Hantavirus: कोरोना के बाद चीन में मिला एक नया 'जानलेवा वायरस', जानिए लक्षण और बचाव

Hantavirus: एक चीनी नागरिक में हंता वायरस का सकारात्‍मक परीक्षण किया गया है। यह भी जानलेवा वायरस है। इसके बारे में विस्‍तार से जानिए। 
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Hantavirus: कोरोना के बाद चीन में मिला एक नया 'जानलेवा वायरस', जानिए लक्षण और बचाव


चीन से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को परेशानी में डाल दिया है। लाखों लोग संक्रमित हैं तो वहीं हजारों की संख्‍या में COVID-19 से लोगों की जान जा चुकी की है। भारत समेत कई देशों में लॉक डाउन कर दिया गया है। फिलहाल, कोरोनोवायरस का प्रकोप अभी थमा भी नहीं था, उधर चीन में एक नए वायरस ने जन्‍म ले लिया है। जिसे लेकर एक बार फिर लोग सोच में पड़ गए हैं, वहीं सोशल मीडिया पर इसकी जबरदस्‍त चर्चा हो रही है। 

दरअसल, चीन के एक व्यक्ति में एक नए वायरस का सकारात्‍मक परीक्षण किया गया है, जिसका नाम हंता वायरस (Hantavirus) है। इसके कारण चीन में एक व्‍यक्ति के मौत होने की बात भी सामने आ रही है। हंता वायरस क्‍या है, इसके लक्षण क्‍या हैं के अलावा अन्‍य महत्‍वपूर्ण बातों के बारे में हम यहां आपको बता रहे हैं।

hantavirus

हंता वायरस क्‍या है: What is Hantavirus

रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, हंता वायरस का एक परिवार है जो मुख्य रूप से चूहों (Rodents) द्वारा फैलता है और लोगों में विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकता है। यह हंता वायरस पल्‍मोनरी सिंड्रोम (HPS) और हेमोरेजिक फीवर के साथ गुर्दे संबंधी सिंड्रोम या HFRS (Hemorrhagic fever with renal syndrome) का कारण बन सकता है। इस वायरस से व्‍यक्ति की मौत भी हो सकती है। 

हंता वायरस कैसे फैलता है? 

यह बीमारी हवा के माध्‍यम से नहीं फैलता है। इसका प्रसार व्‍यक्ति से व्‍यक्ति द्वारा भी नहीं होता है। इस बीमारी का प्रसार तब होता है जब व्‍यक्ति चूहों और गिल‍हरियों के मल, मूत्र और लार के संपर्क आता है। इससे हंता वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। 

हंता वायरस के लक्षण: Hantavirus Symptoms

हंता वायरस पल्‍मोनरी सिंड्रोम के शुरुआती लक्षणों में थकान, बुखार और मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ सिरदर्द, चक्कर आना, ठंड लगना और पेट की समस्याएं शामिल हैं। अगर इनका इलाज न किया जाए, तो यह खांसी और सांस की तकलीफ का कारण बन सकता है। रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र (CDC) के अनुसार, इसकी मृत्यु दर 38 प्रतिशत है, जोकि घातक हो सकता है।

जबकि हेमोरेजिक फीवर के साथ गुर्दे संबंधी सिंड्रोम (HFRS) के प्रारंभिक लक्षण भी समान रहते हैं, यह निम्न रक्तचाप, तीव्र आघात, संवहनी रिसाव और एक्‍यूट किडनी फेल्‍योर  का कारण बन सकता है।

HPS को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचाया जा सकता है, जबकि लोगों के बीच HFRS संचरण काफी दुर्लभ है। सीडीसी के अनुसार, चूहों की जनसंख्या नियंत्रण, हंता वायरस संक्रमण को रोकने के लिए प्राथमिक रणनीति है। 

सोर्स: https://www.cdc.gov/hantavirus/index.html

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