अग्न्याशय का कैंसर घातक कैंसरों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसका निदान बहुत देर से होता है, और कभी कभी तो इस रोग का निदान आखिरी स्टेज पर जाकर होता है। इस रोग के किसी भी ख़ास लक्षण का प्रकट न होना, इस रोग की देरी से निदान होने का कारण माना जाता है।
अग्न्याशय कैंसर के कारण
- अग्न्याशय कैंसर का सही कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि अधिक धूम्रपान अग्न्याशय कैंसर होने का एक मुख्य कारण होता है।
- अग्न्याशय से जुड़ी समस्याएँ भी अग्न्याशय कैंसर का एक कारण मानी जाती है। और इसके साथ पीढ़ियों से चली आ रहीअग्न्याशय की समस्या भी अग्न्याशय कैंसर का कारण मानी जाती है।
- नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग कराने से इस रोग से बचा जा सकता है। यह साबित किया गया है कि इस रोग से ग्रस्त कई रोगी इसे ठीक करने में सफल हुए हैं क्योंकि उन्होंने केमोथेरपी और रेडियोथेरपी के साथ कुछ घरेलू उपचारों का भी प्रयोग किया।
अग्न्याशय कैंसर के घरेलू उपचार
- ब्रोकोली: अग्न्याशय कैंसर के उपचार के लिए ब्रोकोली उत्तम माना जाता है। ब्रोकोली के अंकुरों में मौजूद फायटोकेमिकल, कैंसर युक्त कोशाणुओं से लड़ने में सहायता करते हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं और रक्त के शुद्धिकरण में भी मदद करते हैं।
- अंगूर: अग्न्याशय कैंसर की चिकित्सा के लिए अंगूर भी कारगर माने जाते हैं। अंगूर में पोरंथोसाईंनिडींस की भरपूर मात्रा होती है, जिससे एस्ट्रोजेन के निर्माण में कमी होती है, जिससे फेफड़ों के कैंसर के साथ अग्न्याशय कैंसर के उपचार में भी लाभ मिलता है।
- जिन्सेंग: जिन्सेंग शरीर में बाहरी तत्वों के खिलाफ प्रतिरोधक शक्ति का निर्माण करता है। यह जड़ी बूटी भी अग्नाशय कैंसर को काफी हद तक ठीक करती है।
- ग्रीन टी: नियमित रूप से एक कप ग्रीन टी का सेवन करने से भी अग्न्याशय कैंसर के उपचार में मदद मिलती है।
- एलोवेरा: अलो वेरा ख़ास करके प्रोस्टेट और पैनक्रीआटिक कैंसर के उपचार के लिए उत्तम माना जाता है। नियमित रूप से ताज़ा निकाला हुआ अलो वेरा का जेल सेवन करने से अग्न्याशय कैंसर के उपचार में लाभ मिलता है।
- ताज़े फलों का रस: ताज़े फलों का और सब्जियों का रस सेवन करने से भी अग्न्याशय कैंसर में काफी हद तक लाभ मिलता है।
- लाइकोपीन: अमरुद, तरबूज, एप्रिकॉट जैसे फलों में लाइकोपीन की मात्रा अधिक होती है। इन फलों का भरपूर मात्रा में सेवन करने से भी इस रोग को ठीक होने में सहायता मिलती है।
- सोयाबीन: सोयाबीन से भी अग्न्याशय के कैंसर के उपचार में सहायता मिलती है। रोज़ के खानपान के साथ सोया बीन के अंकुर या पकाए हुए सोयाबीन के सेवन से अग्न्याशय और स्तन के कैंसर में लाभ मिलता है। सोयाबीन में कुछ एंजाइम होते हैं जो हर तरह के कैंसर को रोकने में मदद करते हैं।
- लहसुन: लहसुन में औषधीय गुण होते हैं। इसमें बहुत हीं शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं जैसे एलीसिन, सेलेनियम, विटामिन सी, विटामिन बी इत्यादि जिसकी वजह से ये कैंसर से बचाव करता है और कैंसर हो जाने पर उन्हें बढ़ने से रोकता है।
- व्हीटग्रास: अग्न्याशय कैंसर की चिकित्सा के लिए व्हीटग्रास अत्यधिक लाभकारी होता है। यह कैंसर युक्त कोशाणुओं को कम करने में भी सहायता करते हैं। व्हीट ग्रास का सेवन शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और शरीर में से विषैले तत्व भी हटाने में मदद करता है।
- हरड: केमोथेरपी और रेडियोथेरेपी के साथ हरड का प्रयोग भी अग्न्याशय कैंसर को काफी हद तक ठीक करता है। इसमें उत्तेजना और कीटाणुओं को रोकने वाले और स्तन और अग्न्याशय कैंसर के उपचार के लिए भरपूर गुण होते हैं।
अग्न्याशय कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए सिर्फ घरेलू चिकित्सा पर न निर्भर करें, उचित इलाज भी करवाएं एवं डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें ।
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