सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए जीवन शैली में करें संशोधन

सर्वाइकल कैंसर उम्रदराज महिलाओं में अधिक होता है, इसके लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार कारक अस्‍वस्‍थ जीवनशैली है।
  • SHARE
  • FOLLOW
सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए जीवन शैली में करें संशोधन


सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला कैंसर है, इसके लिए सबसे अधिक जिम्‍मेदार कारक अस्‍वस्‍थ जीवनशैली है। भारत में जागरूकता और इलाज की कमी की वजह से सर्वाइकल कैंसर जानलेवा साबित हो रही है। सर्वाइकल कैंसर का पता देरी से चल पाने के कारण इसके मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है।

Avoid Cervical Cancerसर्वाइकल कैंसर को ग्रीवा, गर्भाशय या फिर यूट्राइन सर्विक्स कैंसर भी कहा जाता है। सर्वाइकल कैंसर हृयुमन पैपीलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होता है। सर्वाइकल कैंसर उम्रदराज महिलाओं को अधिक होता है, यह 40 साल या इससे ऊपर की महिलाओं में अधिक होता है। ज्यादातर मामलों में इस कैंसर का पता एडवांस स्टेज चलता है। लेकिन पैप स्मीयर टेस्ट कराने से इसके शुरूआती स्‍टेज में इसका निदान हो सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार एचपीवी इंफेक्शन, धूम्रपान, बार-बार होने वाली प्रेग्नेंसी, एक से अधिक पार्टनर और परिवारिक इतिहास इसके प्रमुख रिस्‍क फैक्‍टर हैं।

 

धूम्रपान न करें

स्‍मोकिंग न केवल फेफडों के कैंसर के लिए जिम्‍मेदार है बल्कि यह कैंसर के अन्‍य प्रकारों के लिए जिम्‍मेदार है। काम के बोझ के कारण लोगों को ऐसा लगता है कि स्‍मोकिंग करके वे अपने तनाव को कम कर सकते हैं, लेकिन इसके कारण वे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की चपेट में भी आते हैं। इसके अलावा अप्रत्‍यक्ष धूम्रपान से भी बचने की कोशिश कीजिए, यह प्रत्‍यक्ष धूम्रपान से ज्‍यादा खतरनाक है। स्‍मोकिंग जोन जैसी जगह पर जाने से परहेज कीजिए।

 

कंडोम का प्रयोग

सर्वाइकल कैंसर यौन संबंध बनाने से भी होता है, इसलिए सेक्‍स संबंध बनाते वक्‍त कंडोम का प्रयोग कीजिए। दरअसल हृयुमन पैपीलोमा वायरस सेक्‍स संबंध बनाने के दौरान शरीर में फैलता है। लेकिन कंडोम का इस्‍तेमाल करके इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। इसके अलावा यदि आप एक से अधिक पार्टनर से यौन संबंध बना रही हैं तब भी यह वायरस फैलने का खतरा बना रहता है, ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।

 

खानपान पर ध्‍यान दें

सर्वाइकल कैंसर के फैलने के लिए खानपान भी बहुत हद तक जिम्‍मेदार होता है। यदि आपकी डायट चार्ट में ताजे फल और हरी सब्जियों का अभाव है तो सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपने आहार में स्‍वस्‍थ और ताजे फलों को शमिल कीजिए, यदि आप फलों का सेवन नहीं कर सकते तो ताजे फलों का जूस अवश्‍य पीजिए। खाने में हरी और रंगीन सब्जियों को शामिल कीजिए।

 

मोटापा कम करें

मोटापा कई बीमारियों के लिए जिम्‍मेदार है और इसमें कैंसर भी आता है। दरअसल मोटी महिलाओं के सर्विक्‍स में एडीनोकार्सिनोमा के विकसित होने का खतरा अधिक रहता है। एडीनोकार्सिनोमा सर्वाइकल कैंसर को फैला सकता है। इसलिए यदि आपका वजन सामान्‍य से अधिक है तो इसपर नियंत्रण कीजिए।

 

नियमित जांच

महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए नियमित रूप से पैप स्मीयर जांच कराते रहना चाहिए। इस जांच से सर्वाइकल कैंसर को न केवल शुरूआती अवस्‍था में निदान हो जाता है बल्कि इसका उपचार भी आसान हो जाता है। पैप स्मीयर लेना अत्यंत आसान प्रक्रिया है। यदि आपकी उम्र 21 साल या उससे अधिक है तो प्रत्‍येक 2 साल पर जांच करायें और यदि 30 साल की उम्र के बाद हर साल पैप स्‍मीयर जांच करानी चाहिए। इस नियमित जांच को अपनी जीवनशैली का प्रमुख हिस्‍सा बनाइए।

 

गर्भनिरोधक गोलियां

ऐसी महिलायें जो गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन अधिक करती है उनको सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। कई शोधों में भी यह बात सामने आयी है कि गर्भनिरोधक गोलियां सर्वाकइकल कैंसर के खतरे को बढ़ाती हैं। इसलिए महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से बचना चाहिए।


स्‍वस्‍थ जीवनशैली अपनाकर न केवल आप सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम कर सकती हैं बल्कि हेल्‍दी भी रह सकती हैं। इसलिए इस भागती-दौड़ती जिंदगी में भी अपने लिए समय निकालिए और यदि आपको सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए।

 

 

Read More articles on Cervical Cancer in Hindi

Read Next

जानें प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों को

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version