शमी का पौधा भारत के ज्यादातर घरों में लगा रहता है। इसकी पत्तियां इमली के पत्तियों की तरह पतली और छोटी-छोटी होती हैं। इसमें कांटे लगे होते हैं, और ये कुछ खास मौसमों में फ्लैट या त्रिकोणीय आकार वाले रंग बिरंगे फूल देते हैं। ज्यादातर लोग शमी के पेड़ को वास्तु दोष दूर करने और पूठा-पाठ के लिए लगाते हैं। पर क्या आपको पता है कि शमी के पत्ते स्वास्थ्य के लिए कितने लाभकारी हैं? शमी की पत्तियां कई औषधियों गुणों की भरमार हैं। पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग विभिन्न औषधीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में शमी के कसैले छाल का उपयोग कुष्ठ रोग, घाव, अस्थमा और आंखों से जुड़ी परेशानियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके फलों और पत्तियों के भी कई और फायदे भी हैं, तो आइए जानते हैं शमी के पत्तों का फायदा और इसके उपयोग का तरीका।
शमी के पत्ते के फायदे-Health benefits of shami leaves
1. आंखों का दर्द ठीक करता है
आंखों का दर्द के लिए शमी के पत्ते रामबाण इलाज की तरह हैं। दरअसल, इसका शीतल गुण आंखों की जलन और दर्द को शांत करता है। ताम्र के बर्तन में घी, जौ, तथा शमी के पत्तों को पीस कर मिला लें, फिर इसे सूखा लें और अपनी आंखों में लगाएं।इससे आंखों का दर्द ठीक होता है।
2. खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
शमी के पत्तों में एंटीहाइपरलिपिडेमिक गतिविधि (antihyperlipidaemic activity)होती है, जो कि एक तरह से एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं। ये खून में लिपिड लेवल को कंट्रोल करते हैं। ये खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करते हैं और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। इस तरह से दिल के जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। साथ ही शमी को हाइपरग्लेसेमिया और हाइपरलिपिडिमिया के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, जो कि ऑक्सीडेटिव तनाव कोरोनरी धमनी की बीमारी को रोक सकते हैं।
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3. दस्त में फायदेमंद
शमी के पत्तों को धो कर, इसमें काली मिर्च और शहद के साथ सेवन करने से ये दस्त की परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसके पत्ते का काढ़ा बना कर पीने से ये पेचिश की परेशानी को भी दूर करता है। इसके अलावा आप इसके पत्ते और छाल को भी पीस छाछ में मिला कर भी पी सकते हैं। ये पेट को आराम पहुंचाएगा।
4. पेशाब से जुड़ी दिक्कतों में फायदेमंद
पेशाब में जलन और पेशाब से जुड़ी दिक्कतों में शमी का पत्ता रामबाण इलाज बन सकता है। इसके लिए शमी के पत्तों को पीस लें और उसमें पानी मिला कर हल्का गुनगुना कर लें। अब इसे नाभि में लगाएं। ये पेशाब रूकने की परेशानी को कम करने में मदद करेगा। इसके अलावा पेशाब में जलन होने पर शमी के पत्ते और मिश्री को कूट कर ठंडे पानी में मिला लें। फिर इसमें जीरा भून कर इसका चूर्ण बना कर मिला लें। अब इसे खाली पेट पिएं। लगातार कुछ दिनों तक ऐसा करने से आपको पेशाब में जलन की दिक्कत नहीं होगी।
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5. खुजली दूर करता है
शमी का पत्ता खुजली दूर करने में बहुत मददगार है। खुजली होने पर आप इसकी पत्तियों का लेप के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं हैं। इसके लिए शमी की पत्तियों को दही के साथ पीसकर लेप बनाएं और खुजली वाली जगह पर लगाएं। ये कुछ देर में रेडनेस और रैशेज को कम करने में मदद करेगा।
शमी की पत्तियों के अर्क का उपयोग एंटीपैरासिटिक की तरह होता है। शरीर में गर्मी अधिक बढ़ जाने पर शमी के पत्तों का रस निकालकर पानी में जीरे और शकर के साथ मिलाकर पीने से राहत मिलती है। इससे शरीर में ठंडक आती है। पत्तियों के अर्क का उपयोग आंतों को डिटॉक्स करता है। इसका हाइपोग्लाइकेमिक गुण डाबिटीज में भी सहायक होता है। आयुर्वेद में इसे मानसिक विकार, सिजोफ्रेनिया, श्वसन पथ के संक्रमण, अत्यधिक गर्मी और दाद की परेशानी को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो, अगर आपके घर में शमी का पौधा है, तो उसकी पत्तियों, फूल और छाल के लाभों के बारे में जानें और उसका इस्तेमाल करें।
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