टाइप 1 डाइबिटीज के रोगियों के लिए ग्रीन टी बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि ग्रीन टी में एंटीआक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। जो शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार होते हैं। आइए विस्तार से जानें ग्रीन टी टाइप1 डायबिटीज में कैसे फायदेमंद होती है।
ब्लड शुगर को नियंत्रित करना
ग्रीन टी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करती है,और इन्सुलिन दवा के हानिकारक प्रभावो को कम करने में भी मदद करती है । यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड मेडिकल सेंटर के अनुसार ग्रीन टी शरीर में ना सिर्फ टाइप 1 डाइबिटीज़ को कम करता है बल्कि इसके बुरे प्रभाव को भी कम करता है।
टॉप स्टोरीज़
हाइपरटेंशन को कम करना
2004 में चीन में किए गए एक शोध के अनुसार एक दिन में एक कप ग्रीन टी पीने से 50 प्रतिशत तक हाई ब्लड प्रेशर में कमी आती हैं,ग्रीन टी खून की धमनियों को आराम पहुंचाता है, जिससे हाइ ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता हैं।
कोलेस्ट्रॉल को कम करना
जो लोग रोज ग्रीन टी का सेवन करते है उनमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है उन लोगों के मुकाबले जो ग्रीन टी नहीं लेते इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि उसमें मौजूद पॉलिफेनल से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।.
ग्रीन टी लेने के तरीके
रोज कम से कम आधा कप ग्रीन टी पीने से टाइप 1 डाइबिटीज की बीमारी से आराम मिलता हैं,एक साल तक नियमित इसका सेवन करने से ज्यादा से ज्यादा शारीरिक लाभ मिलेगा, ग्रीन टी ना पीने वालों को हाइपरटेंशन के खतरों ज्यादा की आशंका रहती है,रोज ग्रीन टी पीने से डाइबिटीज एवं हाइपरटेंशन न में आराम मिलता है।
ग्रीन टी में होते हैं एक्टिव एजेन्ट
ग्रीन टी में मौजूद एक्टिव एजेन्ट जैसे केटेचीन,इजीसीजी,इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाने में मदद करती है,साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है।
चेतावनी
ग्रीन टी में कैफेन की मात्रा कॉफी के मुकाबले ज्यादा होती है,ज्यादा ग्रीन टी पीने से यह इससे मिलने वाले लाभ को कम करता है,जैसे- हाइपरटेशन इत्यादि, कई बार डाइबिटीज़ के प्रभावों को बढ़ाता है। कोशिश करें कि टी की सही मात्रा लें ताकि आपको इसका लाभ मिल सके और आप ओवरियन कैंसर, हेपेटाइटिस एवं अन्य शारीरिक समस्याओं के खतरों से बच सके।
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