मोटापा और डिप्रेशन (अवसाद) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक अध्ययन की मानें तो अगर आप में इन दोनों में से किसी एक की मौजूदगी है तो दूसरा खुद-ब-खुद आपके पास चला आता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति मोटा है तो अक्सर डिप्रेशन उसे घेर लेता है। इसी तरह डिप्रेशन के शिकार लोग मोटापे की गिरफ्त में आ जाते हैं। अपने अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि मोटे लोगों के अवसाद से ग्रसित होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि वे खुद को हमेशा दूसरों की अपेक्षा कमतर आंकते हैं। मोटे लोग अक्सर नकारात्मक सोच रखते हैं जो अवसाद का प्रमुख कारण है।
'क्लीनिकल साइकोलाजी' जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार महिलाएं और उच्च वर्ग के लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि डिप्रेशन के शिकार लोगों के हार्मोन और प्रतिरक्षा तंत्र में कुछ बदलाव आते हैं जिससे वे मोटापे की ओर बढ़ने लगते हैं।
शोधकर्ताओं के अनुसार डिप्रेशन और मोटापे से निजात पाने के लिए बेहतर इलाज की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि दोनों का इलाज एक साथ किया जाना चाहिए। शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे लोगों को योग और व्यायाम से काफी लाभ मिल सकता है।
मोटापा और डिप्रशन देता है थायराइड
आज के समय में इन्फर्टिलिटी, वजन बढ़ जाना और अवसाद सामान्य बीमारियां है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ये थायराइड की समस्या की शुरुआत हो सकती है। अधिकांश लोगों को इस बात की कोई खास जानकारी न होने के कारण इस रोग की पहचान काफी मुश्किल हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार 4 करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा भारतीयों को थायराइड की समस्या है। डायबीटीज के बाद सबसे ज्यादा लोग थायराइड की समस्या के शिकार हैं और वजन बढ़ने व डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे 90 प्रतिशत लोगों को जानकारी ही नहीं है कि उन्हें थायराइड की शिकायत है।
मोटापा और डिप्रशन देता है थायराइड
आज के समय में इन्फर्टिलिटी, वजन बढ़ जाना और अवसाद सामान्य बीमारियां है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि ये थायराइड की समस्या की
शुरुआत हो सकती है। अधिकांश लोगों को इस बात की कोई खास जानकारी न होने के कारण इस रोग की पहचान काफी मुश्किल हो जाती है। विशेषज्ञों के
अनुसार 4 करोड़ 20 लाख से भी ज्यादा भारतीयों को थायराइड की समस्या है। डायबीटीज के बाद सबसे ज्यादा लोग थायराइड की समस्या के शिकार हैं
और वजन बढ़ने व डिप्रेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे 90 प्रतिशत लोगों को जानकारी ही नहीं है कि उन्हें थायराइड की शिकायत है।