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कैंसर के इलाज के लिए की जाने वाली थेरेपी का फर्टिलिटी पर क्या असर पड़ता है? जानें डॉक्टर्स की राय

कैंसर का इलाज के लिए उपयोग की जानें वाली तकनीक से इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टर से जानते हैं इस बारे में। 
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कैंसर के इलाज के लिए की जाने वाली थेरेपी का फर्टिलिटी पर क्या असर पड़ता है? जानें डॉक्टर्स की राय


कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और कैंसर इम्यूनोथेरेपी जैसे कैंसर उपचारों ने ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इन तकनीकों से अनगिनत रोगियों के लिए उपचार की नई दिशा मिली है। हालांकि, इन उपचारों से फर्टिलिटी क्षमता पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को भी नकारा नहीं जा सकता है। कैंसर को जो मरीज इस बीमारी के बाद परिवार को बढ़ाने की इच्छा रखते हैं उनके लिए ये जानना बेहद आवश्यक है कि कैंसर के उपचार की तकनीकों को अपनाने के बाद फर्टिलिटी पर क्या असर पड़ता है। इस लेख में मैक्स मल्टी सुपरस्पेशिलिएटी सेंटर, पंचशील पार्क की इंफर्टिलिटी और आईवीएफ विभाग की डायरेक्टर सुरवीन घुमान सिंधू से जानते हैं कि कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी व कैंसर इम्यूनोथेरेपी के बाद फर्टिलिटी पर क्या प्रभाव पड़ते हैं।

कैंसर के इलाज की थेरेपी से फर्टिलिटी पर क्या असर पड़ता है : How Does Therapy For Cancer Affect Fertility In Hindi

कीमोथेरेपी और फर्टिलिटी :

कीमोथेरेपी कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए शक्तिशाली दवाओं का उपयोग किया जाता है। इस इलाज में शामिल दवाओं का फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है। मरीज की फर्टिलिटी पर कीमोथेरेपी का प्रभाव उसके द्वारा ली गई दवाओं की खुराक और इलाज के समय पर निर्भर करता है। कुछ कीमोथेरेपी दवाएं अंडाशय (ओवरी) या अंडकोष (टेस्टीकल्स) को अस्थायी या स्थायी नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। महिलाओं को पीरियड्स की अनियमितता, जल्दी मेनोपॉज हो सकता है, जबकि पुरुषों को शुक्राणुओं में कमी का सामना करना पड़ सकता है।

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रेडिएशन थेरेपी और फर्टिलिटी :

रेडिएशन थेरेपी में कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग किया जाता है। मरीज की फर्टिलिटी पर रेडिएशन थेरेपी के लिए उपोयग किए जाने वाले रेडिएशन के समय का प्रभाव पड़ता है। जब रेडिएशन प्रजनन अंगों पर या उसके आसपास के हिस्सों पर दिया जाता है, तो इससे महिलाओं के एग व पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या प्रभावित होती है। इससे ओवरियन रोग, मेनोपॉज व मिसकेरेज का खतरा बढ़ जाता है। यह थेरेपी पुरुषों में शुक्राणुओं के उत्पादन और गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकती है।

कैंसर इम्यूनोथेरेपी और फर्टिलिटी :

कैंसर इम्यूनोथेरेपी एक नया उपचार तकनीक है, जो कैंसर से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करती है। इसमें इम्यून चेकप्वाइंट इनहिबिटर्स और सीएआर-टी सेल थेरेपी जैसी थैरेपी शामिल हैं। जबकि प्रजनन क्षमता पर इम्यूनोथेरेपी के प्रभाव को अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। कैंसर की इलाज की पुरानी प्रक्रिया के मुकाबले इस तकनीक से पुरुषों की फर्टिलिटी की कमी पर हल्का असर पड़ता है।

कैंसर के इलाज में फर्टिलिटी को बचाने का विकल्प:

कैंसर के उपचार से फर्टिलिटी पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को पहचानते हुए, उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर के साथ प्रजनन संरक्षण विकल्पों पर चर्चा करना आवश्यक है। इन विकल्पों में शामिल हो सकते हैं:

  • महिलाओं के लिए एग या भ्रूण फ्रीजिंग (ओसाइट या एम्ब्रो क्रायोप्रिजर्वेशन),
  • पुरुषों के लिए शुक्राणु को जमा करना,
  • लड़कियों और महिलाओं के लिए ओवरी टिशू क्रायोप्रिजर्वेशन।
  • लड़कों और पुरुषों के लिए टेस्टीकल टिसू क्रायोप्रिजर्वेशन।

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कैंसर का इलाज करते समय डॉक्टर मरीज की मौजूदा स्थिति के आधार पर ही इलाज शुरू करते हैं। इस इलाज में मरीज की जान बचाने के प्रयास सबसे पहले किया जाता है। इसके बाद उनकी फर्टिलिटी को बेहतर किया जाता है। 

 

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