ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) एक वायरस है, जो आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। एचआईवी संक्रमण के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। एचाआईवी को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है कि खाने के जरिए भी यह संक्रमण फैलता है जबिक ऐसा नहीं है। श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट की इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनीषा अरोड़ा ने इस बात पर से पर्दा उठाया कि खाने के जरिए एचआईवी क्यों नहीं फैलता है। इसके अलावा उन्होंने एचआईवी के लक्षण, रोकथाम के उपाय और बचाव के तरीके भी सुझाए हैं।
डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा, ''एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संपर्क बनाने, संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गयी सूई के इस्तेमाल में लाने से होता है। इसके अलावा एचआईवी पीड़ित महिला द्वारा गर्भधारण करने पर नवजात शिशु के संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। इस विषाणु से संक्रमित व्यक्ति के रक्त आदान-प्रदान और अंग प्रत्यारोपण से भी दूसरे लोगों को इसका संक्रमण हो सकता है।''
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खाने के जरिए नहीं फैलता एचआईवी
खाने के जरिए एचआईवी नहीं फैलता है क्योंकि यह वायरस शरीर के बाहर ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पाता है। खाने में यदि संक्रमित खून चला भी जाता है तो हवा, कुकिंग की हीट और पेट में मौजूद ऐसिड उसके वायरस को मार देता है।
एचआईवी से बचाव संभव
एचआईवी से बचाव संभव है। इसके लिए सुरक्षित यौन संबंध के लिए निरोध का उपयोग करें। हमेशा जीवाणुरहित अथवा डिस्पोजेबल सिरिंज का ही प्रयोग करें। एच.वाई.वी. संक्रमित महिला गर्भधारण के दौरान अपने खून में संक्रमण की मात्रा को कम करने वाली दवाइयां नियमित लें, जिससे आने वाले नवजात शिशु को संक्रमण से बचाया जा सके। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए हेल्दी एवं संतुलित भोजन का सेवन करें। तनाव कम करने और लाइफ क्वालिटी बढ़ाने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें।
एचआईवी के लक्षण
गले या बगल में गिल्टि होना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, लगातार कई हफ़्तों तक डायरिया होना, बुखार, खांसी, अकारण शरीर का वजन घटना, मुंह में घाव होना, स्किन पर दर्द भरे और खुजली वाले चकत्ते होना एचआईवी के मुख्य लक्षण है।
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एचआईवी की रोकथाम के उपाय
यौन संबंध बनाते समय लगातार और सही कंडोम का प्रयोग करें। नशीली दवाओं के दुरुपयोग से बचें। कभी भी इस्तेमाल की गई सुई से इंजेक्शन न लगवाएं। जितनी जल्दी हो सकें एक योग्य डॉक्टर से सम्पर्क करें। इसके साथ ही अपने साथी का भी टेस्ट करवाएं।
एचआईवी के उपचार के तरीके
वैसे तो एचआईवी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन बचाव से हम इससे कुछ हद तक बचे रह सकते है। एचआईवी का पता आमतौर पर शरीर में मौजूद एचआई एंटीबॉडी से लगाया जाता है। एचआईवी का सबसे आम टेस्ट एलिसा है। एक बार एलिसा कराने पर कई बार एचआईवी संक्रमण को पकड़ पाना पूरी तरह से मुमकिन नही हो पाता। एचआईवी के डाइग्नोस के लिए एलिसा (ELISA)को बार-बार कराने की जरूरत पड़ती है।
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