
वाशिंगटन, रायटर : मां बनने की इच्छुक या मां बन चुकी महिलाओं के लिए वैज्ञानिकों की सलाह है कि हफ्ते में उन्हें कम से कम 12 औंस (340 ग्राम) मछली जरूर खानी चाहिए। यह न सिर्फ उनके लिए स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि उनके शिशु के लिए भी बेहतर है। अध्ययन में कहा गया है कि मैकेरेल, टुना, सारडाइंस और सालमन जैसी मछलियों में ओमेगा-3 एसिड पाया जाता है। यह दिमाग की क्षमता बढ़ाने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। हालांकि ओमेगा एसिड हरी पत्तेदार सब्जियों, अखरोट और अलसी के तेल में मौजूद होता है।
हेल्दी मदर, हेल्दी बेबीज नाम से प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक पौष्टिक आहार महिलाओं को न सिर्फ बच्चा पैदा होने के बाद के अवसाद से उबरने में मददगार होता है बल्कि यह शिशु के दिमाग और हड्डी के लिए भी फायदेमंद है। यह शोध अमेरिकन एकेडमी आफ पेडियाट्रिक्स, द नेशनल इंस्टीट्यूट आफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलमेंट और द सेंटर पार डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। शोध से जुड़े वैज्ञानिकों ने बताया कि 90 प्रतिशत महिलाएं जरूरत से कम मछली खाती हैं। हालांकि मछलियों में काफी मात्रा में पारा (मरकरी) भी मौजूद होता है जो मस्तिष्क और धमनियों के लिए हानिकारक है। इसलिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एंड इंवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी ने सलाह दी है कि मां बनने जा रही या बन चुकी महिलाएं हफ्ते में 12 औंस से ज्यादा मछली न खाएं।
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