
ब्रेस्ट कैंसर लाइलाज समस्या नहीं है। अगर महिलाओं में इस समस्या के लक्षण शुरुआती दौर में ही पता लग जाए तो इस समस्या से निजात पाना बहुत आसान हो जाता है।अनियमित खान-पान,एल्कोहल और स्मोकिंग की आदतों के कारण स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम उन महिलाओं में ज्यादा होता है जो दोषपूर्ण जीवनशैली जीती हैं। स्वस्थ आहार का सेवन ना करने से शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो जाती है जो कि स्तन कैंसर का कारण हो सकते हैं। हर साल हमारे देश में स्तन कैंसर के एक लाख से सवा लाख तक नए केस सामने आ रहे हैं।
ब्रेस्ट कैंसर लाइलाज समस्या नहीं है। अगर महिलाओं के इस समस्या के लक्षण शुरुआती दौर में ही पता लग जाए तो इस समस्या से निजात पाना बहुत आसान हो जाता है। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति शर्माने की जगह इसके बारे में जानकारी हासिल करनी चाहिए जिससे वे स्तन कैंसर के चपेट में आने से बच सकें। अनियमित खान-पान,एल्कोहल और स्मोकिंग की आदतों के कारण शहरी महिलाएं इस समस्या से ज्यादा ग्रस्त हो रही हैं। स्तन कैंसर से बचने के लिए स्वस्थ आदतों को अपनाएं।
स्वयं परीक्षण करें
ध्यान दें कि कहीं आपके स्तनों में किसी प्रकार की गांठ या उसमें दर्द की समस्या तो नहीं है। स्तनों का जरूरत से ज्यादा कठोर होना, स्तनों में बेवजह दर्द होना, निप्पल में से तरल पदार्थ का स्त्राव होना, आकार में परिवर्तन या जलन होने पर डॉक्टर से जरूर संपंर्क करें। हर माह मासिक धर्म के एक सप्ताह के बाद अपने ब्रेस्ट की स्वयं जांच करें। अपनी गाइनेकोलॉजिस्ट से घर में ब्रेस्ट परीक्षण की सही तकनीक सीखें। 20 से 40 साल की उम्र के दौरान हर साल डॉक्टर के पास जाकर एक बार जांच अवश्य कराएं, ताकि ब्रेस्ट कैंसर का पता जल्द चल सके। 40 साल की उम्र के बाद तीन साल में एक बार मैमोग्राम अवश्य कराएं।
एल्कोहल का सेवन ना करें
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप शराब, बियर या मिक्स्ड ड्रिंक कुछ भी पीती हैं, तो आप ब्रेस्ट कैंसर का शिकार आसानी से बन सकती हैं। अगर अचानक शराब छोड़ना मुश्किल लग रहा है,तो दिन में एक बार ही पिएं और फिर धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम कर दें।
वजन कम करें
ब्रेस्ट कैंसर का संबंध मोटापे से भी है। अपनी उम्र और लंबाई के अनुपात में अधिक वजन होने से इस बीमारी की आशंका बढ़ जाती है। अगर आपका वजन मेनोपॉज होने के बाद बढ़ा है, तो समझिए खतरा बढ़ गया है। दरअसल, एडिपोज टिशू, जो मोटापे के लिए भी जिम्मेदार हैं, एस्ट्रोजन का उत्पादन भी करते हैं। शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा ही ब्रेस्ट कैंसर के लिए उत्तरदायी होती है।
व्यायाम करें
नियमित व्यायाम करने से वजन भी कम रहता है और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है। हर दिन कम से कम आधे घंटे तक एक्सरसाइज जरूर करें। अगर आपकी आदत व्यायाम करने की नहीं है, तो इसे आज ही लागू करें और लगातार जारी रखें। आप उन व्यायाम को ज्यादा करें, जिनसे वजन कम होता है, जैसे वॉकिंग, जॉगिंग, एरोबिक्स आदि। इनसे आपकी हड्डियां भी मजबूत होंगी।
सही साइज की ब्रा पहनें
अध्ययन के मुताबिक दस में से आठ महिलाएं ऐसी होती हैं जो गलत ब्रा पहनने के कारण स्तन कैंसर का शिकार होती हैं। गलत ब्रा पहनने से आरामदायक महसूस नहीं करती हैं जिसकी वजह से कंधे, बांह और बैक पेन की समस्य होती है। क्या आप जानती हैं आपके ब्रा का साइज हमेशा बदलता रहता है। जब भी आपका वजन बढ़ता या कम होता है तो ब्रा का साइज भी बदल जाता है। इसलिए ब्रा का साइज करके ही लें।
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