कहीं आप भी तो नहीं खा रहे मिलावट वाला बेसन? जानें कैसे करें असली और नकली बेसन की पहचान

आज कल बाजारों में मिलावटी बेसन मिलना आम हो गया है, आप इस लेख में बताये गए तरीकों से असली और नकली बेसन की पहचान कर सकते हैं।
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कहीं आप भी तो नहीं खा रहे मिलावट वाला बेसन? जानें कैसे करें असली और नकली बेसन की पहचान

भारत के लगभग सभी घरों की रसोई में बेसन का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में जरूर किया जाता है। चाहे वह बेसन से बनने वाले पकौड़े हों या बेसन के लड्डू, ये पकवान सबको बेहद पसंद होते हैं। बेसन (Gram Flour) की तरह से ही भारत की रसोई में रोजाना कई तरह के मसालों, दाल, तेल आदि का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि पिछले कुछ सालों से इन सभी खाद्य सामग्री की शुद्धता और इनमें होने वाली मिलावट चिंता का विषय बन गयी है। आज के दौर में बाजार में बिकने वाला ऐसा कोई भी सामान नहीं है जिसमें मिलावट न की जाती हो। किचन में रोजाना इस्तेमाल होने वाले मसाले से लेकर दूध, तेल, दाल, घी, चीनी जैसे सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट होती है। बेसन, जिसका इस्तेमाल लगभग रोजाना किया जाता है भी मिलावट से दूर नहीं है। ऐसे में इन पदार्थों का सेवन करने से हमारे स्वास्थ्य पर भी असर होता है। बेसन में किस तरह से मिलावट की जाती है और कैसे करें असली और नकली बेसन की पहचान? आइए जानते हैं।

कैसे होती है बेसन में मिलावट? (How is Besan Adulterated?)

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बेसन सामान्यतः चने को पीसकर बनाया जाता है। घरों में रोजाना किसी न किसी रूप में इसका इस्तेमाल होने से इसकी मांग भी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में मुनाफाखोरी करने की नीयत से कुछ लोग इसमें दूसरे आटे को मिलाकर बेचने का काम करते हैं। बेसन में सबसे ज्यादा मक्के का या गेंहू का आटा मिलाकर इसे बेचा जाता है। नकली बेसन बनाने के लिए लोग तरह-तरह की तरकीब अपनाते हैं। कुछ लोग तो बेसन में मटर दाल, सूजी, चावल पाउडर, मक्के और खेसारी के आटे को मिलाकर इसे बनाने का काम करते हैं। इस मिलावट में लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक बेसन होता है और बाकी दूसरे आटे होते हैं। हालांकि मिलावट को लेकर सरकार का नियम बेहद शख्त है, ऐसा करते हुए पाए जाने पर सजा का भी प्रावधान है लेकिन फिर भी लोग ऐसा करने से बाज नहीं आते हैं।

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कैसे करें असली और नकली बेसन की पहचान? (How to Check Purity of Gram Flour or Besan?)

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किचन में मौजूद लगभग सभी खाद्य पदार्थों में मिलावट होती है। मिलावटी बेसन का सेवन करने से सेहत पर बुरा असर भी होता है और ऐसे में पकवान का सही स्वाद भी नहीं मिलता है। अगर आप बेसन की शुद्धता को लेकर चिंतित हैं तो आप इसकी जांच कर सकते हैं। यह पता करने के लिए कि जिस बेसन को आप खरीदने जा रहे हैं या जिसका आप इस्तेमाल कर रहे हैं वो असली है या नकली, आपको एक छोटा सा टेस्ट करना पड़ेगा। 

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हाइड्रोक्लोरिक एसिड की सहायता से जानें बेसन असली है या नकली 

आप घर पर आसानी से हाइड्रोक्लोरिक एसिड की सहायता से असली और नकली यानि कि मिलावटी बेसन की पहचान कर सकते हैं। घर पर असली और नकली बेसन की जांच करने के लिए सबसे पहले आप किसी बर्तन में लगभग 3 या 4 चम्मच बेसन लेकर उसे पानी में घोल दीजिये। पानी में बेसन को घोलने के बाद उसमें एक से दो चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड डाल दीजिये। इसे डालने के कुछ देर बाद अगर आपके बेसन में कोई और रंग दिखाई दे तो समझ जाइये कि आपके बेसन में मिलावट की गयी है। अगर ये बेसन बिना मिलावट वाला होगा तो इसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालने के बाद भी कोई दूसर रंग नहीं दिखाई देगा।

नींबू के रस से करें असली और नकली बेसन की पहचान

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आप नींबू के रस की सहयता से भी असली और नकली बेसन की पहचान कर सकते हैं। आप जिस बेसन का इस्तेमाल कर रहे हैं उसमें मिलावट की गयी है या नहीं ये जानने के लिए आपको नींबू के रस के साथ 2 चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड की जरुरत पड़ेगी। इसकी जांच करने के लिए आप दो चम्मच बेसन में दो चम्मच नींबू का रस मिला लें। अब इसके बाद इस मिश्रण में  2 चम्मच हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलकर इसे थोड़ी देर के लिए रख दें। अगर इसमें कुछ देर बाद लाल या भूरा रंग दिखाई दे या पूरा बेसन लाल या भूरे रंग में बदल जाए तो इसका मतलब आपका बेसन मिलावटी है। इसमें दूसरे आटे की मिलावट जरूर की गयी है।

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हमें उम्मीद है कि असली और नकली बेसन की पहचान से जुड़ी यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। अगर आप नकली बेसन का सेवन लगातार करते हैं तो इसकी वजह से आपको जोड़ों का दर्द, पेट से जुड़ी समस्याएं और विकलांगता जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। बाजार से लाये हुए बेसन का इस्तेमाल करने से पहले आप उपर बताई गयी विधियों द्वारा बेसन में मिलावट की जांच कर सकते हैं।

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