शिशुओं में रूखी त्वचा के आम कारण और इसे दूर करने के 5 घरेलू नुस्खे

अगर आपके शिशु की त्वचा भी रूखी है तो यहां जानें शिशुओं की रूखी त्वचा को ठीक करने के कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में।   
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शिशुओं में रूखी त्वचा के आम कारण और इसे दूर करने के 5 घरेलू नुस्खे


शिशुओं की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है। जिस कारण उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं जल्दी हो सकती हैं। इसलिए उनका ख्याल रखना जरूरी है। कई बार शिशुओं में रूखेपन की भी समस्या होती है, जो आमबात है, लेकिन इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करने से शिशु को समस्या हो सकती है। क्या आपके शिशु को भी यह समस्या है? अगर हां, तो आज हम आपको शिशुओं में रूखापन होने के कुछ आम कारण और इन्हें दूर करने के घरेलू नुस्खों के बारे में बताएंगे। शिशुओं की त्वचा पर तेल की मसाज, नहलाने के सही तरीके, हाइड्रेट रखकर और उन्हें ओटमील बाथ देकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है। चलिए जानते हैं इस समस्या से निजात पाने के घरेलू नुस्खों के बारे में। 

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शिशुओं की रूखी त्वचा के आम कारण

  • शिशुओं को गर्म पानी में देर तक नहलाना रूखी त्वचा का कारण बन सकता है।
  • वातावरण में परिवर्तन आने से भी शिशु की त्वचा रूखी हो जाती है। अधिक एसी या हीटर के इस्तेमाल से शिशु की त्वचा की नमी छिन जाती है।
  • शिशु को हार्श साबुन या शैंपू से लंबे समय तक नहलाने से भी स्किन ड्राई हो सकती है।
  • डिहाइड्रेशन भी रूखी त्वचा का एक कारण होता है। शिशु के शरीर मे पानी की कमी होने से भी स्किन ड्राई हो सकती है। 
  • शिशु मे रूखी त्वचा का एक कारण एग्जेमा भी हो सकता है। रूखी त्वचा जेनेटिक्स पर भी निर्भर करती है। 

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शिशु की त्वचा से रूखापन हटाने के घरेलू नुस्खे 

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1. तेल मालिश 

तेल की मालिश एक बहुत पुराना और बेहतरीन तरीका है। शिशु की त्वचा पर तेल की मालिश करने से ड्राइनेस खत्म हो जाएगी। तेल की मालिश करने से शिशु की त्वचा की खोई हुई नमी को वापस आती है। इसके लिए आप नारियल के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। चूंकि यह हल्का होता है और शिशु के शरीर में आसानी से अवशोषित भी हो जाता है। इसके अलांवा आप शिशु को बादाम के तेल की भी मसाज दे सकते हैं। इससे उनकी त्वचा में निखार आता है और त्वचा का रूखापन भी दूर होता है।   

2. शिशु को हाइड्रेटेड रखें

डिहाइड्रेशन किसी में भी रूखेपन का कारण बन सकता है और शिशुओं की त्वचा तो काफी संवेदनशील होती है। शिशु को सबसे ज़रूरी हाइड्रेटेड करके रखना होता है। इस बात का खास ध्यान रखना पड़ता है कि शिशु के शरीर मे दूध या पानी की कमी ना होने पाए। अगर आपके शिशु के शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं जा रही है तो उसे रूखापन हो सकता है। इसलिए चिकित्सक से पानी की क्वांटिटी पूछकर शिशु को हाइड्रेट रखें। 

3. घी से करें मालिश

घी लगाना वैसे तो सभी के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन शिशुओं की त्वचा पर घी लगाने से उनमें ड्राइनेस की समस्या दूर होती है। शिशु की मुलायम त्वचा पर नियमित रूप से घी लगाने से उनकी त्वचा में मॉश्चर बना रहता है। इससे उन्हें त्वचा में रूखापन आने की संभावना काफी कम हो जाती है। घी में कोंजुगेटिड लिनोलिक एसिड भी पाया जाता है, जो उनके वजन को मेनटेन रखने में मददगार होता है।  

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4. कैलेंडुला का उपयोग

कैलेंडुला एक एंटी फंगल एंटी इन्फ्लेमेटरी जड़ी बूटी है। इसके तेल के इस्तेमाल से त्वचा की खुजली खुरदुरापन दूर हो जाते हैं। यह एक एंटी बैक्टरिल जड़ी बूटी होती है। इससे त्वचा पर बैक्टेरियल इन्फेक्शन नहीं होता है। कैलेंडुला ऑयल पूरी तरह से प्राकृतिक होता है। यह फूलों की पंखुडियों को सुखाकर बनाया जाता है, जो शिशु की सेहत खासकर उसकी त्वचा के लिए लाभकारी होता है। चिकित्सक की सलाहनुसार इसे लगाएं। इससे शिशु की त्वचा में रूखेपन की समस्या बिलकुल खत्म हो सकती है। 

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5. ओटमील बाथ

अगर आपके शिशु को त्वचा संबंधी परेशानियां हैं तो आप उसे ओटमील बाथ दे सकते हैं। ओटमील बाथ शिशु की त्वचा के नरिशमेंट के लिए काफ़ी अच्छा होता है। नहाने के पीनी मे ओटमील ऑयल की कुछ बूंदे डालने से भी त्वचा का रूखापन दूर हो जाता है। नहाने से पहले शिशु की त्वचा पर ओट्स भी लगाया जा सकता है। इसके लिए आप अनफ्लेवर्ड या बिना किसी प्रिजर्वेटिव्स वाले ओट्स लें। अब इसे पीसकर हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर इसे शिशु के नहाने के पानी में डाल दें। गर्म पानी में ओट्स डालने से यह अच्छे से अवशोषित हो जाते हैं।  

अगर आपके शिशु को भी त्वचा संबंधी समस्याएं हैं तो आप इस लेख में दिए गए नुस्खों का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आपके शिशु को रूखेपन से अलग समस्य़ा है तो एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें। 

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