Hip Fracture Symptoms in Hindi: कूल्हे में फ्रैक्चर होना एक गंभीर स्थिति है और इसकी वजह से मरीज की परेशानियां बढ़ जाती हैं। कई बार हल्की-फुल्की चोट लगने की वजह से भी कूल्हे में फ्रैक्चर की समस्या हो जाती है। कूल्हे की हड्डियों या जोड़ों में फ्रैक्चर होने को अंग्रेजी में हिप फ्रैक्चर (Hip Fracture) कहा जाता है। ज्यादातर लोगों में यह समस्या बढ़ती उम्र की वजह से हड्डियों में कमजोरी के कारण होती है। जांघों के उपर का हिस्सा जिसे फेमोर कहते हैं उस जगह को हिप कहते हैं। आमतौर पर हिप फ्रैक्चर चोट लगने, गिरने की वजह से होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या गलत पोश्चर में बैठने, कमोड पर गलत तरह से बैठने के कारण भी हो जाती है। हिप फ्रैक्चर होने पर अगर मरीज की परेशानियां बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं, तो उन्हें सर्जरी की जरूरत भी पड़ती है। हड्डियों की कमजोरी और बोन डेंसिटी कम होने के कारण यह समस्या कम उम्र में भी देखने को मिल सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं, हिप फ्रैक्चर के कारण और इस समस्या में दिखने वाले लक्षणों के बारे में।
क्यों होती है हिप फ्रैक्चर की समस्या?- Hip Fracture Causes in Hindi
हिप फ्रैक्चर का खतरा बुजुर्ग लोगों में बहुत ज्यादा रहता है। 60 की उम्र के बाद हड्डियां कमजोर होनी शुरू होती हैं और इसकी वजह से यह समस्या ज्यादातर बुजुर्गों में देखने को मिलती है। इसके अलावा ऐसे लोग जो हड्डियों की कमजोरी या हड्डियों से जुड़ी दूसरी समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें भी हिप फ्रैक्चर का खतरा ज्यादा रहता है। हिप फ्रैक्चर होने के कुछ प्रमुख कारण इस तरह से हैं-
इसे भी पढ़ें: एक्सरसाइज न करने वाली महिलाएं बुढ़ापे में हो सकती हिप फ्रैक्चर (कूल्हों की हड्डी टूटने) का शिकार: रिसर्च
टॉप स्टोरीज़
- चोट लगना, उंचाई से गिरना
- कार या बीके एक्सीडेंट के कारण
- बोन डेंसिटी कम होने की वजह से
- मोटापे की वजह से कूल्हों पर ज्यादा दबाव पड़ने के कारण
- कमजोर हड्डियों वाले लोगों में कमोड पर ज्यादा देर बैठने के कारण
- ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजो में
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण
- तंबाकू या अल्कोहल का सेवन
- लंबे समय तक कुछ दवाओं का सेवन
- लंबे समय तक थायरॉयड की वजह से
- शरीर में विटामिन डी और कालियम की कमी
हिप फ्रैक्चर के लक्षण- Hip Fracture Symptoms in Hindi
कूल्हे में फ्रैक्चर होने पर आपको चलने-फिरने में समस्या और दर्द हो सकता है। इसकी वजह से कूल्हे में सूजन की समस्या भी हो सकती है। हिप फ्रैक्चर होने पर दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-
- कमर और कूल्हों में दर्द
- कूल्हे में सूजन
- चलने में दिक्कत
- टांग उठाने में परेशानी
- कूल्हे के आसपास की स्किन का नीला पड़ना
हिप फ्रैक्चर या ब्रोकन हिप की समस्या को नजरअंदाज करने से मरीजों की परेशानियां बढ़ सकती हैं, इसलिए हिप फ्रैक्चर के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। यह स्थिति कुछ लोगों के लिए जानलेवा भी हो सकती है। डॉक्टर मरीजों का इमेजिंग टेस्ट कर स्थिति की जानकारी लेते हैं और गंभीर स्थिति होने पर सीटी स्कैन या एमआरआई जांच का भी सहारा लिया जा सकता है। हिप फ्रैक्चर होने से बचाने के लिए आपको कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा वाले फूड्स का सेवन करना चाहिए और चोट या एक्सीडेंट से बचना चाहिए।
(Image Courtesy: Freepik.com)