सिगरेट की लत के बारे में कहते है कि यह लगती तो आसानी है, लेकिन छूटती आसानी से नहीं है। लेकिन स्मोकिंग से होने वाले नुक्सानों को देखते हुए इसे छोड़ देना ही बेहतर है,और इस लत से छुटकारा भी पाया जा सकता है। बस, जरूरत है तो मजबूत इच्छाशक्ति की। धूम्रपान करने वालों को अक्सर लगता है कि अगर वे धम्रपान छोड़ देंगे तो उनके जीवन की गुणवत्ता कम हो जाएगी, लेकिन ऐसा सोचना गलत है। जो लोग धूम्रपान से किनारा कर लेते हैं, वे धूम्रपान करने वालों की तुलना में कहीं ज्यादा संतुष्ट, स्वस्थ और खुश रहते हैं।यदि आप कुछ टिप्स आजमाएंगे तो यकीनन आप धूम्रपान की आदत से छुटकारा पा सकते हैं। यहां हम बता रहे हैं आपको कुछ नुस्खे, जिससे आप अपनी आदत छोड़ सकते हैं।
आत्मसंयम
दॄढ़ निश्चय के बाद दूसरी सबसे जरुरी चीज जो आपको चाहिए, वो है आत्मसंयम। यदि आप खुद पर कंट्रोल नहीं रख पाएंगे तो सारा किया-धरा धुएं मे उड़ जाएगा। इसलिए आत्मनियंत्रण बहुत जरुरी है। हो सकता है शुरुआत मे दिक्कत आए , लेकिन खुद पर यकीन रखिए कि आप कर सकते हैं।
आप अपने परिवार की एक ग्रुप फोटो अपने पास जरूर रखें। जब भी आप सिगरेट पीये, तो धुएं के आर-पार उस फोटो को देखें। धुएं के पार फोटो देखने से आपको लगेगा कि आप सिगरेट पी रहे है, लेकिन धुआं आपका परिवार झेल रहा है। यकीन मानिए धीरे-धीरे आपको अपनी सिगरेट पीने की आदत से चिढ़ होने लगेगी।कभी भी जल्दबाजी या आवेश मे आकर सिगरेट छोड़ने का फैसला न करें। यदि आप तैश मे आकर सिगरेट छोड़ने की कसम खाते हैं, तो यकीनन आपका दिमाग अगले ही पल कसम तोड़ने के बहाने तलाशने लगेगा। इसलिए सिगरेट छोड़ने का फैसला पूरे होश-ओ-हवास में करें।
सिगरेट को समय से जोड़ें
अक्सर लोग जब खुश होते है तो सिगरेट पीते है, दु:खी होते है तो सिगरेट पीते है, टेंशन मे होते है तो पीते है। सबसे पहले तो आपको सिगरेट की फ्रिक्वेंसी पर लगाम लगानी पड़ेगी। आठ घंटे या दस घंटे मे एक सिगरेट। यदि आप चेनस्मोकर है तो आठ घंटे की फ्रिक्वेंसी सैट करिए और यदि आप दिन मे कभी कभार पीने वाले है तो 48 घंटे की फ्रिक्वेंसी सही रहेगी। वैसे यह व्यक्ति दर व्यक्ति अलग हो सकती है। स्ट्रैस होने पर सिगरेट पीने का मन करता है। पहले अपने तनाव के कारण खोजें। उन पर विचार करके उनका हल तलाशें। यह सॉल्यूशन अपने मन पसंद कामों से हो सकता है। संगीत सुनना, खेलना, फिल्म देखना, किताबें पढ़ना, सैर-सपाटा या जो कुछ भी आपको पसंद हो, तनाव दूर करने के लिए करें। स्ट्रैस कम रहेगा तो तलब भी कम लगेगी।
अपनी ऐशट्रे को साफ मत करिए
आप जितनी चाहे सिगरेट पीजिए, लेकिन अपनी ऐशट्रे को साफ मत करिए, ये आपको याद दिलाती रहेगी कि आपने कितनी सिगरेट पी है। यदि आप अलग-अलग जगहों पर सिगरेट पीते है, तो आप बुझी सिगरेट की बट अपने साथ घर ले आएं और घर मे एक गिलास मे सारे बट डालकर रखें, ताकि आपको यह पी हुई सिगरेट की याद दिलाता रहे।जब भी आपके पास खाली समय हो आप इंटरनेट, अखबार या किताब में सिगरेट पीने के बुरे परिणामों वालों लेख जरूर पढ़ें।जिस दिन आप सिगरेट छोड़ने का मन बनाएं, उसी दिन अपना सिगरेट का पुराना स्टॉक सबसे पहले हटाएं। जब भी आपको सिगरेट की तलब लगे, तो आप जाकर सिर्फ़ एक सिगरेट लेकर आएं और पीयें।
अपने द्वारा प्रतिदिन पी जाने वाली सिगरेटों की संख्या कम करें। हर बार सिर्फ आधी ही सिगरेट पीएं। सिगरेट के किसी ऐसे ब्रांड को भी ट्राई कर सकते हैं जो आपको बिलकुल पसंद नहीं। यह भी आपको मदद करेगा।