कैसा होना चाहिए आपका आहार, इस फूड पिरामिड से समझें

दिनभर के आहार में कितनी मात्रा किस खाद्य पदार्थ की होनी चाहिए, इन सभी पहलुओं को हम आपके सामने एक फूड पिरामिड के माध्‍यम से लेकर आए हैं। इसके कई स्‍तर हैं, हर स्‍तर का अपना अलग-अलग महत्‍व है। हालांकि इन सभी स्‍तरों को फॉलो करने के बाद ही एक फूड पिरामिड बनता है और तभी हम अपने भोजन को संतुलित मान सकते हैं।
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कैसा होना चाहिए आपका आहार, इस फूड पिरामिड से समझें

हर व्‍यक्ति का भोजन संतुलित होना चाहिए। वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारा खानपान एक तरह के फूड पिरामिड की तरह होना चाहिए। अनेक अध्ययन विभिन्न प्रकार के आहार पिरामिड दर्शाते हैं, जिसके कई वैज्ञानिक कारण हैं। आज हम आपके साथ जिस फूड पिरामिड के बारे में चर्चा करने वाले हैं वह हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डिपार्टमेंट ऑफ न्यूट्रीशन के फैकल्टी द्वारा बनाया गया है, जिसके अनुसार यह बताया गया है कि हमारा खानपान कैसा होना चाहिए। दिनभर के आहार में कितनी मात्रा किस खाद्य पदार्थ की होनी चाहिए, इन सभी पहलुओं को हम आपके सामने एक फूड पिरामिड के माध्‍यम से लेकर आए हैं। इसके कई स्‍तर हैं, हर स्‍तर का अपना अलग-अलग महत्‍व है। हालांकि इन सभी स्‍तरों को फॉलो करने के बाद ही एक फूड पिरामिड बनता है और तभी हम अपने भोजन को संतुलित मान सकते हैं।

पिरामिड का आधार

इस पिरामिड का आधार यानी पहला स्‍तर शारीरिक गतिविधि या व्यायाम अथवा श्रम, स्वस्थ शारीरिक संरचना और संतुलित भोजन के पैटर्न पर केन्द्रित है। अगर मनुष्य के भोजन का आधार ठोस और मजबूत है, यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए मजबूत नींव का काम करता है। जीवन पर्यन्त अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक ठोस नींव बनाने के क्रम में स्वस्थ शारीरिक संरचना और स्वस्थ आहार शैली बनाए रखने का समान महत्व है।

पिरामिड का दूसरा स्तर

शारीरिक श्रम और वजन नियंत्रण के ठीक ऊपर कंप्लेक्स कार्बोहाइड्रेट समूह के खाद्य पदार्थ हैं। फाइबर की प्रचूरता वाले आहार जैसे कच्ची सब्जियां और फल, साबुत अनाज और सब्जियां आदि बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह समूह शरीर को विटामिन और खनिजों, विटामिन बी कम्प्लेक्स, फाइबर आदि की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए उत्तरदायी है। सब्जियां और फल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद हैं। ये उच्च रक्त चाप को घटाते हैं, कब्ज दूर करते हैं। यह कम कैलोरी वाला श्रेष्ठ आहार है। भूख बढाता है। फल और सब्जियां भोजन को रंग और स्वरूप प्रदान करता है। इसके अलावा यह खनिजों को अवशोषित करने में सहायता प्रदान करता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं और खून की गुणवत्ता बढ़ती है। इनका सेवन पर्याप्‍त मात्रा में करना चाहिए।

फलों और सब्जियों से जुड़ी खास बातें

  • अधिक देर तक पकाने से ताजे फलों और सब्जियों में मौजूद कुछ कैंसररोधी तत्व नष्ट हो जाते हैं।
  • फलों औऱ सब्जियों का छिलका या ऊपरी आवरण हटाने से इसमें मौजूद प्रचूर फाइबर निकल जाते हैं।
  • इस लेवल का दूसरा खाद्य पदार्थ है-गुड या असंतृप्त वसा, जैसे-जैतून का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, सोया तेल आदि।
  • ये तेल शरीर से बैड कोलेस्टेरोल के स्तर को घटाने एवं शरीर की कैलोरी व्यय करने वाली प्रक्रिया में सुधार लाने में सहायता करते हैं।
  • इन तेलों के बैड कोलेस्टेरोल को प्रभावित करने की क्षमता के कारण ये हृदय सम्बन्धी समस्याओं को कम करने में वास्तव में कारगर होते हैं।

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पिरामिड का तीसरा स्तर

फूड पिरामिड के तीसरा स्तर प्रोटीन की ओर इशारा करता है। इसके अंतर्गत जंतु और पादप दोनों तरह के स्रोतों से प्राप्त प्रोटीन शामिल हैं। प्रोटीन मानव शरीर के सभी ऊतकों के निर्माण की प्रमुख इकाई है, जिनमें हड्डियां, बाल और नाखून शामिल हैं। जंतु प्रोटीन में कोलेस्टेरोल के स्तर सम्बन्धी जांच की आवश्यकता होती है, इसलिए चिकन और मछलियों के पतले भाग स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। मोटापा या हृदय रोग के इतिहास की स्थिति में अंडे का योक या पीला भाग नहीं खाना चाहिए। आपकी थाली में इनकी मात्रा एक चौथाई होनी चाहिए।

पिरामिड का चौथा स्तर

स्किम्ड मिल्क, लो फैट पनीर, लो फैट दही आदि स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं। भैंस के दूध की अपेक्षा गाय का दूध अधिक फायदेमंद है। इनका सेवन मध्‍यम मात्रा में करना चाहिए। 

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पिरामिड का अंतिम और पांचवां स्तर

इस समूह के आहार में रेड मीट, संतृप्त वसा, प्रसंस्कृत अनाज, चीनी और नमक आते हैं। इस समूह के आहार का अधिक उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। रेड मीट, चीनी और स्टार्च वाले भोजन, और प्रसंस्कृत अनाज उत्पाद की खपत अत्याधुनिक फैशन का हिस्सा बनती जा रही है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में खाने पर ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। जंक फूड के लंबे समय तक उपभोग से उच्च रक्तचाप, कोलेस्टेरोल का उच्च स्तर, मधुमेह, मोटापा, जोड़ों के रोग, कैंसर आदि हो सकते हैं। इसलिए दैनिक आहार में (फूड पिरामिड में) इन्हें सबसे कम प्राथमिकता दी गई है, जो सही है। इनका सेवन बहुत कम मात्रा में करना चाहिए।

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