बच्चा मानसिक रूप से परेशान है, तो पेरेंट्स इस तरह रखें उसका ध्यान

अगर बच्चे का किसी तरह की मेंटल हेल्थ इश्यूज हैं, तो पेरेंट्स को उनके साथ अलग तरह से पेश आना चाहिए।

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: May 11, 2023 18:00 IST
बच्चा मानसिक रूप से परेशान है, तो पेरेंट्स इस तरह रखें उसका ध्यान

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How To Handle Kids With Mental Health Issue In Hindi: ज्यादातर पेरेंट्स यह नहीं मानते हैं कि उनके बच्चे को भी मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं और उनके साथ एक सामान्य बच्चे की तरह पेश आते हैं। जबकि इस तरह के बच्चों के साथ पेश आने का तरीका और उन्हें संभालने का तरीका बिल्कुल भिन्न होता है। इस बारे में हर पेरेंट्स को पता होना चाहिए। हालांकि, इससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि आपके बच्चे को किस तरह की मेंटल हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं। इसमें एंग्जाइटी, डिप्रेशन और स्ट्रेस से लेकर अन्य गंभीर मानसिक विकार हो सकते हैं। ऐसे बच्चों को अगर इमोशनल सपोर्ट न दिया जाए, तो वे आत्महत्या करने की कोशिश भी कर सकते हैं। इसलिए उन्हें संभालते हुए हमेशा सतर्क और सावधान रहना जरूरी है।

How To Handle Kids With Mental Health Issue

कैसे पहचानें बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य सही नहीं है

जरूरी नहीं है कि आपके बच्चे को कोई गंभीर मानसिक समस्या हो, तभी आप उसके मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कुछ मेंटल हेल्थ इश्यूज ऐसे होते हैं, जिन्हें लाइफस्टाइल में बदलाव करके, ऐसे बच्चों की परवरिश को बेहतर तरीके से किया जा सकता है। आप भी जानें, क्या हैं वो लक्षण-

एंग्जाइटी (Anxiety): बच्चे को एंग्जाइटी होने पर बच्चा हमेशा डरा और सहमा रहता है। नतीजतन उसका शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।

डिप्रेशन (Depression): अगर बच्चा डिप्रेशन में है, तो वह अक्सर उदास, आशाहीन और निराशा से घिरा हुआ नजर आएगा। 

एडीएचडी (ADHD): यह समस्या होने पर बच्चे की एकाग्र क्षमतमा कमजोर होती है और उसका अपने कंपलसिव बिहेवियर पर नियंत्रण नहीं रहता है। कंपलसिव बिहेवियर यानी व्यक्ति खुद को गलत काम करने से नहीं रोक पाता।

ओसीडी (OCD): ओसीडी होने पर बच्चा एक ही काम को बार-बार दोहराता है और जुनून की हद तक करता है।

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पेरेंट्स क्या करें (Tips For Parents)

बच्चों के बिहेवियर पर गौर करें (Kid Behaviour): अगर आपके बच्चे को किसी तरह का मेंटल हेल्थ इश्यू है, तो उनके बिहेवियर पर हर समय कड़ी नजर रखनी चाहिए। आपको यह गौर करते रहना चाहिए कि उसके इमोशन में किस तरह के बदलाव हो रहे हैं। इसके साथ ही, पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे की स्थिति उसके स्कूल टीचर से शेयर करें ताकि वे भी बच्चे के बिहेवियर पर नजर रख सकें।

बच्चों के साथ पॉजिटिव रहें (Be Positive With Kids): अगर आपका बच्चा मेंटल हेल्थ इश्यू की वजह से गुस्सैल, आक्रामक या नेगेटिव हो गया है। ऐसी सिचुएशन में पेरेंट्स को चाहिए कि वे उम्मीद न खोएं और बच्चे के साथ अपना बिहेवियर पॉजिटिव रखें। बच्व्चे के अंदर पॉजिटिविटी को प्रमोट करने के लिए उसे ऐसी एक्टिविटी में इंवॉल्व करें, जिससे उसके मन से गलत बातें बाहर निकल सकें।

गाइडेंस दें (Guide your kid): जो बच्चे मेंटल हेल्थ की समस्या से पेरशान रहते हैं, वे अक्सर सही और गलत के बीच आसानी से फर्क नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आप उन्हें अपनी तरफ से सही गाइडेंस दें। लेकिन, ध्यान रहे कि बच्चे को ऐसा न लगे कि आप की उसकी लाइफ को अपने हिसाब से चला रहे हैं। आप उसकी राय और सलाह भी लें। उसकी निजता का भी सम्मान करें। साथ ही, समझदारी से अपनी बात भी उसके सामने रखें।

साइकोलॉजिस्ट के पास ले जाएं (Take To The Professionals): बतौर पर पेरेंट्स आपको सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि मेंटल हेल्थ इश्यूज से गुजर रहे बच्चों की परवरिश के तरीके अलग होते हैं। उनका सामान्य बच्चों की तरह पालन-पोषण नहीं कर सकते हैं। कई बार, इस तरह के बच्चों को समझने में समस्या आती है, उन्हें क्या पसंद आ रहा है और क्या नहीं, यह समझना भी एक बड़ी प्रॉब्लम बन जाती है। ऐसी सिचुएशन में पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे को प्रोफेशनल साइकोलॉजिस्ट या काउंसलर के पास ले जाएं। उनके सजेशंस को फॉलो करें और परवरिश के लिए उनकी दी गइडेंस को समझें।

image credit: freepik

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