भारतीय संस्कृति यह सीख देती है कि जीवों से प्रेम करों, शायद यही वजह है कि हिंदुस्तान के ज्यादातर घरों जीवों को पालने का चलन है। और पालतू जानवर हमारे सबसे अच्छे साथी होते हैं। अगर हम पालतू पशुओं की बात करें तो उनमें से कुत्ता सबसे वफ़ादार जानवर माना जाता है। जो हमारे घर की रखवाली भी करता है, वह हमारा शुभचिंतक भी होता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि कुत्तों को मुसीबत का पहले ही अंदाजा लग जाता है। शास्त्र की बात करें तो शकुन शास्त्र में कुत्ते को शकुन रत्न माना जाता है क्योंकि कुत्ता इंसान से भी अधिक वफादार, भविष्य वक्ता और अपनी गतिविधियों से शुभ-अशुभ का भी संकेत देता है।
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शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है घर में काला कुत्ता पालना। काला कुत्ता शनिदेव का वाहन है। जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं। शनि देव की कृपा के उपरांत जातक को परेशानियों से सदा के लिए निजात मिल जाती है। साढ़ेसाती, ढैय्या या कुंडली का अन्य कोई दोष इस उपाय से निश्चित ही ठीक हो जाता है। शास्त्रों के मुताबिक कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीडि़त व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है। पितृ शांति के लिए कुत्तों को मीठी रोटी खिलानी चाहिए। कुत्ते को प्रतिदिन रोटी खिलाने से सभी तरह के संकट दूर होते हैं। घर में किसी भी प्रकार की आकस्मिक घटना नहीं होती।
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कुत्ता भगवान भैरव का प्रिय माना गया है। उनका वाहन भी कुत्ता है इसलिए काल भैरव जयंती पर कुत्ते की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि अगर कुत्ता काले रंग का हो तो पूजा का माहात्म्य और बढ़ जाता है। कुछ भक्त तो उसे प्रसन्न करने के लिए दूध पिलाते हैं और मिठाई खिलाते हैं।
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