कैटेगरी: मेंटल हेल्थ वरियर
परिचय: कुशल रॉय
योगदान: कुशल रॉयल ने फ्री मेंटल हेल्थ सर्विस देकर 200 से ज्यादा लोगों की मदद की
नॉमिनेशन का कारण: लोगों को मेंटल स्ट्रेस से बचाने के लिए कोविड के दौरान कुशल रॉय ने 200 से अधिक लोगों की मुफ्त में काउंसलिंग की।
कोविड 19 के कारण लोग जितना शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर परेशान थे, उससे कहीं ज्यादा मानसिक रूप से परेशान थे। नौकरी छूटना, अपने प्रियजनों को कोविड से मरते देखना, परिवार के सदस्यों को बीमार देखना, आर्थिक रूप से तंगी आने जैसी चीजों की वजह से लगभग सारे देश के लोग ही परेशान हैं। कोई अगर कोविड संक्रमित हो जाता है तो गाइडलाइंस और मेडिकल उपचार का पालन करने के बाद भी उसे ठीक होने में कुछ दिन तो लगते ही हैं। ये दिन भी मरीजों के लिए बहुत तनाव भरे रहते हैं। ऐसे समय में लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत थी मेंटल सपोर्ट की, क्योंकि हर कोई ही हैरान-परेशान था।
हैदराबाद के कुशल रॉय जो कि एक साइकोलॉजिस्ट हैं, ने कोविड महामारी के दौरान ऐसे ही मानसिक रूप से परेशान लोगों को काउंसिलिंग देकर मदद करनी शुरू की। उन्होंने फीलिंग फॉरवर्ड नाम से एक पहल की शुरुआत की और इनके इस प्रयास को यूनाइटेड स्टेट के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, यूएस की पूर्व सेक्रेटरी हिलेरी क्लिंटन, न्यूजीलैंड की प्रधान मंत्री जैसिंडा आर्डर्न व जर्मनी के पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल जैसे इंटरनेशनल लीडर्स से काफी सराहना मिली।
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कैसे हुई फीलिंग फॉरवर्ड की शुरुआत
नवंबर 2020 में कुशल ने फीलिंग फॉरवर्ड की शुरुआत की जिसमें वह कोविड के द्वारा मानसिक रूप से प्रभावित हुए लोगों को मुफ्त में मेंटल हेल्थ सपोर्ट प्रदान कर रहे थे। इस समय बहुत से लोग केवल कोविड के द्वारा ही नहीं बल्कि मानसिक स्ट्रेस के द्वारा के कारण भी बीमार हो रहे थे और कई लोगों की तो मृत्यु भी हो गई।
ऐसे ही दो केस को याद करते हुए वह बताते हैं कि 2020 में उनके एक ड्राइवर की पत्नी ने सुसाइड कर लिया। उसे लगा कि उसे कोविड हो गया है और वह अब अपने बच्चों और बाकी परिवार के सदस्यों को भी संक्रमित कर देगी। उनको कोविड नहीं हुआ था लेकिन जानकारी और पर्याप्त काउंसलिंग की कमी की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। मीडिया के द्वारा ऐसी कवरेज दिखाए जाने के कारण भी लोगों के मन में भय पैदा हुआ और उनका संक्रमित होने का डर बढ़ने लगा जिससे वह मानसिक रूप से अधिक प्रभावित होने लगे।
करीबी दोस्त ने कर लिया था सुसाइड
एक अन्य केस इनके करीबी दोस्त का है और उनकी मृत्यु भी सुसाइड से ही हुई। यह भी ऐसा ही केस था। कुशल बताते हैं कि वह मुझे जनता था लेकिन उसने मेरे से बात नहीं की। इस समय मैंने अपने साइकोलॉजिस्ट होने की डिग्री पर संदेह करना शुरू कर दिया था। इसलिए नवम्बर में मैने सोचा कि मुझे जितना हो सके उतने लोगों तक पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों की मदद हो सके। इस तरह से मैंने फीलिंग फॉरवर्ड नाम की पहल की शुरुआत की जिसका अर्थ है अपनी भावनाओं को किसी ऐसे व्यक्ति तक पहुंचाना जिन पर आप भरोसा करते हैं।
