पिगमेंटेशन से बचने के उपाय

पिगमेंटेशन से बचने के लिए जरूरी है कि आप धूप में बाहर निकलने से पहले सनस्‍क्रीन का इस्‍तेमाल करें। इसके साथ आप कुछ अन्‍य उपाय भी आजमा सकते हैं। गर्भनिरोधक गोलियों के कारण हो सकता है पिगमेंटेशन ऑक्‍सीजन थेरेपी और लेजर थेरेपी से किया जा सकता है इलाज सनस्‍क्रीन लगाकर रखा जा सकता है इस समस्‍या को दूर महिलायें होती हैं इस समस्‍या से अधिक परेशान घरेलू उपायों में भी छिपा है इससे बचने का राज
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पिगमेंटेशन से बचने के उपाय

त्‍वचा की असमान रंगत, दाग धब्‍बे... ये सब देखकर आपकी नींद उड़ गयी है। अरे परेशान होने की जरूरत नहीं। आप दुनिया में अकेली नहीं जिसे इस समस्‍या का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया के हर हिस्‍से में लोगों को इस समस्‍या का सामना करना पड़ता है।

सनस्‍क्रीन लगाती महिलाहमारी त्‍वचा की दो परतें होती हैं। ऊपरी परत को एपिडरमिस और निचली परत को डरमिस कहा जाता है। इसी तरह पिगमेंटेशन भी दो प्रकार का होता है हायपोपिगमेंटेशन और हायपरपिगमेंटेशन। हायपोपिगमेंटेशन में त्‍वचा पर पड़ने वाले धब्‍बों का रंग त्‍वचा के सामान्‍य रंग से हल्‍का हो जाता है। वहीं हायपरपिगमेंटेशन में धब्‍बों का रंग आसपास की त्‍वचा से गहरा हो जाता है।

क्‍यों होता है पिगमेंटेशन
पिगमेंटेशन कई कारणों से हो सकता है। इसके पीछे अनुवांशिक कारणों के साथ-साथ, सूर्य की तेज रोशनी में अधिक वक्‍त बिताना, गर्भावस्‍था के दौरान हॉर्मोन का असंतुलन और गर्भनिरोधक गोलियों के कारण पिगमेंटेशन की समस्‍या हो सकती है। इसके साथ ही रजोनिवृत्ति, इंसुलिन प्रतिरोधक और किसी चोट के कारण भी ऐसी समस्‍या उत्‍पन्‍न हो सकती है। वहीं लगातार स्किन ट्रीटमेंट करवाने और हेयर ड्रायर के अधिक इस्‍तेमाल से भी ऐसी परेशानी हो सकती है।


अधिकतर लोग पिगमेंटेशन को उम्र ढलने का एक लक्षण मानते हैं। लेकिन, युवा इस समस्‍या को लेकर काफी भावुक होते हैं। अगर उन्‍हें इस समस्‍या का सामना करना पड़ जाए तो इसका असर उनके आत्‍मविश्वास पर भी पड़ता है। वे इस बात को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं‍ कि उनकी त्‍वचा सही नहीं है।


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    महिलायें रहती हैं अधिक प्रभावित

    पिगमेंटेशन की समस्‍या महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक परेशान करती है। सूर्य की रोशनी में अधिक वक्‍त बिताने और रोजमर्रा की जिंदगी में पेश आने वाली चुनौतियों जैसे, वायु प्रदूषण और हमारे भोजन में मौजूद विषैले पदार्थों का प्रभाव भी हमारी त्‍वचा पर नजर आता है। इन सब तत्‍वों के कारण हमारी त्‍वचा की कोशिकाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ता है और यह रूखी और बेजान नजर आने लगती है। इस समय पिगमेंटेशन का असर काफी साफ नजर आने लगता है।

