
शुरुआत के 6 महीने तक शिशुओं के लिए मां का दूध और 6 महीने के बाद शिशु को कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है। शिशुओं और बच्चों में फूड एलर्जी होना आम परेशानी है। लेकिन इसके कारण उनके शरीर में और भी समस्याएं हो सकती है। बता दें कि शिशु और छोटे बच्चों के शरीर में एलर्जी के तौर पर कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। जिनके दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है। ऐसे में आज का हमारे लेख शिशुओं और बच्चों में होने वाली फूड एलर्जी पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि शिशुओं और बच्चों को फूड एलर्जी क्यों होती है। साथ ही इसके लक्षण, इलाज और बचाव भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
1 - किन शिशु और बच्चों को फूड एलर्जी ज्यादा होती है?
जो बच्चे 12 महीने से कम उम्र के होते हैं उन्हें आहार के तौर पर कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। उन खाद्य पदार्थों के कारण शिशुओं को फूड एलर्जी हो सकती है। वहीं इससे सबंधित कई रिसर्च भी हुई हैं, जिनमें यह भी पता चलता है तकरीबन 5 से 7.5 फीसदी बच्चे इस समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं। वहीं जन्म से लेकर 3 साल तक के बच्चे जल्दी फूड एलर्जी से ग्रस्त हो जाते हैं।
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2 - किन खाद्य पदार्थों से शिशु और बच्चों को होता है फूड एलर्जी?
बता दें कि बच्चों को फूड एलर्जी मूंगफली, मछली, बदाम, काजू, अंडा, गेहूं, सोया दूध, सोयाबीन, तिल आदि से हो सकते हैं।
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3 - शिशुओं और छोटे बच्चों में फूड एलर्जी के लक्षण क्या हैं?
फूड एलर्जी के दौरान बच्चों के शरीर में निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं जो इस प्रकार हैं-
- जी मचलाना
- बच्चों को उल्टी होना
- दस्त की परेशानी होना
- पेट में ऐंठन होना
- पेट में दर्द महसूस करना
- स्किन एलर्जी हो जाना
- सांस लेने में दिक्कत महसूस करना
- गैस हो जाना
- मुंह में सूजन आ जाना
- मुंह में खुजली महसूस करना
- मुंह के आसपास रैशेज हो जाना
- लगातार छींक आना
- होंठों के पास सूजन महसूस करना।
नोट - फूड एलर्जी के कारण बच्चों में पाचन संबंधित परेशानी, त्वचा संबंधित परेशानियों, रेस्पिरेट्री सिस्टम संबंधित परेशानी ये तीनों ज्यादा देखी जाती है।
4 - शिशुओं और छोटे बच्चों में फूड एलर्जी के कारण क्या है?
वैसे तो इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है लेकिन प्रतिरक्षा प्रणाली की विपरित प्रक्रिया को फूड एलर्जी का कारण माना जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि खाद्य पदार्थों में प्रोटीन पाया जाता है। ऐसे में इम्यून मौजूद प्रोटीन के प्रति एवं विपरीत प्रतिक्रिया दे सकता है, जिसके कारण फूड एलर्जी हो सकती है। इम्यून प्रोटीन को बैक्टीरिया, वायरस या संक्रमण मान लेता है और असामान्य प्रतिक्रिया दे देता है, यही कारण होता है बच्चों में एलर्जी के लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं।
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5 - शिशुओं और छोटे बच्चों में फूड एलर्जी का उपचार क्या है?
- अगर बच्चों को ये फूड एलर्जी किसी खाद्य पदार्थ के कारण हुई है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि किस खाद्य पदार्थ से बच्चों को एलर्जी हो रही है।
- डॉक्टर शिशुओं और बच्चों की दिनचर्या से उस खाद्य पदार्थ को हटाने की सलाह देते हैं जिसके कारण ये समस्या हो रही है।
- डॉक्टर की सलाह पर बच्चों को एंटीहिस्टामाइन दवा दी जाती है, जिससे इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सके।
6 - फूड एलर्जी से बच्चों और शिशुओं का बचाव कैसे करें?
- एलर्जी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कराने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
- खाद्य पदार्थों को देने के साथ-साथ बच्चों को स्तनपान भी कराएं।
- जरूरी नहीं कि आप खाद्य पदार्थ 6 महीने के बाद दें आप चाहे तो 4 महीने के बाद भी बच्चों को ठोस खाद्य पदार्थ खिला सकते हैं।
- शिशु को बचपन से ही स्तनपान करवाएं।
नोट - ऊपर बताएं बिंदु से पता चलता है कि शिशुओं और बच्चों को पहले 3 साल तक फूड एलर्जी होना सामान्य है। लेकिन पहले के 3 साल में अधिक सतर्कता बरतनी भी जरूरी है। ऐसे में जब भी ऊपर बताए लक्षण आपको अपने शिशु या बच्चों में दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही बचाव के लिए समय-समय पर बच्चों के आहार में परिवर्तन करते रहें।
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