Healthcare Heroes Awards 2022: सिटिजन एक्शन ग्रुप जिसने कोविड के दौरान हर तरह से की लोगों की मदद

सिटीजन एक्शन ग्रुप बनाने वाले अंकित गुप्ता ने लोगों की दवा, बेड, ऑक्सीजन, दवाओं, खाना, रोजगार आदि उपलब्ध कराकर उनकी हर संभव मदद की।
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Healthcare Heroes Awards 2022: सिटिजन एक्शन ग्रुप जिसने कोविड के दौरान हर तरह से की लोगों की मदद

कैटेगरी: लाइफ सेवर्स

परिचय: सिटीजन एक्शन ग्रुप (अंकित गुप्ता)

योगदान: अंकित गुप्ता और सिटीजन एक्शन ग्रुप ने कोविड के दौरान मरीजों और सामान्य लोगों की खूब मदद की। इन्होंने लोगों को जरूरी सामान प्रदान करवाया, अपनी प्राइवेट गाड़ियों से गर्भवती महिलाओं और मरीजों को एम्बुलेंस सेवा प्रदान की और कोविड के बाद भी कुछ लोगों और उनके बिजनेस को दोबारा खड़ा करने में उनकी मदद की।


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नॉमिनेशन का कारण: अंकित और सिटिजन एक्शन ग्रुप के सदस्यों ने कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर उन तक जरूरी चीजें पहुंचाने तक काफी मदद की। इस बीच उन्हें खुद के संक्रमित होने का खतरा भी था, लेकिन इन लोगोंने अपनी परवाह नहीं की।

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जैसे-जैसे कोविड के केस दुनिया भर में बढ़ने लगे वैसे-वैसे ये महसूस हुआ कि पूरा विश्व इस महामारी से लड़ने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं। भारत जो कि दुनिया में दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, यहां पर भी महामारी को लेकर अलग-अलग प्रकार की चुनौतियां देखने को मिलीं। यहां का हेल्थ केयर सिस्टम भी विकसित देशों के मुकाबले काफी डगमगाया हुआ था। यहां अलग-अलग त्योहारों के कारण भी भीड़ की वजह से कोविड फैलने का डर ज्यादा था। साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों को समझाना भी किसी चुनौती से कम नहीं था। शुरुआती दिनों में कोविड के मरीजों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसमें दवा-इलाज से जुड़ी परेशानियां तो थीं ही, साथ ही संक्रमण फैलने के डर से कोई भी उनकी मदद नहीं करता था। कई बार परिवार के लोग भी उनकी कोई सहायता नहीं करते थे। ऐसे में बहुत सारे लोग और ग्रुप्स सामने आए, जिन्होंने इन कोविड मरीजों और सामान्य लोगों की खूब मदद की, वो भी खुद को संक्रमण के खतरे में डालते हुए।

अंकित गुप्ता जो कि एक हिंदी और उर्दू कवि और कंटेंट राइटर हैं, लोगों की मदद के लिए आगे आए। इन्होंने और सिटिजन एक्शन ग्रुप (CAG) ने दिल्ली दंगों के दौरान भी राहत का काम किया था। जब दिल्ली को चारों ओर से कोरोना ने घेर लिए तो इस समय मदद के लिए अंकित एक बार फिर आगे आए। अंकित रोजाना कोविड 19 से जुड़ी आवश्यक जानकारी जैसे अस्पताल, बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लाज्मा डोनर, फूड डिलीवरी आदि के बारे में सोशल मीडिया पर शेयर करते थे।

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लोगों की मदद के लिए सिटीजन एक्शन ग्रुप बनाया

परेशानी में फंसे लोगों की मदद करने के साथ साथ अंकित कुछ ऐसे लोगों के साथ सामने आए जो इन्हीं की तरह कोविड राहत कार्य में जुटे हुए थे। इस प्रकार सिटीजन एक्शन ग्रुप का निर्माण हुआ। इस ग्रुप में सिविल सोसाइटी के सदस्य शामिल थे, जिसमें अधिकतर काम करने वाले प्रोफेशनल लोग थे। ये सब कोविड मरीजों को सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने में मदद करते थे। इस ग्रुप में न केवल दिल्ली बल्कि पूरे भारत के कोने-कोने से लोग जुड़े। धीरे-धीरे ग्रुप में 300+ मेंबर्स हो गए थे, जो दिनरात दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे।

CAG

चूंकि अंकित अपने छोटे से सीएजी ग्रुप के साथ दिल्ली दंगों में राहत कार्य कर चुके थे, इसलिए कोविड शुरू होने के समय इन्हें कई तरह की मदद के लिए लोगों के कॉल आने लगे। तब इस सिटिजन एक्शन ग्रुप ने अब कोविड के दौरान भी लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया। इन्होंने लोगों में राशन किट बांटना शुरू किया। जिसमे जरूरी फूड आइटम्स थे। जिनका प्रयोग 10 दिन तक किया जा सकता था। यह किट दूसरे राज्यों से आए मजदूरों और अलग-अलग समुदाय के लोगों को भी बांटी। इन्होंने सोयाबीन बिरयानी की मील भी लोगों में वितरित की। सीएजी ने 6 लाख राशन किट और फूड पैकेट्स पूरे भारत में बांटें।

