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शरीर में दवा कैसे काम करती है और असर द‍िखाती है? डॉक्‍टर से जानें

दवा का काम है शरीर में जाकर शारीर‍िक या मानस‍िक समस्‍या का इलाज करना। जानते हैं क‍ि शरीर में जाकर यह काम कैसे करती है।
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शरीर में दवा कैसे काम करती है और असर द‍िखाती है? डॉक्‍टर से जानें


How Do Medicines Work Inside Body: जब हम बीमार होते हैं, तो दवाओं का सेवन करते हैं। वैसे तो मेड‍िकल एक्‍सपर्ट्स इस बात का प्रचार करते हैं क‍ि दवा का सेवन सेहत के ल‍िए हान‍िकारक होता है। लेक‍िन जब भी शरीर में क‍िसी तरह की समस्‍या या बीमारी हो जाती है, तो ब‍िना दवा खाए, उसे ठीक नहीं क‍िया जा सकता। दवा का सेवन करके दवा का इलाज क‍िया जाता है। लेक‍िन कई बार मन में यह सवाल उठता है क‍ि आख‍िर दवा काम कैसे करती है। दरअसल दवा को खा लेने के बाद, शरीर में एक प्रक्र‍िया शुरू हो जाती है ज‍िसके बारे में ज्‍यादातर लोगों को पता नहीं होगा। इसका सीधा संबंध‍ हमारी सेहत से है इसल‍िए इस लेख के जर‍िए जानेंगे क‍ि आख‍िर शरीर में दवा जाने के बाद वह काम कैसे करती है और इसका असर कैसे नजर आता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

how medicines works inside body

शरीर में दवा कैसे काम करती है?- How Do Medicines Work Inside Body

जब भी हमें सेहत से संबंध‍ित कोई समस्‍या होती है, तो हम दवा का सेवन करते हैं। उदाहरण के ल‍िए जब हमें बुखार होता है, तो हम दवा खा लेते हैं। जैसे-जैसे दवा शरीर में जाकर असर द‍ि‍खाती है, वैसे-वैसे बुखार उतरने लगता है। दरअसल दवाएं, हमारे शरीर की रक्षक बनकर जर्म्स और बीमार‍ियों को खत्‍म करती हैं। अब इसे ऐसे समझ‍ें क‍ि अगर आपको स‍िर में दर्द है, तो आप स‍िर दर्द दूर करने की गोली खा लेंगे। गोली जैसे ही पेट में जाएगी, तो पेट में मौजूद एस‍िड्स और एंजाइम्‍स, गोली को तोड़ना शुरू कर देंगे। इस प्रक्र‍िया में हर दवा पूरी तरह से नहीं टूट जाती है क्‍योंक‍ि कुछ दवाओं को पेट से होकर छोटी आंत में जाने के ल‍िए बनाया जाता है। यहां आकर यह दवाएं ड‍िसॉल्‍व हो जाती हैं ताक‍ि इनका असर बेहतर ढंग से हो सके। छोटी आंत से होकर दवा, खून में म‍िल जाती है और खून के जर‍िए ल‍िवर तक पहुंचती है। यहां से दवा के एक्‍ट‍िव कण, ब्रेन तक पहुंचते हैं। यहां से दवा हार्ट और क‍िडनी में भी जाती है। इसके बाद दवा लौटकर ल‍िवर में आ जाती है। इस दौरान पेनक‍िलर्स के मॉल‍िक्‍यूल्‍स उस जगह पर पहुंच जाते हैं जहां पेन रेस्‍प‍िटर्स सबसे ज्‍यादा नजर आते हैं।  

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दवा के मॉल‍िक्‍यूल्‍स दर्द वाले स्‍थान पर पहुंच जाते हैं  

इसके बाद दवा, दर्द वाली जगह पर ऐसे कंपाउंड्स को ब्लाॅक कर देती है ज‍िससे आपको दर्द का एहसास होता है। इसी तरह दवा के सारे मॉल‍िक्‍यूल्‍स आकर दर्द वाले स्‍थान पर इकट्ठा हो जाते हैं और दर्द 1 से 2 घंटे में ठीक हो जाता है। जब दर्द ठीक हो जाता है, तो दवा के मॉल‍िक्‍यूल्‍स ब्‍लड स्‍ट्रीम के जर‍िए फ‍िर से ल‍िवर में आ जाते हैं। इसके बाद दवा के मॉल‍िक्‍यूल्‍स क‍िडनी में जाकर इंएक्‍ट‍िव हो जाते हैं और यूर‍िन के जर‍िए शरीर के बाहर न‍िकल जाते हैं। स्‍लाइवा, पसीना और मल के जर‍िए भी दवा के कण, शरीर के बाहर न‍िकलते हैं।       

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