एक नैनी अर्थात आया चाइल्डकेयर यानी बच्चों की देखभाल में में मान्यता प्राप्त और योग्यता हासिल की हुई महिला होती है। उसे बच्चों की देखभाल और प्रबंधन में विशेषज्ञता हासिल होती है। नैनी दरअसल मां और परिवार की अनुपस्थिति या उपस्थिति में बच्चों के साथ रह कर उनका पोषण करती है और उन्हें शिक्षा देती है।
क्या करती है नैनी
नैनी का मुख्य काम बच्चों को किसी नुकसान से बचाना और उनकी अच्छी तरह से देखभाल करना होता है। बच्चों के लिए नैनी ढूंढना वाकई बड़ा काम होता है। आखिर आपके इस फैसले की गुणवत्ता और बारीकी का फर्क बच्चे के वर्तमान और भविष्य पर जो पड़ता है। हर माता पिता की यह चाहत होती है कि उनके बच्चों की देखभाल के लिए कोई अच्छा इनसान मिले जो उनके बच्चों की रक्षा, खान-पान का खयाल रखे और उन्हें प्यार दे सके।
टॉप स्टोरीज़
बच्चों का न महसूस हो कमी
माता-पिता की दिली चाहत होती है कि वे अपने बच्चों के लिए एक ऐसी नैनी ढूंढ पाएं जो उनकी अनुपस्थिति में भी उनकी कमी बच्चों को महसूस न होने दे। लेकिन ऐसी नैनी ढूंढने के लिए भला किन बातों का ध्यान रखना चाहिये। तो चलिेये जानें अपने बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ नैनी का चुनाव कैसे करें।
पुरानी बातों की जानकारी
नैनी का चुनाव करने से पहले उसके सभी दस्तावेजों, जैसे आईडी, फोटो, राशन कार्ड, घर का पता आदि ले लें। इन कागजात का सत्यापन भी करवा लें। संभव हो तो उसने पहले जहां काम किया है वहां के मालिक से भी राय जरूर लें। उसके पारिवारिक इतिहास के बारे में भी थोड़ी जांच-पड़ताल कर लें। सुनिश्चित कर लें की वह साफ-सफाई में कैसी है और उसे कोई संक्रामक बीमारी तो नहीं है। क्योंकि बच्चे किसी भी प्रकार के संक्रमण के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं। नैनी रखने से पूर्व एक बार उससे बात भी करें और जानने की कोशिश करें कि उसका मानवता, समाज और बच्चों के प्रति क्या नजरिया है।
जटिलताओं को समझें
आजकल पहले की तुलना में परिवार ज्यादा जटिल हो गए हैं। इस तरह की सुविधाओं के लिए आपको भारी कीमत चुकानी पड़ती है। वहीं बदलती जीवनशैली और बढ़ती जरूरतों के चलते अधिकांश शहरी माएं, बच्चे के पालन-पौषण के साथ-साथ काम भी करते रहना चाहती हैं। और ऐसे में उन्हें बच्चों की देखभाल के लिए नैनी की जरूरत पड़ती है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि नैनी रखने का निर्णय, उसके नुनाव की तैयारी और फिर उसका चुनाव सही तैयारी के साथ किया जाए। इसलिए पहले ही नैनी रखने से जुड़ी सभी जानकारियों को जुटा लें और उन्हे अच्छी तरह से समझ लें।
निर्णय पर गौर फरमाएं
इस बात पर गहन विचार और शोध कर लें कि नैनी को काम पर रखना आपके लिए सही समाधान है या नहीं। आपके लिए इसका सही उत्तर प्राप्त करने में निम्न सवाल मदद कर सकते हैं।-
- वास्तव में अपकी जरूरत क्या है?
- आप एक नैनी का खर्च उठा सकते/सकती हैं?
- क्या आप इसका कोई और विकल्प भी अपना सकते हैं?
- क्या आप सही नैनी ढूंढने के लिए तैयार हैं?
फीडबैक है जरूरी
आप अपने बच्चे और परिवार को बाखूबी जानती हैं। और इन बातों का ध्यान में रखकर ही आपको नैनी का चुनाव करना चाहिये। इस बात को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त रहें कि आपको फुल टाइम नैनी चाहिये अथवा पार्ट टाइम। आप ऐसी नैनी चाहती हैं जो हर वक्त आपके घर में रहे या फिर ऐसी जो रोजाना आपके घर एक तय वक्त के लिए आए। अपनी सभी जरूरतों की एक सूची बनाइये और उसी के हिसाब से नैनी का चुनाव कीजिये।
बेपरवाह न हों
नैनी के साथ कुछ दिन घर पर ही बिताइये। इससे उसे परिवार के साथ सामंजस्य बैठाने में आसानी होगी। वह घर, बच्चों और आपके रोजमर्रा के कार्यक्रम से अच्छी तरह परिचित हो जाएगी। नैनी आने का अर्थ यह नहीं कि आप बच्चों की ओर से बिलकुल बेपरवाह हो जाएं। बीच-बीच में जांच करते रहिये। परिवार के अन्य सदस्यों से भी इस बाबत जानकारी लेते रहिये कि नैनी का बर्ताव और कामकाज कैसा है।
नैनी की तलाश से पहले अपने बच्चे की जरूरत के बारे में सोचिये। नैनी का मुख्य काम बच्चे को परेशानी से बचाना है। उसकी देखभाल करना, उसे प्यार करना और उसे नयी व अच्छी चीजें सिखाना है। अच्छी नैनी वही है जो अपने अनुभवों को आपके साथ साझा करे।
Image Courtesy- getty images
Read More Articles on Parenting in Hindi