कैटेगरी: अवेयरनेस वॉरियर्स
परिचय: अमित
योगदान: 5 साल की छोटी सी उम्र में भी अमित लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित कर रहा था, जबकि उस समय उसके पांव में चप्पल भी नहीं था।
नॉमिनेशन का कारण: धर्मशाला के इस 5 साल के नटखट बच्चे अमित का वीडियो कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें वो एक डंडा लेकर खड़ा है और बिना मास्क पहने लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रहा है।
कोविड 19 पिछले 100 सालों में आई सबसे भयंकर महामारी है। जिसने इस विश्व को इतनी बुरी तरह प्रभावित किया है। आज तक भारत में कोविड के 40 मिलियन से अधिक केस देखने को मिले। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक यह बीमारी SARS CoV 2 के कारण फेल रही है और यह तब तेजी से फैलती है जब एक वायरस से संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आ जाता है। यह बीमारी अगर आप किसी से बात करते है तो भी फैल सकती है। यह बीमारी बहुत अधिक संक्रामक है और विश्व के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है। इसकी वजह से ही भारत सरकार ने इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए काफी पैसे खर्च किए, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि उन्हें कौन-कौन से सुरक्षा कदम उठाने हैं। डाटा और रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2020 से लेकर जून 2021 तक 5 राज्यों की सरकारें और केंद्र सरकार ने अब तक मुख्य धारा की मीडिया में कोविड के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विज्ञापनों पर लगभग 165 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।
प्रोटोकॉल्स क्या हैं?
सरकार द्वारा बार-बार दिए गए दिशा निर्देशों के बावजूद भी इस महामारी के समय में भी लोग भीड़ में एकजुट होते हुए दिख रहे हैं। यही नहीं कोविड 19 के नियमों को खुलेआम मजाक बनता देखा जा रहा है। इस बीमारी का अर्थव्यवस्था पर उल्टा प्रभाव देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही मानव के नियमित जीवन को भी यह बीमारी कई तरह से प्रभावित कर रही है जैसे बेरोजगारी में बढ़ोतरी होना, शिक्षा, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आदि। यह प्रभाव पूरे देश के लोगों को देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद भी लोग कोविड 19 प्रोटोकॉल्स को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
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5 साल का कोरोना वॉरियर
भारत में कोविड की दूसरी लहर अप्रैल 2021 में शुरू हुई और जुलाई में खत्म होना शुरू हो गई थी। भारत के काफी सारी जगहों में इसके प्रभाव अब तक देखने को मिल रहे थे। धर्मशाला जैसे टूरिस्ट स्थान पर लोगों ने आवाजाही की लंबी लाइन लगा ली थी। यात्रियों ने केवल इस जगह में भीड़ ही नहीं की बल्कि कोविड 19 प्रोटोकॉल्स का पालन भी नहीं किया। इसी समय एक छोटे से बच्चे की वीडियो क्लिप वायरल हो गई। वह खुद मास्क पहने और हाथ में एक छड़ी पकड़े हुए था। वह लोगों को मास्क पहनने की दरख्वास्त कर रहा था। रोचक बात तो यह थी कि यह लड़का गलियों में रहने वाला था और फटे पुराने कपड़े पहने हुआ था। इसके पास पैरों में पहनने के लिए भी कुछ नहीं था। लोग उसके पास से या तो मुस्कुरा कर या उसे इग्नोर करके चले जा रहे थे और ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे थे। लेकिन वह अपनी इस बात पर डटा रहा और रोजाना लोगों से मास्क पहनने की अपील करता रहा।
यह वीडियो वायरल हो गया और देशवासियों ने इस बच्चे के लिए काफी सारे री ट्वीट किए और इस वीडियो पर अपने मत रखे। बहुत से लोगों ने इस वीडियो को देखने के बाद अमित के लिए कोरोना वॉरियर और लिटिल वॉरियर जैसे नामों का प्रयोग करते हुए भी कमेंट किया। यह वीडियो एकदम से लोगों के बीच काफी तेजी से फैल गई और लोगों को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होने लगा। मानो सभी लोगों को कोविड प्रोटोकॉल्स के प्रति जिम्मेदार रहने की एक नई आग सी जल गई हो। यह वीडियो @dharamshalalocal नामक एक इंस्टाग्राम पेज ने पोस्ट की थी। यह हिमाचल की एक कंपनी थी, जो ट्रेक अरेंज करती थी। साथ ही आने जाने वाले टूरिस्ट की गाइडेंस का काम करती थी।
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इस वीडियो में दिख रहा है कि 5 साल छोटा बच्चा कैसे लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रहा है। इसका नाम अमित है। यह धर्मशाला से ही है। इसके माता पिता गुब्बारे बेचने का काम करते हैं और इनका परिवार सड़क पर ही रहता है। इनका परिवार एक स्थान से किसी भी समय दूसरे स्थान पर चला जाता है। इसलिए इन्हें खोज पाना इतना भी आसान नहीं था। अमित पुलिस द्वारा प्रेरित है और आगे चल कर खुद भी एक पुलिस वाला बनना चाहता है। जब उसने पुलिस को लोगों को चेक करते हुए देखा और मास्क लगाने को बोलता देखा तो वह ही इस बात से काफी प्रेरित हो गया। इसलिए खुद भी ऐसा ही करने लगा। वह लोगों से मास्क लगाने और नियमों का पालन करने की अपील करने लगा। पास के एक दुकानदार ने उसे एक डंडा पकड़ने को कहा, बिल्कुल पुलिस की तरह ही ताकि लोगों को मास्क के लिए बोलते समय उसके पास डंडा भी रहे और वह एक असली पुलिस वाले की तरह ही लगे।
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पुलिस और धर्मशाला के लोकल नागरिकों ने किया अमित को सपोर्ट
यह वीडियो वायरल हो गया और मैक्लोडगंज पुलिस भगसू नाग पहुंचीं। जहां यह वीडियो शूट की गई थी ताकि वह अमित तक पहुंच सके और उससे मिल सके। उन्होंने अमित को अपना Mascot बनाया। सिविल सोसाइटी के कुछ लोग, कुछ एनजीओ और कुछ कंपनियों ने इस बच्चे को थोड़े बहुत खाने के लिए स्नैक्स दिए, कुछ गुडीज दीं और उसके लिए जूते और जुराब भी खरीद कर दिए। धर्मशाला लोकल से अभय ओनली माय हेल्थ डॉट कॉम को बताते हैं कि उनकी कंपनी अमित और उनके तीन और भाइयों को स्कूल में दाखिला दिलाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस काम में काफी मुश्किल आ रही है क्योंकि अमित के परिवार का कोई सही पता नहीं है। अधिकतर समय उन्हें ढूंढ पाना भी काफी मुश्किल होता है क्योंकि वह धर्मशाला और मैक्लोडगंज के अलग-अलग हिस्सों में आते जाते रहते हैं।
अगर नन्हे अमित के इस प्रयास ने आप को किसी भी तरह प्रेरित किया है या आपके दिल में कोई जगह बनाई है तो आप अपना वोट अमित को दे सकते हैं। यहां जानिए किस प्रकार आप अपने मन पसंदीदा नामांकित व्यक्ति को जागरण न्यू मीडिया और ओनली माय हेल्थ हेल्थ केयर हीरो अवार्ड 2022 के लिए वोट कर सकते हैं ताकि इनके प्रयासों को एक नई पहचान मिल सके और यह और भी आगे बढ़ सकें।