सीएजी ने मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल में बेड दिलवाने और उन्हें भर्ती करवाने में भी मदद की। इन्होंने अपनी प्राइवेट गाड़ियों को एम्बुलेंस में तब्दील कर दिया और कोविड मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचने में मदद की। हालांकि इन सभी सदस्यों ने काम करते समय पीपीई किट पहनी, लेकिन फिर भी लोगों के नजदीक जाने के कारण इंफेक्शन फैलने का काफी डर था। अंकित का कहना है कि वे भी खुद के संक्रमित होने और दूसरों में उनसे संक्रमण फैलने के डर से परेशान थे। लेकिन जो काम वे कर रहे थे वह करना भी जरूरी था।

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निराश लोगों के लिए साइकोलॉजिस्ट और थेरेपिस्ट

कोविड 19 मरीजों को ठीक होने में और उनकी मेंटल हेल्थ की समस्याओं जैसे डिप्रेशन, चिंता और स्ट्रेस आदि से निपटने के लिए भी इन्होंने मुफ्त में साइकोलॉजिस्ट और थेरेपिस्ट से अपॉइंटमेंट भी बुक करवाए। इस समूह ने अपने द्वारा की जाने वाली मदद की स्ट्रीम लाइन भी की, ताकि जिन लोगों को मदद की जरूरत है वह जल्द से जल्द इस समूह से कॉन्टैक्ट कर सकें। इस टीम का एक सदस्य लोगों से संपर्क करने के लिए उपलब्ध था। बाकी के सदस्य जरूरत की चीजों को खोजने का काम करते थे। जैसे ही इनके पास जानकारी आ जाती थी, यह मरीज या उसके परिवार वालों के साथ जानकारी को तुरंत साझा कर देते थे। 

और भी कई तरह से की लोगों की मदद

इन्होंने कुछ जरूरी काम भी किए जैसे दवाइयों की उपलब्धता को वेरिफाई करना और टाइम स्टैंप लगाना ताकि मरीज को सही जानकारी ही मिल सके। जैसे ही दूसरी लहर खत्म होना शुरू हुई तो बहुत सारे लोगों का बिजनेस खत्म हो चुका था या रोजगार छिन चुका था। ऐसे में इन लोगो ने बंद हुए काम धंधों को वापिस से शुरू करने में भी लोगों की मदद की ताकि उनकी रोजी रोटी चल सके। सीएजी के द्वारा किए गए प्रयासों की मदद से लगभग 100 परिवारों के काम दोबारा से शुरू हो गए। स्कूल और कॉलेज के बच्चों की भी इन्होंने फोन और लेपटॉप बांट कर मदद की।

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केवल 3 घंटे सोते थे

अंकित और सीएजी के ज्यादातर सदस्यों के पास मदद के लिए इतने कॉल्स और मैसेज आने लगे थे कि इनमें से ज्यादातर लोग दिनभर में 3-4 घंटे की नींद ले पाते थे। अगर वो अपना फोन बंद कर लेते तो उन्हें चिंता सी होने लगती थी। इसलिए इनके फोन हमेशा ऑन ही रहे। इस राहत कार्य ने अंकित को इतना प्रभावित किया कि दूसरी लहर खत्म होने के 5 महीने बाद भी उनको मरीजों के वह चेहरे याद आते रहे। वह एक तरह से डिप्रेशन में चले गए और उनकी डाइट में भी काफी बदलाव आए। इसकी वजह से उन्हें बेड रेस्ट करना पड़ा। इस सदमे से वह अभी तक बाहर नहीं आ पाए हैं और अभी भी थेरेपी ले कर रिकवर हो रहे हैं। 

अन्य सदस्य भी इसी प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अंकित और सीएजी ग्रुप के सदस्यों ने अपनी सेहत को पीछे रखा और दूसरों को ठीक करवाना जरूरी समझा ताकि यह कोविड आपदा जल्द से जल्द खत्म हो सके और अधिकतर लोगों की मदद हो सके। अगर अंकित के इस काम ने आप को थोड़ा सा भी प्रेरित या खुश किया है तो आप इनके प्रयास को और अधिक पहचान दिलवाने के लिए इनके लिए वोट दे सकते हैं, ताकि वह मानसिक रूप से थोड़े खुश हो सकें। यहां जानें कैसे आप अपने मन पसंदीदा कोरोना हीरो के लिए वोट दे कर उन्हें जीता सकते हैं।

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