
नींद में चलने की समस्या को लोग बहुत अधिक गंभीरता से नहीं लेते हैं। अमूमन ऐसे लोगों और उनकी सिचुएशन का मजाक बनाया जाता है। लेकिन वास्तव में इस पर पर्याप्त ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है। ऐसे लोग अक्सर स्लीपवॉकिंग करते हुए खुद को चोटिल भी कर सकते हैं। अगर आपके घर में भी कोई स्लीपवॉकिंग करता है तो इसे हल्के में लेने के स्थान पर उसकी मदद करने का प्रयास करें। अमूमन इस स्थिति के लिए नींद की कमी को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जाता है। लेकिन कई बार कुछ अन्य चीजें जैसे शराब का सेवन व दवाओं आदि का सेवन भी इस समस्या को ट्रिगर करने का काम कर सकता है। यह कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका उपचार ना किया जा सके। बस आपको कुछ एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता है, जिसके बारे में आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं।
आसपास के माहौल को बनाएं सुरक्षित
नींद में चलने के कारण चोट लगने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसलिए आपको सभी जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। मसलन, सोने से पहले सभी खिड़कियों व बाहरी दरवाजों को बंद कर लें। यहां तक कि आप घर के अंदर कमरों के दरवाजे भी बंद कर दें या दरवाजे पर अलार्म या घंटी लगा दें। इससे जब व्यक्ति नींद में बाहर जाने का प्रयास करेगा तो आपको पता चल जाएगा। अगर घर में सीढ़ियां हैं तो वहां पर भी दरवाजा लगाएं और उसे सोने से पहले लॉक करें। ऐसा करने से व्यक्ति की मूवमेंट काफी कम होती है। हो सके तो ऐसे व्यक्ति के सोने की व्यवस्था ग्राउंड फ्लोर पर करें।
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तनाव को कम करने की कोशिश
अत्यधिक तनाव व्यक्ति की नींद को डिस्टर्ब करता है और फिर ऐसे में व्यक्ति स्लीपवॉकिंग करना शुरू कर देता है। ऐसे में आप सामने वाले व्यक्ति से बात करें और यह जानने की कोशिश करें कि ऐसा क्या है, जो उस व्यक्ति को परेशान कर रहा है। आप उसे पॉजिटिव करने की कोशिश करें। अगर फिर भी व्यक्ति खुद को तनाव में महसूस करता है तो ऐसे में आप उसे किसी एक्सपर्ट, काउंसलर से मिलवाएं। इसके बाद आप जल्द ही उनकी स्थिति को बेहतर होते हुए नोटिस करेंगे।
बेहतर नींद लेने में करें मदद
थकान, स्लीपवॉकिंग में योगदान दे सकती है। इसलिए, अगर किसी व्यक्ति को नींद में चलने की आदत है और वह सही तरह से नींद नहीं ले पा रहा है तो ऐसे में उसकी यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। ऐसे में आप उसे अच्छी नींद लेने में मदद करें। मसलन, आप उसके लिए एक बेडटाइम सेट करें। साथ ही, कोशिश करें कि वह व्यक्ति अपने सभी काम सोने से पहले खत्म कर ले। इसके अलावा, उसके बेडरूम से टीवी आदि हटा दें। जिससे वह अच्छी नींद ले सके। यदि संभव हो, तो जब वह सो रहा हो, तो उसके आसपास शोर न होने दें। इससे उसकी नींद में खलल नहीं पड़ेगी और वह अच्छी नींद ले सकेगा।
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शराब से दूर रहने को कहें
शराब भी स्लीपवॉकिंग के लिए एक ट्रिगर के रूप में काम करता है। इसलिए, अगर घर में किसी व्यक्ति को स्लीपवॉकिंग की आदत है तो कोशिश करें कि वह अल्कोहल से दूर रहे। आपको बात दें कि शराब पीने से रात में अच्छी नींद लेने में परेशानी हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को शराब पीने की आदत है और वह स्लीपवॉकिंग करता है तो ऐसे में उसकी शराब छुड़वाने के लिए डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते हैं। अगर व्यक्ति को किसी और तरह के नशा करने की आदत है, तो उसके लिए उसके जरूरी इलाज करवाएं।
अकेले ना सोने दें
अगर घर के किसी सदस्य को स्लीपवॉकिंग की आदत है तो ऐसे में उसकी सेफ्टी को देखते हुए आप उसे कमरे में अकेला ना सोने दें। ऐसा व्यक्ति अगर अकेला सोएगा, तो वह रात को उठकर अचानक स्लीप वॉक कर सकता है, जिसका किसी को पता भी नहीं चलेगा। बेहतर होगा कि उसके बेडरूम में अन्य कोई वयस्क व्यक्ति साथ में सोए। इससे स्लीपवॉकर का ध्यान रखना अधिक आसान हो जाता है।
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