    किन लोगों को होता है ज्‍यादा खतरा

    जानकार मानते हैं कि यूं तो ये समस्‍या दुनिया के किसी भी देश और नस्‍ल के लोगों को हो सकती है। लेकिन, वे लोग जो उष्‍णकटिबंधीय इलाकों में रहते हैं उन्‍हें यह समस्‍या होने का खतरा ज्‍यादा होता है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी समय सूर्य की किरणों के बीच बिताना पड़ता है। इससे उनकी त्‍वचा मेलानिन का अधिक मात्रा में स्राव करती है। चिकित्‍सीय भाषा में कहें तो मेलानिन हमारी त्‍वचा को सूर्य की तेज पराबैंगनी किरणों से बचाने का काम करता है। वे लोग जो सूर्य की रोशनी में कम वक्‍त बिताते हैं उनकी त्‍वचा में मेलानिन का उत्‍पादन कम होता है और इस कारण उनकी त्‍वचा का रंग अधिक साफ और सफेद होता है। जानकार मानते हैं कि टैनिंग वास्‍तव में शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली का ही एक हिस्‍सा है। इससे शरीर स्‍वयं को स्किन बर्न और कैंसर का खतरा पैदा करने वाली किरणों से स्‍वयं की रक्षा करता है।

    बचाव और निदान

    सनस्‍क्रीन लगाएं
    पिगमेंटेशन से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि धूप में निकलने से पहले आप अच्‍छी क्‍वालिटी की सनस्‍क्रीन इस्‍तेमाल करें। आपकी सनस्‍क्रीन कम से कम एसपीएफ 30 जरूर होनी चाहिए। यह आपको सूर्य की अल्‍ट्रावॉयलेट ए और अल्‍ट्रावायलेट बी किरणों से बचाएगी। अगर आप घर से बाहर हैं, तो हर तीन से चार घंटे में सनस्‍क्रीन जरूर लगानी चाहिए।

    लेजर थेरेपी

    अगर क्रीम से फायदा न हो, केमिकल पील्‍स और लेजर तकनीक का सहारा लिया जा सकता है। इसमें एक से चार सप्‍ताह तक कई सेशन लेने पड़ते हैं जिससे पिगमेंटेशन से छुटकारा मिलता है।


    ऑक्‍सीजन थेरेपी

    इन सब उपायों के साथ ही हायपरपिगमेंटेशन को कुछ खास स्किन ट्रीटमेंट के जरिये भी ठीक किया जा सकता है। डायमंड पालिशिंग और लाइट ऑक्‍सीजन थेरेपी इसी प्रकार के उपाय हैं। विटामिन 'सी-सीरम' और ऑक्‍सी क्‍लियर थेरेपी भी काफी मददगार साबित होते हैं। ये उपाय बेहरतीन नतीजे देते हैं और आपकी त्‍वचा को निखारने का काम करते हैं।

    घरेलू उपाय

    एवाकेडो से दूर हो पिगमेंटेशन

    पिगमेंटेशन को दूर करने के लिए एवाकेडो एक नायाब उपाय है। एवाकेडो में मौजूद तत्‍व त्‍वचा को निखारने और संवारने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर आप पिगमेंटेशन से परेशान हैं तो एवाकेडो का इस्‍तेमाल करें। इसके लिए एक एवाकेडो को छीलकर उसे मैश कीजिए और उसके जूस को त्‍वचा के प्रभावित हिस्‍से पर लगाइए। कुछ ही दिनों में आपको मिलेगी एक बेदाग त्‍वचा।

    कोको बटर
    त्‍वचा को नरम बनाने और उसे पोषण प्रदान करने में कोको बटर का कोई सानी नहीं है। कोको बटर त्‍वचा को प्राकृतिक रूप से पोषित कर उसे निखारने का काम करती है। पिगमेंटेशन को दूर करने के लिए रोजाना तीन बार प्रभावित हिस्‍से पर कोको बटर लगाइए। दो से तीन हफ्तों में ही आपको पिगमेंटेशन से निजात मिल जाएगी।

    नींबू और शहद
    नींबू और शहद का मेल त्‍वचा को निखारने और बेदाग बनाने के सबसे उपयोगी उपायों में शामिल किया जाता है। नींबू जहां दाग-धब्‍बे हटाने का काम करता है, वहीं शहद त्‍वचा को पोषण प्रदान कर उसे प्राकृतिक कसाव देता है। अगर आप पिगमेंटेशन से परेशान हैं तो प्रभावित हिस्‍से पर नींबू और शहद मिलाकर लगाइए। दस मिनट तक इसे लगा रहने दें और फिर इसे धो दें। इससे त्‍वचा के दाग धब्‍बे दूर होते हैं।

    कच्‍चा आलू
    पिगमेंटेशन से प्रभावित हिस्‍से पर कच्‍चा आलू छीलकर मलने से भी राहत मिलती है।

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