
Depression After Retirement: आस्ट्रेलिया क्रिकेट संघ ने कई साल पहले एक सर्वे किया था। इस सर्वे में रिटायर हो चुके क्रिकेटर्स से बातचीत की गई। सर्वे में ये बात सामने आई कि अधिकांश क्रिकेटर, रिटायर होने के बाद डिप्रेशन का शिकार हुए। रिटायरमेंट, जिंदगी का वो क्षण होता है जब आप काम से छुट्टी ले लेते हैं। जिन लोगों को सालों तक हर दिन काम करने की आदत हो, उनके लिए घर पर बैठना मुश्किल हो सकता है। काम न करना या दिनचर्या अचानक बदलने के कारण व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। हालांकि हर व्यक्ति के साथ ऐसा हो, ये जरूरी नहीं है। लेकिन कई लोग रिटायरमेंट के बाद डिप्रेशन का शिकायत करते हैं। डिप्रेशन होने पर मन उदास रहता है, भूख कम हो जाती है, नींद नहीं आती, एकाग्रता में कमी आ जाती है, व्यक्ति को हर समय थकान और सुस्ती महसूस होती है। ये लक्षण नजर आ रहे हैं, तो समझ जाएं कि आपको डिप्रेशन है। रिटायरमेंट के बाद जिंदगी को बेहतर ढंग से जी सकते हैं। इस दौर में डिप्रेशन से बचने के लिए कुछ आसान टिप्स की मदद लें। इन टिप्स को विस्तार से आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
1. सोशल लाइफ का लुत्फ उठाएं
रिटायरमेंट के बाद सोशल लाइफ का लुत्फ उठाना जरूरी है। अकेले बैठकर सोचते रहने से व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है। रिटायरमेंट के दौर में, काम से छुट्टी मिली है तो क्यों न लोगों के साथ समय बिताया जाए। घर से निकलें, लोगों से मिलें और बातें करें। घर पर रहकर भी फोन के जरिए लोगों से जुड़े रहें। रिटायरमेंट के दौर में खुद को व्यस्त रखेंगे, तो डिप्रेशन के लक्षण आपको नहीं सताएंगे।
2. हेल्दी डाइट का सेवन करें
रिटायरमेंट के बाद डिप्रेशन होने पर व्यक्ति हर समय सुस्त नजर आता है। अपने मूड को बेहतर बनाने के लिए हेल्दी डाइट का सहारा लें। ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। खाने के साथ एक प्लेट सलाद खाएं। फाइबर रिच फूड्स (Fiber Rich Foods) का सेवन करने से मूड और सेहत दोनों बेहतर बनते हैं। अपनी डाइट में विटामिन्स, पोटैशियम, आयरन, विटामिन सी आदि पोषक तत्वों को भी शामिल करें।
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3. मेडिटेशन करें
ध्यान करने से डिप्रेशन के लक्षण (Depression Symptoms) दूर होते हैं। मेडिटेशन करने के लिए किसी भी शांत जगह का चुनाव करें। शांत मुद्रा में बैठ जाएं। सांस को अंदर लें और धीरे से बाहर छोड़ें। अपनी इंद्रियों पर फोकस बढ़ाएं। मेडिटेशन के दौरान अच्छे विचारों पर ध्यान केंद्रित करें। हर दिन 20 से 30 मिनट मेडिटेशन करना भी काफी है। अगर बीपी की समस्या है, तो एक्सपर्ट की निगरानी में ही ध्यान करें।
4. नींद पूरी करें
रिटायरमेंट के दौरान डिप्रेशन से बचना चाहते हैं, तो नींद पूरी करें। जिन लोगों की नींद पूरी नहीं होती उनके व्यवहार में हर समय चिड़चिड़ापन नजर आता है। नींद पूरी न होने पर व्यक्ति, हर समय तनाव में रहेगा और उसे गुस्सा आएगा। हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें। अनिद्रा की समस्या है, तो रात को एक गिलास गुनगुना दूध पीकर सोएं। अनिद्रा होने पर डॉक्टर से सलाह लेना न भूलें।
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5. एक्सरसाइज जरूर करें
रिटायरमेंट के बाद डिप्रेशन से बचने के लिए हर दिन कसरत करें। कसरत करने से डिप्रेशन के लक्षणों से बचाव होता है। डायबिटीज, थायराइड जैसी बीमारियां नहीं होती। बीपी कंट्रोल में रहता है। तनाव से लड़ने में मदद मिलती है। एक्सरसाइज करेंगे, तो मूड भी अच्छा रहेगा। रोजाना एक घंटा एक्सरसाइज करने से शरीर थकेगा और रात को सुकून भरी नींद लेकर सो पाएंगे।
ऊपर बताई टिप्स को फॉलो करेंगे, तो रिटायरमेंट के बाद डिप्रेशन की समस्या से बच सकते हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।