Ayurvedic Tips For Gut Health: आयुर्वेद के नियम हेल्दी शरीर के लिए कितने जरूरी है ये बात आज सिर्फ भारत के लोग ही नहीं बल्कि दुनिया के लोग मान रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में आयुर्वेद ने अपना पूरा दमखम दिखाया है। यही कारण है कि बड़े से बड़े नेता, अभिनेता भी आयुर्वेद को फॉलो करते हैं। बात चाहे शारीरिक संतुलन की हो या फिर मानसिक संतुलन की आयुर्वेद में हर चीज के लिए कुछ नियम बताए हैं। खासकर आजकल की लाइफस्टाइल में जब लोग जंक फूड, पैकेट वाले जूस और प्रोसेस फूड्स का सेवन कर रहे हैं, तो पेट से संबंधित समस्याएं होना लाजिमी है। पेट की बीमारियों के कारण ही लोगों को 90 प्रतिशत से ज्यादा बीमारियां होती हैं। अगर आपका पेट सही नहीं है शरीर और दिमाग के ठीक होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। आयुर्वेद में पेट को स्वस्थ रखने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। अगर नियमों को सही तरीके से फॉलो किया जाए, तो बीमारियों से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं पेट की सेहत को हमेशा दुरुस्त रखने के 5 नियम
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पेट की सेहत के लिए आयुर्वेदिक नियम - Ayurvedic Rules For Gut Health
1. जब भूख लगे तभी खाएं
आजकल लोग बिना भूख लगे भी खा लेते हैं। आयुर्वेद के नियमों के अनुसार कभी भी बिना भूख के खाना नहीं चाहिए। क्योंकि हमें भूख तभी लगती है जब पहले वाली मील डाइजेस्ट हो जाती है। अगर हम बिना भूख के खाना खाते हैं, तो इससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
2. शांत जगह पर बैठकर ही खाना खाएं
आजकल लोग टीवी, मोबाइल, लैपटॉप और बुक्स पढ़ते हुए खाना खाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार खाना खाते समय कभी भी किसी अन्य गतिविधि पर ध्यान नहीं होना चाहिए। खाना खाते समय मोबाइल या अन्य चीजों पर फोकस होने के कारण हम खाना ठीक से चबाते नहीं है और जल्दी-जल्दी उसे खत्म करने की कोशिश करते हैं। जिसके कारण पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
3. ज्यादा ड्राई चीजें खाने से बचें
नाश्ते, लंच और डिनर में ऐसी चीजों को शामिल करें, जिसमें तेल कम हो और रस हो। हमेशा खाने में ज्यादा ड्राई चीजों को खाने से बचें। ज्यादा ड्राई चीजें खाने से शरीर को इसे पचाने में लंबा वक्त लग सकता है। इसकी वजह से पेट में दर्द, गैस और उल्टी जैसी समस्या होना बहुत ही आम माना जाता है।
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4. दिमागी तौर पर फोकस बनाएं
खाना खाते वक्त ध्यान दें कि आपका शरीर सिर्फ वहां पर उपस्थित न हो बल्कि आप दिमागी तौर पर भी वहां पर हों। खाना खाते वक्त अपने टेस्ट को फील करें, अपनी प्लेट को देखें। खाना देखने में सुंदर है, जैसा आपने फील किया है उसका स्वाद महसूस हो रहा है ये सभी चीजें महसूस करने से दिमाग में मैसेज जाता है जो पाचन को भी दुरुस्त रखने में मदद करता है।
5. जल्दबाजी में खाना न खाएं
जल्दबाजी में बिल्कुल न खाएं। छोटे छोटे टुकड़ों में खाएं और अच्छी तरह से चबाएं। इससे डाइजेशन में दिक्कत नहीं आएगी। सही समय पर खाना खाएं। कोई भी मील न छोड़ें।
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