
हम अक्सर मुंह की साफ-सफाई तो करते हैं, लेकिन मसूड़ों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान नहीं देते हैं। जबकि मसूड़ों की देखभाल न की जाए, तो इससे दांत कमजोर होने लगते हैं, मसूड़ों में सड़न और मसूड़ों से संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। कई बार ऐसा होता है कि दांतों में कोई समस्या नहीं होती है, लेकिन फिर भी मसूड़ों में समस्या बनी रहती है। ऐसा कई कारणों की वजह से हो सकता है जैसे सिगरेट या तंबाकू का सेवन करना, शरीर में विटामिन-सी की कमी होना और मुंह में गंदगी होना या फिर हार्मोनल बदलाव की वजह से भी यह प्रॉब्लम हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने दांतों का पूरा ख्याल रखें। इसके साथ अपने मसूड़ों की भी पूरी देखभाल करें। यहां हम आपको बता रहे हैं मसूड़ों को स्वस्थ रखने के उपाय।
मसूड़े की बीमारी क्या है?
मसूड़ों की समस्या किसी को भी हो सकती है। यह एक सामान्य स्थिति होती है, जिसमें मसूड़ों में सूजन या संक्रमण हो जाता है। मसूड़ों की बीमारी असल में प्लाक के कारण होती है। यह एक तरह का विषाक्त पदार्थ होता है। इसकी वजह से दांत सड़ सकते हैं और मसूड़ों में सूजन, दर्द, लालिमा और जलन होने जैसी समस्या हो सकती है। अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, मसूड़े में बीमारी होने पर आपको कुछ संकेत नजर आ सकते हैं, जैसे लगातार मुंह से बदबू आना, दांतों का कमजोर होना, मसूड़ों से खून निकलना, मसूड़ों में सूजन, लालिमा होना आदि।
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मसूड़ों को स्वस्थ रखने के तरीके
करें फ्लॉस
दिन में कम से कम एक बार फ्लॉस करें। फ्लॉस यानी एक पतले धागे की मदद से दांतों की सफाई करना। असल में फ्लॉस सिंथेटिक धागे का कहा जाता है, जो दांतों की सफाई के लिए उपयोग में लाया जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो खाने के दौरान कई ऐसी चीजें होती है, जो हमारे दांतों में फंस जाती हैं। हालांकि ब्रश की मदद से दांतों को क्लीन किया जा सकता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि ब्रश से दांतों के बीच चिपकी गंदगी नहीं निकलती है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि फ्लॉस किया जाए। फ्लॉस दांतों के बीच चिपके भोजन को हटाने में मदद करता है। वैसे तो यह बात ज्यादा मायने नहीं रखती है कि आप फ्लॉस किस समय कर रहे हैं। लेकिन एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि हर बार भोजन करने के बाद फ्लॉस किया जाना चाहिए।
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दांतों की क्लीनिंग करवाएं
अगर आप नियमित रूप से डेंटिस्ट से अपने दांतों की क्लीनिंग करवाते हैं, तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा। रेग्युलरली डेंटिस्ट के पास जाने की वजह से आपके मसूड़ों की बीमारी के शुरुआती लक्षणों का आसानी से पता भी चल जाता है। साथ ही लक्षणों के अधिक गंभीर होने से पहले उनका इलाज संभव हो पाता है। दांतों में अगर कोई गंभीर समस्या हो, तो एक्सपर्ट आपको उसके अनुरूप उपचार करते हैं। इसके अलावा नियमित रूप से सफाई करवाने की वजह से मसूड़ों की समस्या होने की आशंका भी कम हो जाती है।
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न करें धूम्रपान
धूम्रपान करने की वजह से भी मसूड़ों की समस्या हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो धूम्रपान की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। ऐसे में अगर आपको मसूड़ों से संबंधित कोई संक्रमण हो, तो वह आसानी से ठीक नहीं हो पाता है। इसके अलावा धूम्रपान करने की वजह से मुंह से बदबू आने की समस्या भी हो जाती है।
दो बार ब्रश करें
वैसे तो विशेषज्ञों का कहना है कि हर बार भोजन करने के बाद ब्रश किया जाना चाहिए। अगर यह संभव नहीं है, तो सुबह और शाम यानी कम से कम दो बार ब्रश जरूर करें। यह आपके दांतों और मसूड़ों के बीच फंसे खाद्य पदार्थ, गंदगी को हटाने में मदद करता है। ब्रश करने के लिए हमेशा मुलायम ब्रिसल्स वाले टूथब्रश का इस्तेमाल करें। इससे ब्रश करने से मसूड़ों को नुकसान नहीं पहुंचता है। साथ ही यह आपको अपनी जीभ को भी साफ रखना चाहिए, क्योंकि इसमें बैक्टीरिया जम सकते हैं।
माउथवॉश यूज करें
माउथवॉश भी मुंह की क्लीनिंग के लिए एक अच्छा विकल्प होता है। माना जाता है कि माउथ वॉश का यूज करने से मुंह में गंदगी नहीं जमती। साथ ही यह मसूड़े की सूजन को रोकने या कम करने में मदद कर सकते हैं। माउथवॉश का यूज सुबह और शाम के समय करें। इससे मुंह में फंसी गंदगी निकलती है और मुंह से आ रही बदबू भी खत्म होती है। वैसे आपको बता दें कि माउथ वॉश फ्लॉसिंग या ब्रश करने का विकल्प नहीं हो सकता है। इसके बावजूद माउथ वॉश के उपयोग से मसूड़ों की समस्या को कम किया जा सकता है।
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