घर और ऑफिस के तनाव से कैसे पाएं छुटकारा, जानें एक्‍सपर्ट टिप्‍स

कई पेशे ऐसे हैं जिनमें तनाव की वजह से घबराहट की समस्या पैदा हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे उम्मीद से कम पैसे मिलना, काम में बड़ी जिम्मेदारी जैसे पायलट का काम और फिर बड़ी रकम संभालने का काम जिसमें खतरा भी ज्यादा हो जैसा कि ब्रोकरेज़ फर्म में होता है। 
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घर और ऑफिस के तनाव से कैसे पाएं छुटकारा, जानें एक्‍सपर्ट टिप्‍स

दिन भर के काम के बाद रात के खाने में मनपसंद चीज़ें नहीं दिखी तो क्या आप झुंझला उठते हैं? क्या आसपास लोगों को देर तक फोन पर बात करते देख आपको गुस्सा आता है? मुमकिन है किसी ने आप से कहा हो कि आप गुस्सैल स्वभाव के हो गए हैं और शायद आप ने खुद भी अपने व्यक्तित्व में फ़र्क महसूस किया हो। यदि आपके घर पर सब सही चला रहा है (हालांकि दिमाग अपसेट हो तो यह तय करना भी कठिन होगा) तो यह समस्या शायद आपके काम की जगह पैदा हुई हो। महीनों या सालों तक एक-सा काम (जो क्रिएटिव कतई नहीं पर कठिन और नीरस दोनों हो सकता है) करते हुए आपको मानसिक तनाव जकड़ लेते हैं। इस बारे में कहा जा सकता है कि शायद इसी तनाव से बचने के लिए सप्ताह के अंत में छुट्टियों आती हैं ताकि आप मनोरंजन करें जिसका महत्व आज हम में अधिकांश लोग समझने की कोशिश नहीं करते हैं।

  

घर और ऑफिस के तनाव से कैसे छुटकारा पाएं? सबा फैमिली फाउंडेशन की फाउंडर मालिनी सबा बता रही हैं इन समस्‍याओं से पाने के निजात। 

कई पेशे ऐसे हैं जिनमें तनाव की वजह से घबराहट की समस्या पैदा हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे उम्मीद से कम पैसे मिलना, काम में बड़ी जिम्मेदारी जैसे पायलट का काम और फिर बड़ी रकम संभालने का काम जिसमें खतरा भी ज्यादा हो जैसा कि ब्रोकरेज़ फर्म में होता है। एक अन्य ऐसा काम काॅल सेंटर का है जहां लोगों को अक्सर गुस्साए ग्राहकों से बात करना होता है। 

हमें यह समझना होगा कि हमें ऐसे माहौल में काम करना है जो सब के लिए बराबर है। यदि आप इतने प्रतिभावन हैं कि बहुत कम उम्र में लाखों-करोड़ों जमा कर लें तो ही शायद इससे बच पाएं! पर बाकी बचे अधिकांश लोगों के लिए हमें यह देखना होगा कि वे कैसे अनावश्यक झुंझलाहट और तनाव को ऑफिस की खिड़की से बाहर फेंक कर छुटकारा पाने की कोशिश करें और साथ ही, देखें कि कितनी खूबसूरत हो सकती है यह जिन्दगी।   

कठिनाइयों को परे हटाएं और आगे बढ़ने का संकल्प लें

बार-बार समस्याओं की बात करने के बदले समाधान पर ध्यान दें। समस्याओं के घेरे से बाहर निकलें। दिमाग पर जोर डालें और आज से समाधान शुरू कर दें। बारी-बारी से समस्या उठायें और धैर्य से सब का समाधान करें। 

यदि आपको लगता है कि आपके सुपरवाइज़र में समस्याएं हल करने के लिए सही संवाद कौशल नहीं है तो बैठक करने का आग्रह कर सकते हैं जिसमें दोस्त की तरह बात होगी। लेकिन ऑफिस की शालीनता का ध्यान रखना जरूरी है चाहे परसिर कितना भी छोटा क्यों न हो।  

काम की जगह कतई तू-तू, मैं-मैं नहीं करें। हालांकि यदि बुनियादी सुविधा के अभाव में आप सही से काम नहीं कर पाते हैं तो मैनेजर को ज़रूर बताएं। छोटी-से-छोटी बातों को जानने की कोशिश करें जो आपके दैनिक काम-काज में बाधक हैं और इन समस्याओं का समाधान करें। काम का महौल बनने और बरकरार रखने के लिए इसमें निरंतर सुधार जरूरी है। किसी समस्या का केवल तत्काल समाधान देने से माहौल नहीं सुधरता है।

आपके वश से बाहर की चीज़ों पर काबू करना सीखें

हमें तनाव देने वाली अधिकांश चीज़ों पर हमारा वश नहीं चलता है। हालांकि यदि आप नामुमकिन को मुमकिन करने और इससे उबर कर निकलने की कला सीख लें तो आपका व्यक्तित्व और मज़बूत होगा और आप भविष्य में अधिक सफल रहेंगे। यदि किसी टार्गेट का डेडलाइन पूरा करने के लिए भाग रहे हैं या ऑफिस में काम करते हुए घर का कोई मसला चिंतित कर रहा हो तो ठहरिये - एक कदम पीछे लीजिए और वापस आइए। पहले अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित कीजिए और यह समझने की कोशिश कीजिए कि इनमें क्या है जो आपके वश में है। यदि जरूरत हो तो आपके डेस्क के अधूरे काम पूरा करने के लिए लोगों की मदद लीजिए। याद रखिए, काम में आपके सही निर्णय की बड़ी अहमियत है।

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प्यार की डोर

ऑफिस में किसी का अपने सहकर्मी से एकतरफा प्यार ऐसी घटना है जो अक्सर देखने में आती है। इसका उसके कार्य पर बुरा असर पड़ सकता है। धीरे-धीरे सबको यह दिखने लगता है कि उसका काम में मन नहीं लगता क्योंकि सब को उसका यह ‘राज’ पता है। यदि आप ऐसे प्यार में पड़ गए हैं तो इससे बाहर निकल आइए और समझदारी दिखाइये। आॅफिस में एकतरफा प्यार अधिक खतरनाक है। यह आपके कार्य-व्यवहार बदलने की बड़ी वजह सकती है - यही वजह है कि कई संगठन सहकर्मियों के बीच ऐसे रिश्तों पर पाबंदी लगाते हैं।

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अन्य लोगों से मेल-जोल कीजिए और इसके लिए समय निकालिए

छुट्टियां हम सभी के लिए जरूरी है और मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। ऐसे में अकेलापन कुछ लोगों को बेचैन कर सकता है और केवल काम से मतलब रखना भी अच्छी बात नहीं है। ऑफिस आपका दूसरा घर है जिसके नाम आपका आधा जीवन समर्पित होता है। लेकिन यदि घर पर परिवार के लोगों से आप हमेशा तर्क-विर्तक में लगे रहते हैं तो भला किस खुशी की उम्मीद कर सकते हैं! इसलिए आपको सीखना होगा कि ऑफिस में कठिन स्वभाव के लोगों का दिल कैसे जीतें और कैसे उनसे अपनापन बढ़ाएं। 

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