Food And Drinks For Migraine In Hindi: माइग्रेन एक तरह का सिरदर्द है। यह एक तरह की न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसके होने पर व्यक्ति को बार-बार सिरदर्द होने का अहसास होता है और लंबे समय तक सिर में दर्द बना रहता है। माइग्रेन होने पर व्यक्ति में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे मितली आना, लाइट और साउंड के प्रति सेंसिटिव होना, आंखों से धुंधला दिखना आदि। माइग्रेन होने पर व्यक्ति को डॉक्टर से अपना इलाज कराना चाहिए। हालांकि, अपनी डाइट में कुछ विशेष चीजों को शामिल कर आप इसके प्रभावों और लक्षणों को कम कर सकते हैं। आइए, डाइट एन क्योर क्लीनिक की डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से जानते हैं माइग्रेन में खाने वाले बेस्ट फूड्स और ड्रिंक्स के बारे में।
मैग्नीशियम बेस्ड फूड (Magnesium Based Food)
मैग्नीशियम एक किस्म का मिनरल है। यह नर्व फंक्शन को हेल्दी रखने में मदद करता है और ब्लड वेसल को सही तरह से काम करने में सहायक भूमिका निभाता है। ये दोनों यानी नर्व फंक्शन और ब्लड वेसल का माइग्रेन से कनेक्शन है। अगर आप अपनी डाइट में मैग्नीशियम बेस्ड फूड्स शामिल करते हैं, तो इससे माइग्रेन की आशंका में कमी आती है और आपको दर्द से भी राहत मिलती है। माइग्रेन के अच्छे स्रोतो में पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, नट और बीज जैसे बादाम, काजू, कद्दू के बीज, फलियां जैसे काली बीन्स, छोले, दाल, साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, क्विनोआ, साबुत गेहूं की रोटी आदि शामिल हैं।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid)
ओमेगा-3 फैटी एसिड में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह माइग्रेन से जुड़ी सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए वसायुक्त मछली जैसे सामन, टूना, सार्डिन आदि, चिया बीज और अलसी, अखरोट, सोयाबीन लें।
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खूब पानी पिएं (Drink Adequate Amount Of Water)
जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, उन्हें अपने शरीर को कभी भी डिहाइड्रेट नहीं रखना चाहिए। हाइड्रेट रहने से माइग्रेन को मैनेज किया जा सकता है, जबकि डिहाइड्रेशन सिरदर्द को ट्रिगर कर सकता है। यही कारण है कि आप पूरा दिन शरीर में पानी की कमी न होने दें। समय-समय पर पानी पीते रहें। प्यास न लगने पर भी आप पानी पी सकते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें, तो पूरे दिन कम से कम 8 गिलास (64 औंस) पानी पीना चाहिए। इसके अलावा, पानी की कमी को पूरा करने के लिए आप हर्बल टी और फलों के रस का भी सेवन कर सकते हैं।
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लो-टायरामाइन फूड्स (Low-Tyramine Food)
टायरामाइन एक एमिनो एसिड है, जो कुछ व्यक्तियों में माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है। जिन खाद्य पदार्थों में टाइरामाइन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, उसे अपनी डाइट से निकाल बाहर करना चाहिए। अपनी डाइट में लो टायरामाइन फूड शामिल करें। इसके लिए ताजे फल (खट्टे फलों को छोड़कर), ताजी सब्जियां (टमाटर और कुछ फलियों को छोड़कर), लीन मीट (चिकन, टर्की), कम वसा वाले डेयरी उत्पाद (दूध, दही), लस मुक्त अनाज (चावल, क्विनोआ) अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
कैफीन (Caffeine)
वैसे तो अपनी डाइट में कैफीन को सीमित मात्रा को सीमित में ही शामिल करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा माइग्रेन की समस्या रहती है, तो वह अस्थायी राहत पाने के लिए कैफीन का सेवन कर सकते हैं। असल में, कैफीन की वजह से माइग्रेन को ट्रिगर कर रहे तत्व, पर असर पड़ता है और दर्द में राहत मिलती है। कैफीन के लिए आप अपनी डाइट में कॉफी, चाय, एनर्जी ड्रिंक और चॉकलेट चॉकलेट जैसी चीजें शामिल कर सकते हैं।
इनसे रहें दूर (Foods To Avoid)
जिस तरह कुछ फूड्स और ड्रिंक्स माइग्रेन के प्रभाव को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं, उसी तरह कुछ फूड्स ऐसे भी हैं, जो माइग्रेन के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। इन्हें ट्रिगर फूड के नाम से जाना जा सकता है। इनमें शामिल हैं-
- प्रोसेस्ड मीट जैसे हॉट डॉग, सॉसेज
- चीज
- मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी)
- आर्टिफिशियल स्वीटनर
- शराब जैसे रेड वाइन, बीयर
कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि भले आप माइग्रेन के प्रभाव को कम करने के लिए अपनी डाइट में कुछ बदलाव कर सकते हैं। इसके अलावा, जरूरी ये है कि आप उन बिंदुओं पर गौर करें, जिस वजह से आपको माइग्रेन की प्रॉब्लम होती है। इस संबंध में डॉक्टर से मिलें, उन्हें अपनी स्थिति से अवगत कराएं और प्रॉपर ट्रीटमेंट लें।
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