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मौसम के अनुसार इस तरह करें हरीतकी चूर्ण का सेवन, मिलेगा पूरा फायदा

आप पेट संबंधी समस्याओं में हरड़ का उपयोग कर सकते हैं। जानते हैं किस मौसम में हरड़ का सेवन कैसे करना चाहिए  
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मौसम के अनुसार इस तरह करें हरीतकी चूर्ण का सेवन, मिलेगा पूरा फायदा


आयुर्वेद में हरड़ के कई फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसका उपयोग सदियों से कई बीमारियों के लिए किया जाता रहा है। इसमें कई गुण होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं। साथ ही, आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं। इससे आपको इंफेक्शन होने और बार-बार बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है। हरीतकी को हरड़ के नाम से भी जाना जाता है। त्रिफला में हरड़ का भी उपयोग किया जाता है। यह औषधि आपके पेट संबंधी रोगों के लिए रामबाण की तरह कार्य करती है। आगे आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर धीरेंद्र बंसल से जानते हैं हरड़ के क्या फायदे होते हैं और इस किस मौसम में कैसे खाया जाता है। 

हरीतकी चूर्ण के फायदे - Benefits Of Harad In Hindi

  • पाचन को करें मजबूत : हरीतकी चूर्ण पाचन समस्याओं के लिए एक उपयोगी औषधि मानी जाती है। यह मल त्याग को नियंत्रित करने में मदद करता है, कब्ज को कम करता है और सूजन व गैस को कम करने में सहायक होता है। हरीतकी चूर्ण के नियमित उपयोग से पाचन में सुधार हो सकता है और आंते मजबूत होती हैं।
  • शरीर को करें डिटॉक्स : इस औषधि में नेचुरल डिटॉक्स के गुण होते हैं। हरड़ का चूर्ण पाचन तंत्र को साफ करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर करने और शरीर को सेहतमंद बनाने में सहायता करता हैं। यह लीवर के कार्यों में सुधार करता है, जिससे आपके संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।

harad benefits of health

मौसम के अनुसार हरीतकी चूर्ण का उपयोग: How To Use Harad In Different Seasons In Hindi 

वसंत (मार्च से मई)

वसंत ऋतु के समय शरीर को डिटॉक्स और स्फूर्तिदायक बनाने के लिए हरीतकी चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है। यह सर्दियों के मौसम में जमा हुए विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद कर सकता है और लीवर के कार्य में सुधार करने में सहायता कर सकता है। इस मौसम में आप आधा चम्मच हरीतकी चूर्ण को शहद के साथ ले सकते हैं। 

गर्मी (जून से अगस्त)

गर्मी के महीनों में हरीतकी चूर्ण पाचन तंत्र में सुधार करने और गर्मी से संबंधित समस्याओं को रोकने में सहायता कर सकता है। यह शरीर को ठंडक पहुंचाने और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है। इस मौसम में आप एक गिलास छाछ में एक चौथाई चम्मच हरीतकी चूर्ण मिलाएं और दोपहर के भोजन के बाद पाचन में सहायता और ठंडक पाने के लिए इसका सेवन करें।

शरद ऋतु (सितंबर से नवंबर)

शरद ऋतु में हरीतकी चूर्ण आपके इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आने वाले ठंडे महीनों के लिए शरीर को तैयार करने में मदद कर सकता है। इसको आप प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने और आरामदायक नींद पाने के लिए सेवन कर सकते हैं। एक कप गर्म पानी में एक चुटकी हरीतकी चूर्ण मिलाएं और इसे सोने से पहले पीएं।

सर्दी (दिसंबर से फरवरी)

सर्दी के मौसम में श्वसन प्रणाली को मजबूत करने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए हरीतकी चूर्ण का सेवन किया जा सकता है। श्वसन स्वास्थ्य में सुधार और शरीर को गर्म रखने के लिए एक चौथाई चम्मच हरीतकी चूर्ण को एक चम्मच कच्चे शहद के साथ मिलाएं और इसे शाम को लें।

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हरीतकी चूर्ण के वैसे तो कई फायदे होते हैं, लेकिन गर्भवती व ब्रेस्ट फिडिंग कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन बिना डॉक्टरी सलाह नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, अन्य लोगों को भी यदि किसी तरह का कोई गंभीर रोग हो, तो ऐसे में उनको भी आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही हरीतकी का सेवन करना चाहिए। 

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