200 से भी अधिक लोगों को दिया मानसिक सपोर्ट
कुशल कहते हैं कि वे अपने यहां के आस पास की बस्तियों में जा कर लोगों से पूछने लगे ताकि यह जान सकें कि उनके डिप्रेशन, चिंता और मानसिक तनाव का कारण क्या है। इस समय इन्होंने यह समझा कि इनमें से बहुत सारे लोगों को कोविड है। लेकिन इस बारे में पूरी और स्पष्ट जानकारी नहीं है। इन्होंने इस समय काफी सारी बस्तियों के दौरे किए। इनका मुख्य उद्देश्य अलग-अलग सामाजिक और आर्थिक तबके के लोगों तक पहुंचना और उनसे बात करना था। ऐसे लोग जो सिनेमा, ऊंचे तबके और चकाचौंध की दुनिया से काफी दूर और अलग थे। इस प्रकार इन्होंने कोविड से मानसिक रूप से जूझ रहे लगभग 200 से अधिक लोगों को मानसिक सपोर्ट प्रदान किया।
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आगे क्या करने का है इरादा
जब इनसे इस बारे में प्रश्न पूछा गया कि आप अब आगे क्या करने वाले हैं तो यह कहते हैं कि मैं अब विकलांग लोगों के लिए कुछ करना चाहता हूं। उनका कहना है कि उनका अगला प्रोजेक्ट गूंगे और बहरे लोगों को मेंटल काउंसिलिंद देने का है। अधिक स्पष्टता से बताते हुए कहते हैं कि अब यह इनके लिए एक खास साइन वाली भाषा पर काम करना चाहते हैं जिनसे उन्हें दूसरों से संवाद करने में आसानी हो।
वह कहते हैं कि ऐसे लोग भी कोविड द्वारा काफी प्रभावित हुए हैं। मानसिक सेहत के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं कि हमारी मानसिक सेहत भी हमारी शारीरिक सेहत के जितनी ही आवश्यक है। यह लाइन सुनने में तो बहुत आम है। जिसके बारे में सभी को पता होगा। लेकिन इस लाइन का महत्त्व बहुत अधिक है। मानसिक रूप से सपोर्ट कोई भी व्यक्ति जिस पर हम भरोसा करते हैं, प्रदान कर सकते हैं। मानसिक रूप से जूझ रहे लोगों की मदद करने के लिए और उन्हें बेहतर महसूस करवाने के लिए हमें खुद एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट बनने की जरूरत नहीं होती है। केवल उनकी बातें सुनना, यह पहचानना की कोई व्यक्ति किसी मुश्किल दौर से गुजर रहा है और उसका मूड थोड़ा सा बेहतर बनाना या उसे किसी प्रोफेशनल के पास जाने के लिए मोटिवेट करना भी उनकी काफी अधिक मदद कर सकता है। इस प्रकार आप किसी की मानसिक सेहत को एक राहत प्रदान करने का काम कर सकते हैं। आप एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट न होते हुए भी किसी व्यक्ति को मानसिक चिंता और डिप्रेशन से बाहर आने में मदद कर सकते हैं।
मानसिक सेहत के लिए इतना काम करने के लिए और इनके मानसिक सेहत को प्राथमिकता देने के प्रयास के लिए अगर आप चाहते हैं कि इन्हें अधिक पहचान मिले तो आप इनके लिए वोट कर सकते हैं। आप का एक वोट इन्हें प्रोत्साहित करने में और आगे भी इसी तरह काम करते रहने के लिए काफी प्रोत्साहित कर सकता है।