- कई बर ज्यादा खुशी का एहसास होता है। यहां तक कि कई बार अपनी क्षमता से अधिक काम कर जाते हैं?

इन सवालों के जरिये आप खुद का घर में रहकर ही परीक्षण कर सकते हैं। याद रखें कि ये सवाल आपके व्यक्तित्व तथा मानसिक स्थिति का खुलासा करते हैं। अतः इन सवालों के जवाब देने के बाद इन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित करें। पहला- क्या ये पूरी तरह आप पर फिट बैठते हैं, दूसरा- कुछ हद तक और तीसरा बिल्कुल नहीं। इस तरह किये गए परीक्षण से आप आसानी से जान पाएंगे कि बाइपोलर डिसऑर्डर ने आपको अपने चंगुल में किस हद तक घेर रखा है।
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