अगर आप जिम के चक्करों में नहीं पड़ना चाहते हैं, तो अपने लिए कुछ ऐसी एक्सरसाइज का चुनाव करें जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हों। अक्सर फिट रहने की चाह में लोग ऐसी एक्सरसाइज का चुन लेते हैं जो उनके शरीर के मुताबिक नहीं होतीं।
व्यायाम करने से पहले आपको अपने शरीर के बारे में भली-भांति पता होना चाहिए। अपने शरीर की जरूरत को समझें और उसके बाद उचित व्यायाम का चुनाव करें। हर व्यक्ति के शरीर की जरूरत अलग होती है। किसी को अपनी बॉडी को 'टोन्ड-अप' करना होता है, तो कोई वजन घटाने या शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए व्यायाम करता है।
लाइट वेट ट्रेनिंग
अपनी फिटनेस को बरकरार रखने के लिए पूरे शरीर के लिए हल्का-फुल्का वर्कआउट करना जरूरी है। योग और वॉकिंग दोनों शरीर का स्टैमिना बढ़ाते हैं। लेकिन, बॉडी की टोनिंग और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए लाइट वेट ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। वजन सही है या नहीं, यह चेक करने के लिए कम से कम 10-12 पुश अप करें। अगर आपको मांसपेशियों पर भार महसूस होता है, तो वजन सही है। वेट ट्रेनिंग को टांगों, हैमस्ट्रिंग, बाइसेप, ट्राइसेप और चेस्ट मसल्स पर किया जाना चाहिए। हालांकि इसका फोकस पूरी बॉडी पर होना चाहिए।
वॉकिंग
अगर आप नियमित रुप से वॉकिंग करें तो यह एक अच्छा वर्कआउट साबित हो सकता है। आप 20 से 25 मिनट तक वॉक कर सकते हैं और हर महीने के साथ अपनी वॉकिंग स्पीड व दूरी बढ़ाते चलें। आपकी स्पीड सही है या नहीं, यह पता लगाने के लिए आप वॉक करते समय बात करके देखें। अगर आप आराम से बोल पाते हैं, तो इसका मतलब है कि आप सही स्पीड पर वॉक कर रहे हैं। अगर ऐसा नहीं होता है, तो आप अपनी स्पीड कम कर लें। वॉक करने से आपका स्टेमिना बढ़ेगा और फेफड़े भी मजबूत रहेंगे।
कॉर्डियो
कार्डियो एक्सरसाइज सामान्यत: हृदय के लिए होती है। यह हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ ही गंभीर समस्याओं से भी बचाती है। इस एक्सरसाइज के दौरान ध्यान रहे कि टीएचआर यानी टार्गेट हार्ट रेट की अनदेखी न हो जाए। टार्गेट हार्ट रेट की गणना के लिए टीएचआर कैलकुलेटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको पता रहेगा कि कितना हद तक व्यायाम करने पर आप अच्छा महसूस करते हैं। साथ ही टीएचआर जानकर ही आप अपने व्यायाम का स्तर और समय बढ़ाएं।
अब्डॉमिनल क्रंचेज
जमीन पर कमर के बल सीधे लेटें और अपने दोनों पैरों को कैंची की तरह मोड़ लें। उसके बाद अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे ले जाएं। हाथों के सपोर्ट से बॉडी को ऊपर उठाएं और दोनों कुहनियों को घुटनों से टच करें। कोहनी को घुटनों से टच करते वक्त सांस खींचें और वापस आते वक्त सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को 8 से 12 बार करें।
बॉडी स्ट्रेच
अपनी दैनिक आदतों में बॉडी स्ट्रेच की आदत डालें। यह आदत शरीर में लचीलेपन को बनाए रखेगी और आपको ऊर्जावान बनाएगी। सुबह के समय बिस्तर छोड़ने से पहले स्ट्रेचिंग व कंप्यूटर पर देर तक काम करने के बीच अगर थोड़ी सी स्ट्रेचिंग कर ली जाए तो शरीर में नयी ऊर्जा का संचार होने के साथ ही लचीलापन भी बना रहता है।
तो अगर आप इन व्यायामों को अनाएंगे तो आसानी से सेहत का नजराना पा सकते हैं। तो, अब इंतजार किस बात का है, चलिए उठिये और शुरू कीजिए कसरत। याद रखिए, वो कहते हैं ना जो सोवत है सो वो खोवत है, जो जागत है सो पावत है।
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