Oral Health Tips In Hindi: मुंह में दांत, मसूढ़े, गाल के भीतरी हिस्से, जीभ आदि होते हैं, जो सलाईवा से भीगे रहते हैं। ओरल स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नियमित तौर पर ब्रश करना और फ्लॉस करना बहुत जरूरी है, लेकिन अंदर से ओरल स्वास्थ्य बनाए रखना तभी संभव होता है, जब हम सेहतमंद व संतुलित आहार लें।
मुंह हमारे शरीर का पहला हिस्सा है, जहां से आहार गुजरता है और आहार से प्रभावित होने वाला भी यह पहला हिस्सा होता है। मुंह हमारे शरीर का आईना होता है, यानि मुंह शरीर में पनप रही बीमारी का संकेत प्रदर्शित करता है।
मात्रा व संरचना में आहार की हमारी पसंद ओरल कैविटी को अनेक तरीकों से प्रभावित करती है। पहले तो इससे जीभ, गाल एवं तलवे सहित ओरल म्यूकोसा की इंटीग्रिटी प्रभावित होती है और दूसरा इससे दांतों एवं जबड़ों की हड्डियों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसलिए मुंह की कठोर व मुलायम संरचनाएं आहार से प्रभावित होती हैं।
उदाहरण के लिए ज्यादा शुगर एवं कार्बोहाईड्रेट वाला आहार खाने या पीने से कैविटी हो सकती है, दांतों में सड़न हो सकती है और मसूढ़ों की बीमारी हो सकती है। पोषक तत्वों की कमी वाला आहार लेने से हड्डियों की शक्ति कम हो सकती है और मुलायम टिश्यू कमजोर होकर संक्रमण का आसानी से शिकार हो सकते हैं। जीभ पर मुलायम टिश्यू एवं कोटिंग का रंग भी खाए जाने वाले आहार की गुणवत्ता के अनुरूप बदल जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा पूरी दुनिया में किए गए विविध अध्ययनों से एकत्रित डेटा के प्राप्त प्रमाण इस बात की पुष्टि करते हैं कि अच्छा आहार लेने और अच्छा ओरल स्वास्थ्य बनाए रखने में पारस्परिक संबंध है।
मुंह के स्वास्थ्य के लिए सही आहार- The right food for oral health
1. सहज कार्बोहाईड्रेट (शुगर, कैंडी, चिपचिपे एवं मुलायम बेकरी उत्पाद, चॉकलेट) को जटिल चिपचिपाहट रहित कार्बोहाईड्रेट्स जैसे होल व्हीट ब्रेड, पोटैटो, स्वीट पोटैटो एवं चावल से प्रतिस्थापित कर देना चाहिए।
2. फाइबर से भरपूर एवं घर्षण करने वाले आहार में दांतों एवं ओरल म्यूकोसा को प्राकृतिक रूप से साफ करने के गुण होते हैं, इसलिए प्रिबायोटिक जैसे सलाद, कच्चे फल, एवं सब्जियां प्रोसेस्ड फूड के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद हैं।
3. प्रिबायोटिक्स जैसे दही, छेना मुंह में खराब बैक्टीरिया को अच्छे बैक्टीरिया से बदलते हैं, जो दांतों व मसूढ़ों को सेहतमंद रखने में फायदेमंद रहता है।
4. आहार में एंटी-ऑक्सीडेंट शामिल करें। विटामिन ए, सी, ई, ग्रीन टी एवं बेरीज़ (ब्लू बेरी, ब्लैक बेरी, स्ट्रॉबेरी, प्लम) आदि में पर्याप्त एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं। एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे मुंह में कोलेजन का बनना बढ़ाकर इसे संक्रमण से ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं।
5. कैल्शियम, फ्लोरीन, जैसे मिनरल्स शामिल करना एवं जिंक, कॉपल, मैग्नीशियम, पोटैशियम की थोड़ी सी मात्रा हड्डियों व दांतों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
6. ढ़ेर सारा पानी न केवल आहार के कणों को बहा देता है, बल्कि मुंह की संरचनाओं को गीला रखता है एवं जलन को दूर करता है।
7. लीन प्रोटीन का सेवन ओरल हड्डियों के तीव्र इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है। (दांतों की समस्याएं बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य पर डालती है बुरा असर)
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ओरल हेल्थ टिप्स
- आहार से बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर आयु वर्ग के व्यक्ति का ओरल हेल्थ से प्रभावित होते हैं। हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ हर व्यक्ति की पोषण की जरूरत बदल जाती है। बच्चों की वृद्धि की अवस्था में ऐसा आहार जरूरी होता है, जो जबड़ों की हड्डियों एवं ओरल संरचनाओं के विकास में मदद करे।
- किशोरावस्था में शरीर में अनेक हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसका सीधा प्रभाव मसूढ़ों की सेहत पर पड़ता है। इस अवधि में उचित आहार की योजना बहुत आवश्यक है। (मुंह में सफेद पैच या दाने ओरल कैंसर के हो सकते हैं संकेत)
- इसी प्रकार गर्भ एवं मेनोपॉज के दौरान ओरल स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए पोषक सप्लीमेंट्स की जरूरत बढ़ जाती है। ओरल कैविटी में सलाईवा का बहाव भी समय व व्यक्ति की उम्र के साथ परिवर्तित होता रहता है। इसलिए सलाईवा की क्वालिटी एवं मात्रा बनाए रखना बहुत जरूरी है, जो संतुलित आहार की दिनचर्या द्वारा ही संभव हो पाता है।
- हम अपने शरीर का पोषण अच्छे आहार, अच्छे विचारों एवं व्यायाम के द्वारा करते हैं, इसलिए शरीर को सही समय पर सही पोषण देना बहुत महत्वपूर्ण है, जो ओरल कैविटी में साफ दिखाई देता है। (सिर्फ ब्रश से ही नहीं इन तरीकों से रखें अपनी ओरल हेल्थ का ख्याल)
नोट: यह लेख क्लोव डेंटल की दंत रोग विशेषज्ञ (Paedodontics), डॉक्टर जयना गांधी से हुई बातचीत पर आधारित है।
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