कैटेगरी: पोषण वॉरियर्स
परिचय: हर्ष और हिना मंडाविया
योगदान: कोरोना महामारी में लॉकडाउन के समय हजारों लोग, जो भूखे रहने को मजबूर थे, उन्हें इस मां-बेटी की जोड़ी ने खाना खिलाना शुरू किया।
नॉमिनेशन का कारण: कोरोना महामारी में 28,000 से ज्यादा खाने की थाली तैयार कर जरूरतमंद लोगों में बांटी।
पिछले दो सालों से चल रही कोरोना बीमारी की वजह से देश-दुनिया की तस्वीर ही बदल गई। इस महामारी ने लोगों को शारारिक, मानसिक और आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया था। इन मुश्किल हालातों में जब लोग टूट कर बिखर रहे थे, ऐसे में कुछ लोग उम्मीद की किरण बनकर सामने आए। हर्ष और उनकी माँ हिना मांडविया भी ऐसे ही नायकों में से एक हैं, जो कोरोना पीड़ितों का सहारा बने। माँ-बेटे की यह जोड़ी मुम्बई में ‘हर्ष थाली और पराठा’ नाम से टिफिन सर्विस का काम करती है। जिन्होंने अपने रेग्युलर कस्टमर अभिनव की मांग पर सबसे पहले 100 लोगों को खाना बनाकर खिलवाया। इसके बाद यह सिलसिला चलता गया। इनको खाना बनाकर खिलाने के लिए अलग-अलग लोगों से पैसा मिलने लगा। जिससे इन्होंने जरूरतमंदों में 28000 थाली और 65000 रोटी बांटने का अद्भुत काम किया।
हर्ष और हिना मंडाविया को उनके अतुलनीय योगदान के लिए Onlymyhealth के HealthCare Heroes Awards 2021 की सूचि में शामिल किया गया है। इनको ‘पोषण वॉरियर्स’ कैटेगरी के लिए नॉमिनेट किया गया है। आइए जानते हैं उनकी कहानी-
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ऐसे बढ़ा 100 थाली से 28000 थाली तक का सफर
1998 में, हर्ष ने एक कार एक्सीडेंट में अपने पिता जी को खो दिया था। इसके बाद उनकी माँ ने अकेले ही उनका पालन-पोषण किया। उन्होंने अपनी पति की मृत्यु के एक साल बाद घर पर रहकर टिफ़िन सर्विस की शुरुआत की। हिना खुद खाना बनाती और हर्ष टिफिन डिलीवर करने जाते थे। Onlymyhealth से बात करते हुए हर्ष ने बताया कि- मुझे याद है, मेरी उम्र 6 साल की रही होगी, तभी से मैं अपनी माँ का बनाया हुआ खाना डिलीवर कर रहा हूँ।" इसके बाद 2003 में उनके बिजनेस ने रफ़्तार पकड़ी और घर से होने वाली 'हर्ष थाली और पराठा' की डिलीवरी अब दुकान से होने लगी थी। पिछले 22 सालों से हर्ष और हिना मांडविया इस काम को कर रहे हैं।
हर्ष आगे बताते हैं कि- "2020 में कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन लग गया। बहुत सारे काम-धंधे इसके चलते बंद हो गए। कुछ हफ़्तों तक हमारी शॉप भी बंद रही। फिर एक दिन जब 'अभिनव' का फोन आया तो उन्होंने 100 जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि यह खाना हमको ही उन लोगों तक पहुँचाना होगा। वक़्त ऐसा था, सबको पैसे की जरूरत थी। हम भी आर्थिक रूप से थोड़ी परेशानी में थे, इसलिए मैंने सुनते ही तुरंत हाँ कह दिया। 7 मई, 2020 को हमने मलाड, मुंबई में गुरूद्वारे के पास 100 जरूरतमंद लोगों को खाना खिलवाया।" अपने कस्टमर के लिए इस काम को करके उन्हें बहुत खुशी हुई।
जब हर्ष का पोस्ट सोशल मीडिया पर हो गया वायरल
जब हर्ष ने अभिनव को धन्यवाद कहते हुए इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया तो लोगों ने इस प्रयास को खूब सराहा। उन्हें बहुत से लोगों के कॉल और मैसेज आने लगे कि वो भी पैसे देकर जरूरतमंद लोगों को खाना खिलवाना चाहते हैं। हर्ष की पहली पोस्ट के बाद, उन्हें इस काम के लिए लोगों से कुल मिलाकर 28 लाख रुपए की धनराशि प्राप्त हुई। जिससे 28,000 थाली, 65,000 रोटी और 8,000 से ज्यादा शुगर-फ्री मिठाई जरूरतमंदों में बांटी गईं।हर्ष के एक सोशल मिडिया पोस्ट से यह मुहिम 100 थाली से हजारों लोगों के पेट भरने तक पहुँच गयी।
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क्या कभी आपने सोचा था कि आपकी एक पोस्ट इतने बड़े बदलाव की वजह बन जाएगी?
इस प्रश्न के जवाब में हर्ष ने कहा -"नहीं, कभी नहीं। लोग अक्सर कहते हैं 'नेकी कर दरिया में डाल',लेकिन अगर मैंने 100 लोगों को खाना खिलाने के बारे में किसी को नहीं बताया होता तो यह सिलसिला यहीं रुक जाता और हजारों लोगों को जो मदद मिली है, वो उन तक नहीं पहुँच पाती।
उन दो सालों में कभी कभी ऐसा वक़्त भी आया जब माँ-बेटा दुखी हो जाया करते थे। हिना बताती हैं कि- कुछ लोग हमसे ज्यादा खाना मांगते थे, ताकि वो उसमें से थोड़ा शाम के लिए भी बचा सकें। जिससे हमारा मन परेशान हो जाता था। यूँ तो हमने भी कई बार दिन में एक बार खाकर गुजारा किया है। लेकिन फिर भी उनके लिए बुरा लगता था।"
कहीं बाहर जाने पर जब कभी वो अपनी कार रोकते तब बहुत सारे बच्चे उनकी कार के पास लाइन में खड़े हो जाते थे। उनको लगता था कि अब उनको खाना मिलेगा। हर्ष हमारे पाठकों को सन्देश देते हैं कि- "कोई मदद छोटी नहीं होती, बस मदद होनी चाहिए"
Onlymyhealth के जरिए हम आज हर्ष और हिना मांडविया का अभिनन्दन करते हैं, जिन्होंने विषम परिस्तिथियों में एक छोटी सी शुरुआत को विशाल रूप देकर हजारों जरूरतमंद लोगों को भरपेट खाना खिलवाया।