गर्भपात का दर्द और मृत जन्‍म को रोक सकता है मछली का तेल: शोध

एक नए अध्ययन के शुरुआती निष्कर्षों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे मछली के तेल में पाया जाने वाला यौगिक ओमेगा-3 अजन्मे बच्चों की रक्षा करने में मदद कर सकता है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना है कि यौगिक में मौजूद एंटी-इंफ्लामेट्री गुण बहुत महत्‍वपूर्ण है। 
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गर्भपात का दर्द और मृत जन्‍म को रोक सकता है मछली का तेल: शोध


एक नए अध्ययन के शुरुआती निष्कर्षों ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि कैसे मछली के तेल में पाया जाने वाला यौगिक ओमेगा-3 अजन्मे बच्चों की रक्षा करने में मदद कर सकता है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना है कि यौगिक में मौजूद एंटी-इंफ्लामेट्री गुण बहुत महत्‍वपूर्ण है। 

 

मसूढ़ों से खून बहना गर्भपात का कारण बन सकता है 

गर्भपात कई कारणों से हो सकता है। विश्‍वविद्यालय के मुताबिक मसूढ़ों से खून बहना 30 से 100 प्रतिशत तक जिम्‍मेदार हो सकते हैं। गर्भावस्था में हार्मोनल चेंज से सूजन हो सकती है, जिसके कारण मसूड़ों से रक्तस्राव हो सकता है। बैक्टीरिया, F.nucleatum, प्रत्येक व्यक्ति के मुंह में मौजूद होता है, लेकिन मसूड़ों से रक्तस्राव इसे रक्तप्रवाह में बदल सकता है।

एक बार रक्तप्रवाह में यह बैक्टीरिया प्लेसेंटा को पार कर सूजन पैदा कर सकता है, जो गर्भपात या स्टिलबर्थ होने की संभावना बढ़ा सकता है। अध्‍ययन के लेखक डॉक्‍टर यिपिंग हान कहते हैं कि, यह बैक्‍टीरिया सर्वव्‍यापी होते हैं, ये हर किसी के मुख में मौजूद होते हैं। समस्‍या तब बढ़ती है जब ये यात्रा करते हुए शरीर के दूसरे हिस्‍से में पहुंच जाते हैं। 

इंफ्लामेशन को रोक सकता है ओमेगा-3 

चूहों के प्रयोगों में वैज्ञानिकों ने देखा कि, बैक्टीरिया ने प्लेसेंटा में कोशिकाओं में एक इंफ्लामेट्री प्रतिक्रिया शुरू कर दी, जिसका परिणाम ये था कि बच्‍चे समय से पूर्व पैदा हुए। डॉ हान की टीम ने इस सूजन को रोकने के लिए कुछ ऐसा रास्ता खोजा जो गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित था।

उनके प्रयोगों से पता चला कि ओमेगा -3 ने गर्भवती चूहों में सूजन और बैक्टीरिया की वृद्धि को रोक दिया है, और पहले से जन्म, गर्भपात और गर्भपात की संभावना को कम कर दिया है।

ओमेगा -3 फैटी एसिड की खुराक व्यापक रूप से क्रॉनिक इंफ्लामेट्री डिजीज में सूजन को कम करने के लिए उपयोग की जाती है, जैसे हृदय रोग और अर्थराइटिस। यह सप्‍लीमेंट्स पहले से ही शिशुओं के विकास के लिए गर्भवती महिलाओं को दिया जाता रहा है। 

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और ज्‍यादा शोध की है जरूरत 

संभावना तलाशने के लिए अभी तक जानवरों पर ही शोध किया गया है। डॉ हान की टीम के लिए एक क्लिीनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए अगला कदम यह देखना है कि क्या गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह सच साबित होता है। हालांकि डॉक्‍टर हान के निष्‍कर्ष भविष्‍य की रोकथाम के लिए आशाजनक है। 

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