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Hearing Loss: शिशु को कम सुनाई देने या बहरेपन के होते हैं ये लक्षण, जानें घर पर कैसे लगाएं इसका पता

श‍िशु के कान ठीक से सुन पा रहे हैं या नहीं ये चेक करना जरूरी है, इसके ल‍िए कुछ आसान तरीकों पर आगे बात करेंगे

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Feb 08, 2022 15:42 IST
Hearing Loss: शिशु को कम सुनाई देने या बहरेपन के होते हैं ये लक्षण, जानें घर पर कैसे लगाएं इसका पता

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श‍िशुओं में होने वाली समस्‍या का पता वो खुद नहीं लगा सकते आपको उनके लक्षणों को देखकर बीमारी का पता लगाना होता है। ऐसी ही एक समस्‍या है बहरेपन के लक्षण। अगर आपके बच्‍चे को जन्‍म के बाद ठीक से सुनाई नहीं देता है तो उसे इलाज की जरूरत है पर उसके ल‍िए आपको पहले ऐसे बच्‍चों में लक्षणों का पता समय रहते लगाना होगा नहीं तो समस्‍या बढ़ सकती है। बहरेपन के कई लक्षण होते हैं ज‍िनसे आप अपने श‍िशुओं में बहरेपन का पता लगा सकते हैं जैसे श‍िशु का आपकी बात पर प्रत‍िक्र‍िया न देना भी बहरेपन का लक्षण हो सकता है। इस लेख में हम बहरेपन के लक्षण, बहरेपन का पता घर पर लगाने के तरीके आद‍ि पर बात करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

hear loss in babies

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श‍िशुओं में बहरेपन के लक्षण (Symptoms of hear loss in infants)

  • जो बच्‍चे आवाज पर प्रत‍िक्र‍िया नहीं देते उन्‍हें बहरेपन के लक्षण हो सकते हैं।
  • ज‍िन बच्‍चों को सुनाई कम देता है उनमें भाषा का व‍िकास भी धीमा होता है।
  • इसल‍िए अगर बच्‍चा बोल नहीं पा रहा है तो ये लक्षण बहरेपन का संकेत भी हो सकता है।
  • अगर जन्‍म के बारह माह बाद भी श‍िशु क‍िसी शब्‍द को बोल न पा रहा हो तो बहरेपन के लक्षण हो सकते हैं।

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क‍िन बच्‍चों को बहरेपन की श‍िकायत हो सकती है? (Babies who have risk of hear loss) 

  • जिन बच्‍चों का जन्‍म समय से पहले हुआ है यानी प्रीमेच्योर बेबी।
  • ज‍िन बच्‍चों को जन्‍म के समय क‍िसी बीमारी के कारण लंबे समय तक न्‍यूबॉर्न आईसीयू में रखा गया हो।
  • जो बच्‍चे जन्‍म के बाद क‍िसी बीमारी के कारण दवा खाते हैं।
  • ज‍िन बच्‍चों को आसानी से कान में संक्रमण (ear infection) या बार-बार इंफेक्‍शन की समस्‍या होती है।
  • आप श‍िशु के ईयर चेकअप के ल‍िए चाइल्‍ड स्‍पेशल‍िस्‍ट या ईएनटी स्‍पेशलिस्‍ट के संपर्क में रहें।

घर पर बहरेपन का पता कैसे लगाएं? (How to do hearing test at home) 

आप बच्‍चे को बुलाएं, अगर वो आपकी आवाज सुन पा रहे हैं तो उनमें हरकत नजर आएगी-

  • आप बच्‍चे से दूर खड़े होकर उसे पुकारें, अगर बच्‍चा एक साल से छोटा है तो वो अपना नाम नहीं पहचान पाएगा पर साउंड पर प्रत‍िक्र‍िया जरूर देगा।
  • इसके ल‍िए आप दूर खड़े होकर सीटी बजाएं या ताली बजाएं और देखें क‍ि बच्‍चा आवाज की तरफ देख रहा है या नहीं।
  • अगर बच्‍चे को साउंड सुनाई दे रहा है तो वो हंसेगा, हाथ-पैर ह‍िलाएगा, उसकी आंखों में आपको चमक नजर आएगी या बच्‍चा अपना स‍िर ह‍िलाएगा इससे आपको समझ आएगा क‍ि वो आवाज को सुन पा रहा है।
  • हालांक‍ि जो बच्‍चे आवाज पर प्रत‍िक्र‍िया नहीं देते उसका कारण हमेशा ये नहीं होता क‍ि वो बहरेपन (hear loss) के श‍िकार हैं ऐसे बच्‍चे सुस्‍त कहलाते हैं, उसके पीछे भी कई गंभीर कारण हो सकते हैं ज‍िसके इलाज के ल‍िए आपको डॉक्‍टर से म‍िलना चाह‍िए।
  • अगर आपको लग रहा है क‍ि आपका बच्‍चा साउंड पर अपनी प्रत‍िक्र‍िया नहीं दे रहा है तो आप उसे डॉक्‍टर के पास लेकर जाएं और उम्र के मुताब‍िक डॉक्‍टर बच्‍चे को सही इलाज देंगे।

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श‍िशुओं में बहरेपन का इलाज (Treatment of hearing loss in babies)

treatment of hear loss

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अगर बच्‍चे में बहरेपन के लक्षण (symptoms of hear loss) नजर आ रहे हैं तो सबसे पहले डॉक्‍टर के पास जाएं। कान की जांच (ear checkup) करके डॉक्‍टर ये पता लगा पाएंगे क‍ि क्‍या वाकई बच्‍चे को सुनने में परेशानी है या कोई अन्‍य कारण है। इसके बाद डॉक्‍टर बच्‍चे के ल‍िए ईयर एड ड‍िवाइस दे सकते हैं, छोटे बच्‍चों के ल‍िए भी डिवाइस उपलब्‍ध है ज‍िसकी मदद से बच्‍चे सुन पाते हैं।

श‍िशुओं में सुनने की क्षमता का व‍िकास 

  • ज‍िन बच्‍चों के सुनने की क्षमता अच्‍छी होती है वो तेज आवाज पर जंप करते हैं या उस पर कोई प्रत‍िक्र‍िया देते हैं।
  • जन्‍म के तीसरे महीने तक बच्‍चे अपनी माता-प‍िता की आवाज को पहचानने लगते हैं।
  • जन्‍म के छठे महीने तक बच्‍चे अपनी आंखों को या स‍िर को आवाज आने पर घुमाते हैं।
  • जन्‍म के बारवे महीने तक बच्‍चे हल्‍के स्‍वर न‍िकालने लगते हैं और अपने नाम पर प्रत‍िक्र‍िया देते हैं।
  • जन्‍म के बारवे महीने के बाद बच्‍चे छोटे शब्‍द जैसे मां या टाटा बोल पाते हैं।

बहरेपन की समस्‍या होने पर बच्‍चे को बोलने में भी परेशानी हो सकती है इसल‍िए समय रहते लक्षणों का पता लगाएं और डॉक्‍टर के पासकर इलाज करवाएं।

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