आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में चिंता होना आम बात है लेकिन जब यही चिंता इस कदर बढ़ जाए कि आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने लगे तो इसे हल्के में लेना ठीक नहीं है। चिंता कई प्रकार की हो सकती है। यह कभी काम को लेकर हो सकती है तो कभी जॉब को लेकर तो कभी किसी अन्य बात की।
चिंता लेना आसान है लेकिन उससे पार पाना बहुत मुश्किल है। अक्सर चिंता पर काबू पाने के बारे में जानकारी ना होने से लोग अवसादग्रस्त हो जाते हैं। लोगों से मिलना, उनसे बात करना सब छोड़ देते हैं जो कि गलत है। आइए जानें चिंता को खत्म करने के उपायों के बारे में।
लंबी और गहरी सांस लें
आपको भले ही एहसास न हो, लेकिन चिंता की अवस्था में आपकी हार्ट बीट बढ़ जाती है। सांस ऊपर-नीचे होने लगती है। इसलिए जब भी आप पर चिंता या परेशानी का हमला हो, आप अपनी श्वसन प्रक्रिया को नियंत्रित कर लें। इस क्रम में आप दस बार लंबी सांस लें और छोड़ें। बस आपकी हार्ट बीट नॉर्मल हो जाएगी और आप टेंशन फ्री हो जाएंगे।
समस्या के बारे में लिखें
अगर आप वाकई चिंता का प्रबंधन करना चाहते हैं, तो चिंता की वजह को जानने का प्रयास करें। इसके बाद इसे कागज पर लिख लें। फिर सोचें कि इस समस्या का क्या हल हो सकता है? यदि संभव हो, तो उस पर तुरंत अमल करना शुरू कर दें।
खुली हवा में जाएं
जब आप बहुत ज्यादा चिंताग्रस्त हो जाएं तो खुद को थोड़ी देर खुली हवा में ले जाएं। इससे आपके दिमाग को शांति और सुकून मिलेगा जो आपकी चिंता को कम करने का काम करेगा।
वातावरण बदलें
कई बार आप ऐसे लोगों के आसपास रहते हैं जो नकारात्मक विचारों से भरे होते हैं। ऐसे लोगों हमेशा दूसरों को नुकसान पहुंचाने के बारे में ही सोचते रहते हैं । अगर आप ऐसे लोगों का साथ छोड़ देंगे और खुद में सकारात्मक विचार पैदा करेंगे तो काफी हद तक आप चिंतामुक्त हो सकते हैं।
चिंता बांटने में नहीं है बुराई
अगर आप अकेले अपनी समस्या से लड़ पाने में असमर्थ हो रहे हैं, तो अपनी परेशानी को किसी के साथ बांट सकते हैं। यदि सामने वाला आपका सच्चा हमदर्द हो, तो बेझिझक उसे अपनी परेशानी बताकर सुकून महसूस कर सकते हैं।
खुद पर ध्यान देना ना भूलें
यदि हम चिंता से घिरे हों, तो इस दौरान खुद का ख्याल भी नहीं रख पाते, जिससे हमारी लाइफ स्टाइल बिगड़ जाती है और समस्या घटने के बजाए और बढ़ जाती है। लिहाजा ऐसे वक्त में खुद की केयर करना ठीक रहेगा। ठीक ढंग से डाइट लेना और अच्छी नींद सोना, आपको दूसरी तकलीफों से बचाकर रखेगा। कहने का तात्पर्य है कि एंग्जाइटी में केयरलेस न हो जाएं, बल्कि केयरफुल बने रहें।
डेली रुटीन से ब्रेक लें
कई बार ऐसा होता है कि आपका डेली रुटीन ही आपकी चिंता का कारण बन जाता है, इसलिए इसमें भी थोड़ा परिवर्तन आपको लाभ दे सकता है, बशर्ते आपके आवश्यक कार्यो पर इसका कोई प्रभाव न पड़े।
मनपसंद काम करें
आप अपनी हॉबी को भी चिंता दूर करने का विकल्प बना सकते हैं। बुक रीडिंग, खेलना, संगीत सुनना आदि का शौक हो, तो आप कुछ ही देर में चिंता से मुक्त हो जाएंगे। या फिर आप अपने घर में लोगों से बातचीत भी कर सकते हैं। दरअसल बातें करने से आपके दिमाग से चिंतित होने की वजह दूर हो जाएगी और आपका ध्यान नई बातों या योजनाओं पर जाएगा, जिससे आपको राहत मिलेगी।
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