
प्रदूषित माहौल का असर महिलाओं की सेहत पर पड़ने लगा है। महिलाओं में हार्मोनल अंसतुलन की वजह से पीसीओएस की समस्या होने लगी है। आज के समय में कई महिलाएं इस रोग से ग्रसित हो रही हैं। कम उम्र की महिलाएं को भी इस समसया की वजह से चेहरे पर बाल आने व मुंहासों की समस्या देखने को मिल रही है। पीसीओएस में महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और उनको कंसीव करने में कई तरह की प्रॉब्लम आने लगती हैं। इस रोग की सबसे बड़ी वजह है खानपान की आदतों पर ध्यान न देना। यदि आप रोजाना जंक फूड या अनहेल्दी खाना खाती हैं तो इससे आपको पीसीओएस की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। इस समस्या में महिलाओं का मोटापा तेजी से बढ़ने लगता है। साथ ही इसकी वजह से अन्य रोग जैसे डायबिटीज का भी खतरा बढ़ जाता है।
इस समस्या पर ओपोलो अस्पताल के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. ऋचा चतुर्वेदी ने बताया कि किस तरह पीसीओएस में डायबिटीज को कंंट्रोल किया जा सकता है।
पीसीओएस के लक्षण
पीसीओएस में महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। साथ ही महिलाओं को पीरियड्स में तेज दर्द होता है। इसके अलावा शरीर में हार्मोन के अंसतुलन की वजह से महिलाओं के चेहरे पर अनचाहे बाल आने लगते हैं। साथ ही उनका मोटापा भी बढ़ने लगता है। इसके अलावा पीसीओएस में महिलाओं को प्रेगनेंट होने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। दरअसल इस रोग की वजह से महिलाओं की ऑव्यूलेशन प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिसकी वजह से उन्हें अन्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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पीसीओएस में डायबिटीज को कैसे कंट्रोल करें
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोनल विकार है, जिससे आज कई महिलाएं पीड़ित हैं। आपको बता दें कि पीसीओएस की वजह से महिलाओं को अन्य गंभीर रोग होने का खतरा भी बना रहता है। इस समस्या में महिलाओं को डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग, अवसाद और एंडोमेट्रियल कैंसर की संभावना अधिक होती है। पीसीओएस में खराब डाइट की वजह से महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है और उनके शरीर में इंसुलिन के बनने की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। हालांकि पीसीओएस में महिलाओं को डायबिटीज होना एक आम बात है, लेकिन डाइट में बदलाव कर डायबिटीज के खतरे को कम करना इस समय एक बेहतर विकल्प माना जाता है। दरअसल आज के समय में 40 से अधिक उम्र की महिलाओं में पहले से ही डायबिटीज का खतरा होता है ऐसे में पीसीओएस उन स्थितियों को और बढ़ा देता है। डायबिटीज का सीधा संबंध महिलाओं के शरीर में इंसुलिन के बनने पर निर्भर करता है। लेकिन कुछ उपायो को अपनाकर महिलाएं पीसीओएस में डायबिटीज को कंट्रोल कर सकती हैं।
संतुलित आहार डाइट में लें
इस समय डायबिटीज को कम करने के लिए महिलाओं को साबुत अनाज, सब्जियों और प्रोटीन शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार शामिल करने चाहिए। साथ ही चीनी से बनी चीजों को खाने से बाहर करें।
नियमित रूप से व्यायाम करना
एक सही और संतुलित आहार लेने के बाद आपको शरीर से अतिरिक्त चर्बी को बाहर करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। एक्सरसाइज करने से महिलाएं पूरा दिन एक्टिव रहती हैं और उनके इंसुलिन के बनने की प्रक्रिया में सुधार होती है।
ब्लड शुगर की नियमित जांच करना
पीसीओएस में डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं को ब्लड शुगर की जांच नियमित तौर पर करनी चाहिए। साथ ही यदि शुगर का स्तर अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
दवा सही समय पर लेना
यदि आपको पीसीओएस के साथ डायबिटीज हो गई है तो डॉक्टर के द्वारा बताई दवाओं को समय पर लें। डायबिटीज को कंट्रोल करने में ये दवाएं तेजी से कार्य करती हैं। इन दवाओं को बिना भूलें सही समय पर सेवन करने से महिलाओं को डायबिटीज में आराम मिलता है।
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पर्याप्त नींद लेना
कई महिलाओं पीसीओएस में चिंता की वजह से नींद कम लेती हैं। पर्याप्त नींद न लेने से महिलाओं के शुगर के स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस वजह पीसीओएस में महिलाओं को करीब सात से नौ घंटे की पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। इससे पीसीओएस के अन्य खतरे कम हो जाते हैं।
पीसीओएस में महिलाओं को स्ट्रेस या तनाव नहीं लेना चाहिए , क्योंकि इसकी वजह से उनके मस्तिष्क में कई तरह की प्रक्रियाएं होती हैं जो हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती हैं। इस समय पीसीओएस के जोखिम कारकों से बचने के लिए महिलाओं को डॉक्टर से मिलकर आगे की रणनीति तैयार करनी चाहिए।
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