
जिंदगी में अनावश्यक ड्रामें के लिए काफी हद तक हम स्वयं जिम्मेदार होते हैं, इसलिए इस ड्रामें को पहचान करके उससे दूर रहने की कोशिश कीजिए, ऐसे रिश्तों से भी दूरी बनायें जो ड्रामेबाज हों।
जीवन में अनावश्यक ड्रामा कई प्रकार की मुसीबतें लेकर आता है, चाहे वह आपसी संबंधों को लेकर हो या फिर व्यावसायिक संबंधों को लेकर हो। शायद ही कोई ऐसा होगा जो इन ड्रामों से रूबरू न होता होगा।
जीवन में अनावश्यक रूप से आने वाले ये ड्रामे आपको अशांत कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि इनकी पहचान करें और इनसे दूर रहने की कोशिश करें। इस लेख में जानिये अनावश्यक ड्रामे को कैसे हैंडल करना चाहिए।
ड्रामे को पहचाने
जिंदगी के अनावश्यक ड्रामे से बचने के पहले चरण में जरूरी है कि आप उसे पहचानें। यह जानने की कोशिश कीजिए कि इसमें आपकी भूमिका कहां तक है। अनावश्यक ड्रामा तभी होता है जब आपकी चाहत और इच्छाओं का दायरा बढ़ता है। यानी आपकी जिंदगी में होने वाले अनावश्यक ड्रामे के लिए आप पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।
दूसरों को बेवजह तरजीह न दें
अनावश्यक ड्रामा आपके ही किये हुए आचरण का परिणाम हो सकता है। क्योंकि इसमें आपने पहले रुचि ली है या फिर ऐसे लोगों से आपने नजदीकी बढ़ाई है जो इस तरह का व्यवहार करते हैं। अगर आप इससे ऊब गये हैं तो ऐसे लोगों की पहचान कीजिए और उनसे दूर रहने की कोशिश कीजिए। ऐसे लोगों को बिलकुल भी तरजीह न दें।
इसके बारे में न सोचें
जिंदगी में कई तरह की मुसीबतें आती हैं और हमारी दोस्ती अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोगों से होती है। जिंदगी के उतार-चढ़ाव के लिए हम और हमारे आसपास का वातावरण सबसे अधिक योगदान करता है। जिंदगी का अनावश्यक ड्रामा भी उसका ही परिणाम होता है, अगर इससे आपको अधिक परेशानी हो रही है तो कोशिश कीजिए कि उसके बारे में बिलकुल भी न सोंचे।
स्वयं को वरीयता दें
खुद के जीवन में अनावश्यक ड्रामे की बाढ़ तब अधिक आती है जब हम सामाजिक हो जाते हैं और दूसरों के मामलों में दखल देने लगते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हम दूसरों का भला करने की कोशिश करते हैं लेकिन उसका गलत परिणाम हमपर ही हो जाता है। इसलिए जरूरी है ऐसे मामलों से दूर रहें और खुद की जिंदगी को अधिक वरीयता दें।
सही रिश्ते की पहचान जरूरी है
कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं जो दिखावे पर अधिक जोर देते हैं, ऐसे रिश्ते अनहेल्दी होते हैं, और ये जिंदगी में ड्रामे की तरह होते हैं। इन रिश्तों की पहचान कीजिए और इनसे दूर रहने की कोशिश कीजिए। अगर इन रिश्तों से दूरी नहीं बना पा रहे हैं तो कोशिश कीजिए इनके साथ कम से कम वक्त गुजारें।
सीधी बात करें
अगर आप बातों को घुमाकर बोलेंगे तो उसमें खुद ही फंस जायेंगे, इसलिए दिखावे पर जोर न दें और सीधी बात करें। क्योंकि दिखावा करने के लिए आपको झूठ का सहारा लेना पड़ता है और उस झूठ को छिपाने के लिए आप कई और झूठ बोलते हैं, ऐसे में आप खुद के लिए मुसीबत खड़ी करते हैं। इसलिए सीधी बात करने की आदत डालिए।
जिंदगी के ये अनावश्यक ड्रामें इससे पहले की आपके लिए मुसीबत बन जायें इन्हें समाप्त करने की कोशिश कीजिए।
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