
दूध पीना सेहत के लिए बेहद लाभकारी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं बरगद के पेड़ के दूध से भी कई फायदे मिल सकते हैं। आयुर्वेद में बरगद के पूरे पेड़ को औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है। इसके पत्ते, फूल, फल, छाल और दूध सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इसे वट वृक्ष (Banyan Tree) के नाम से भी जाना जाता है। बरगद भारत का राष्ट्रीय वृक्ष है। यह तासीर में ठंडी और गुण में कसैला होता है। आज हम आपको बरगद के दूध में फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। बरगद का दूध सेहत को कई फायदे पहुंचाता है। यह वेदनाशक और व्रणरोपक होता है। आयुर्वेद के अनुसार बरगद का दूध वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मददगार होता है।
वात, पित्त और कफ दोष के बढ़ने पर बरगद के दूध का सेवन करना लाभकारी माना जाता है। इसके सेवन से त्रिदोष शांत होते हैं। इसका सेवन वात, पित्त और कफ तीनों प्रकृति के लोग कर सकते हैं। लेकिन अगर आपके शरीर में तीनों प्रकृति शांत हैं, तो इसके सेवन से बचें। इनके असंतुलन होने पर ही इनका सेवन करना चाहिए। आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं बरगद के दूध के फायदे-
बदगद के दूध में गुण (Properties in Banyan Tree ilk)
- कैल्शियम (Calcium)
- एंटीबायोटिक (Antibiotic)
- स्वाद- कसैला (Harsh)
- तासीर- ठंडी (Cool)
बरगद के दूध की तासीर ठंडी होने की वजह से यह पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए बेहद लाभकारी होता है।
1. हड्डियों को मजबूत बनाए बरगद का दूध (Banyan Milk Makes Bones Strong)
जैसे गाय, भैस के दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है, वैसे ही बरगद का दूध भी कैल्शियम का अच्छा सोर्स होता है। अकसर महिलाओं को 40 की उम्र के बाद हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम के सप्लीमेंट्स खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन आप चाहें तो इस दूध के सेवन से भी अपनी हड्डियों को मजबूत बना सकती हैं। इसके दूध में कैल्शियम काफी अच्छी मात्रा में होता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। हड्डियों या जोड़ों में दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए।
इसे भी पढ़ें - आयुर्वेदाचार्य से जानें 'स्वर्ण भस्म' का सेवन करने के 7 फायदे और सही तरीका
2. शरीर की गर्मी शांत करे बरगद का दूध (Banyan Milk Make Body Cool)
बरगद के दूध की तासीर बेहद ठंडी होती है, ऐसे में पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए इसका सेवन करना बेहद लाभकारी होता है। दरअसल, पित्त प्रकृति वाले लोगों के शरीर में अग्नि की अधिकता यानी गर्मी ज्यादा रहती है। इससे कई रोग पैदा होने लगते हैं, ऐसे में इसे शांत करने के लिए बरगद का दूध फायदेमंद हो सकता है। आप अपने शरीर की गर्मी को शांत करने के लिए इस दूध का सेवन डॉक्टर की सलाह पर कर सकते हैं।
3. घाव भरने में सहायक बरगद का दूध (Banyan Milk is Beneficial in Wound Healing)
बरगद के दूध में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो चोट के घाव को भरने में मदद करता है। शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लगने या कटने पर बरगद का दूध लगा लिया जाए तो इससे काफी आराम मिल सकता है। यह कटने पर होने वाले रक्त स्त्राव को भी नियंत्रित करने में मदद करता है। साथ ही इसके घाव को भी धीरे-धीरे ठीक करता है।
4. फोड़े-फुंसियां ठीक करे बरगद का दूध (Banyan Milk Cure Skin Disease)
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पित्त बढ़ने पर त्वचा रोग जन्म लेते हैं। ऐसे में पित्त प्रकृति वाले लोगों को ठंडी और कसैले चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बरगद के दूध की तासीर ठंडी और स्वाद कसैला होता है। ऐसे में अगर इसका सेवन किया जाए, तो आपको त्वचा पर होने वाले फोड़ें-फुंसियों से छुटकारा मिल सकता है। अगर आपको किसी भी तरह का त्वचा रोग है, तो डॉक्टर की सलाह पर बरगद के दूध का सेवन कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें - पित्त को बढ़ाते हैं ये 7 फूड्स, पित्त प्रकृति वाले न करें इनका सेवन
बरगद के दूध का सेवन आपको हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। साथ ही रोगी व्यक्ति को सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए, साथ ही ठीक होते ही इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। आपको बरगद का दूध का सेवन किसी चीज के साथ मिलाकर करना चाहिए। आपकी बीमारी को जानकर डॉक्टर ही आपको बता सकते हैं कि आपको इसे किसके साथ लेना चाहिए। बिना डॉक्टर के परामर्श का इसका सेवन बिल्कुल न करें।
Read More Articles on Ayurveda in Hindi