How to Cure a Uterus Ulcer: एक उम्र के बाद महिलाओं को प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां होती हैं। प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी न सिर्फ महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि मानसिक तौर पर भी काफी पीड़ादायक होती है। बढ़ती उम्र में महिलाओं को होने वाली एक ऐसी ही समस्या है बच्चेदानी में छाले (Uterine Ulcers या Cervical Erosion/Ulcers)। बच्चेदानी के छाले पर सही समय पर ध्यान न दिया जाए, तो ये प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करके भविष्य में गर्भधारण में मुश्किल का कारण बन सकता है।
इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं बच्चेदानी में छाले क्यों होते हैं और इसे ठीक करने के लिए आपको क्या करना चाहिए। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने फरीदाबाद स्थित क्लाउडनाइन अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग सलाहकार डॉ. शैली शर्मा (Dr. Shailly Sharma, Senior Consultant Gynaecology and Associate Director at Cloudnine Hospital, Faridabad) से बात की।
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बच्चेदानी में छाले क्यों होते हैं- What are uterine ulcers
डॉ. शैली शर्मा का कहना है कि बच्चेदानी में छालों की समस्या को मेडिकल भाषा में सर्वाइकल अल्सर, यूटराइन फाइब्रॉइड्स या एंडोमेट्रियल अल्सर कहा जाता है। किसी भी महिला को ये स्थिति तब होती है, जब गर्भाशय ग्रीवा की अंदरूनी परत की कोशिकाएं बाहर की ओर आ जाती हैं। इसके कारण बच्चेदानी के अंदरूनी परत पर घाव, लालिमा और सूजन की समस्या होती है।
बच्चेदानी में छाले के लक्षण क्या हैं- What are the symptoms of uterine ulcers
बच्चेदानी में छाले के मुख्य लक्षण नीचे बताए गए हैं :
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना
पेट में भारीपन
योनि से असामान्य ब्लीडिंग की परेशानी
कमर और पेट के निचले हिस्से में दर्द
अगर किसी महिला में ये लक्षण लंबे समय तक बनें रहते हैं, तो उन्हें स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
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बच्चेदानी के छाले कैसे ठीक करें- How to Cure Uterus Ulcer
डॉ. शैली शर्मा के अनुसार, बच्चेदानी में छालों की समस्या होने पर इसका इलाज छालों के साइज और छालों में होने वाली समस्या से आधार पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में आयरन सप्लीमेंट और एंटीबैक्टीरियल दवाओं के जरिए बच्चेदानी के छालों में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है।
1. एस्ट्रोजन आधारित दवाएं
यदि किसी महिला को बच्चेदानी के छाले की समस्या हार्मोन असंतुलन के कारण हुई है, तो इसका इलाज एस्ट्रोजन आधारित दवाओं से किया जाता है।
2. हार्मोनल थेरेपी
अगर बच्चेदानी के छाले की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो महिलाओं को शल्य चिकित्सा और हार्मोनल थेरेपी देने की सलाह दी जाती है। ये थेरेपी छालों के घाव को रिपेयर करते हैं, जिससे दर्द और सूजन की समस्या खत्म होती है।
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3. क्रायोथेरेपी या लेजर थेरेपी
आजकल बच्चेदानी के छालों को ठीक करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है, जिसमें बिना बड़े चीरा या किसी भी अन्य प्रकार का कट लगाए छालों को खत्म किया जाता है। ये सर्जरी पूरी तरह से छालों को खत्म कर देती है।
बच्चेदानी के छाले की पहचान कैसे होती है- How are uterine ulcers diagnosis
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि बच्चेदानी के छाले की पहचान कई तरीकों से की जाती है। जिनमें शामिल हैंः
1. पेल्विक टेस्ट (Pelvic Exam): इस स्थिति में डॉक्टर गर्भाशय की जांच हाथों के जरिए करते हैं। अगर इस दौरान उन्हें किसी प्रकार की असामान्यता महसूस होती है, तो अन्य प्रकार के टेस्ट करवाए जाते हैं।
2. पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear): पेल्विक टेस्ट के दौरान अगर कोई परेशानी आती है, तो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं लेकर जांच की जाती है कि कहीं कैंसर की संभावना तो नहीं।
डॉ. शैली शर्मा का कहना है कि बच्चेदानी के छाले जैसी स्थिति में महिलाओं को घरेलू उपचार और घरेलू नुस्खों को बिल्कुल भी नहीं अपनाना चाहिए। इस स्थिति में सिर्फ डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का ही सेवन करना चाहिए।
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निष्कर्ष
बच्चेदानी के छाले आम समस्या हो सकती है लेकिन समय पर जांच और इलाज जरूरी है। अगर आपको अनियमित पीरियड्स, पेशाब के दौरान जलन और यौन संबंध बनाते समय दर्द की परेशानी लंबे समय से हो रही है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें और समय पर बच्चेदानी के छालों का इलाज करवाएं।
FAQ
बच्चेदानी में छाले क्यों होते हैं?
बच्चेदानी में छाले होने के कई कारण होते हैं। इसमें असुरक्षित यौन संबंध, हार्मोन असंतुलन, खाने में पोषण की कमी और गर्भपात शामिल है। कुछ मामलों में पीरियड्स की अनियमितता के कारण भी बच्चेदानी में छालों की परेशानी देखी जाती है।बच्चेदानी में जख्म होने से क्या होता है?
बच्चेदानी में जख्म (गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा पर ज़ख्म) होना एक गंभीर स्थिति है। गर्भाशय में छालों का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो ये वजाइना में दर्द, बदबूदार और असामान्य ब्लीडिंग, अनियमित ब्लीडिंग जैसी कई परेशानियों का कारण बन सकता है।बच्चेदानी में इन्फेक्शन के क्या लक्षण हैं?
बच्चेदानी में इन्फेक्शन का प्रमुख लक्षण पीरियड्स के दौरान होने वाला बदलाव और वजाइना से होने वाला बदबूदार डिस्चार्ज है। अगर किसी महिला को ये समस्या 2 सप्ताह से ज्यादा समय तक होती है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए और इसका इलाज करवाना चाहिए।