Doctor Verified

फर्स्ट एड से जुड़े इन 5 मिथकों पर बिलकुल न करें यकीन, जानें क्या है इनकी सच्चाई

पूर्ण इलाज म‍िलने से पहले इमरजेंसी की स्‍थ‍ित‍ि में प्राथम‍िक च‍िकि‍त्‍सा की मदद ली जाती है, इसल‍िए इससे जुड़े म‍िथक सेहत पर भारी पड़ सकते हैं।
  • SHARE
  • FOLLOW
फर्स्ट एड से जुड़े इन 5 मिथकों पर बिलकुल न करें यकीन, जानें क्या है इनकी सच्चाई

First Aid Related Myth: 14 सितंबर को हर साल विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। लोगों में प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के ल‍िए इस द‍िवस को मनाया जाता है। प्राथमिक चिकित्सा को फर्स्ट एड कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है व्यक्ति की मेड‍िकल इमरजेंसी की स्थिति को स्थिर करना, उसे सुरक्षित रखना, और गंभीर समस्‍याओं को रोकना जब तक कि डॉक्‍टर की मदद न म‍िल जाए। आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा का सबसे अहम काम है जीवन को बचाना। सही समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा व्यक्ति की जान बचा सकती है। जैसे कि किसी व्यक्ति के दिल का दौरा पड़ने पर या दुर्घटना में चोट लगने पर तुरंत दी गई प्राथमिक चिकित्सा स्‍थ‍िति‍ को बेहतर कर सकती है। प्राथमिक चिकित्सा का एक अन्य उद्देश्य है घायल या बीमार व्यक्ति की स्थिति को स्थिर रखना, ताकि उसके हालात और खराब न हों। प्राथमिक चिकित्सा के दौरान घाव को साफ करना और उसे ढकना जरूरी होता है, ताकि संक्रमण का खतरा कम किया जा सके। प्राथमिक चिकित्सा के तहत चोट या बीमारी के कारण होने वाले दर्द और तकलीफ को कम करने के लिए कुछ प्राथमिक उपाय किए जाते हैं। उदाहरण के लिए, जलने की स्थिति में पानी का इस्‍तेमाल करने से जलन को कम किया जा सकता है। लेक‍िन फर्स्ट एड ट्रीटमेंट से जुड़े कुछ म‍िथक हैं ज‍िन्‍हें लोग सच मानकर फॉलो करते हैं। जानते हैं इन म‍िथकों के पीछे क्‍या सच्‍चाई छुपी है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।      

फर्स्ट एड से जुड़े मिथक- First Aid Myths

first aid myths

फर्स्ट एड के बारे में कई मिथक हैं ज‍िन्‍हें अक्सर लोग सच मानते हैं। इन मिथकों को समझना और उनकी सच्चाई को जानना जरूरी है-

1. मिथक: जलने पर बर्फ का इस्तेमाल करना चाह‍िए

सच्चाई: त्‍वचा के जलने (Skin Burn) पर बर्फ या बहुत ठंडे पानी का इस्तेमाल करने से त्वचा की ऊपरी सतह को और ज्‍यादा नुकसान पहुंच सकता है। इसके बजाय, प्रभावित क्षेत्र को सामान्य सामान्‍य तापमान वाले पानी से 10-15 मिनट तक धोएं। इससे जलन कम होती है और नुकसान से बचाव होता है।

इसे भी पढ़ें- साइकोलॉज‍िकल फर्स्ट एड क्‍या होता है? जानें डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति के लिए कैसे है फायदेमंद

2. मिथक: नोज ब्‍लीड‍िंग होने पर सिर पीछे की ओर झुकाना चाह‍िए

सच्चाई: नाक से खून बहने (Nose Bleeding) पर सिर पीछे की ओर झुकाना सही नहीं है। इस तरीके से नोज ब्‍लीड‍िंग को रोका नहीं जा सकता। सही तरीका यह है कि आप सीधे बैठें और सिर को थोड़ा आगे की ओर झुकाएं। नाक के नरम हिस्से को 10 मिनट तक दबाएं ताकि खून बहना बंद हो सके।

3. मिथक: सांप के काटने पर जहर चूसकर निकालना चाह‍िए

सच्चाई: सांप के काटने (Snake Bite) पर जहर को मुंह से चूसने का प्रयास करना खतरनाक हो सकता है और इससे जहर फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसके बजाय, काटे गए क्षेत्र को स्थिर रखें और जितना हो सके, उस हिस्से को हृदय से नीचे रखें। व्यक्ति को जल्द से जल्द अस्पताल लेकर जाएं।

4. मिथक: गले में कुछ अटकने पर व्यक्ति की पीठ थपथपाना चाह‍िए

सच्चाई: गले में कुछ अटकने पर व्यक्ति की पीठ थपथपाने से वह चीज और नीचे जा सकती है और सांस की नली को पूरी तरह ब्‍लॉक कर सकती है। इसके बजाय, हेमलिच मैनुवर (Heimlich maneuver) का इस्‍तेमाल करें। यह दम घुटने की स्थिति में इस्तेमाल की जाने वाली एक प्राथमिक चिकित्सा तकनीक है। इसमें व्यक्ति को पीछे से पकड़कर उसकी नाभि के ऊपर दबाव डालते हैं ताकि अटकी हुई वस्तु बाहर निकल सके।

5. मिथक: जलने पर मक्खन या टूथपेस्ट लगाना चाह‍िए

सच्चाई: जलने पर मक्खन या टूथपेस्ट लगाने से इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि ये पदार्थ बैक्टीरिया के लिए एक माध्यम बन जाते हैं। इसके बजाय, जलने वाली जगह को ठंडे पानी से 10-15 मिनट तक धोएं और फिर एक साफ और सूखी पट्टी से ढकें। अगर जलन गंभीर हो, तो डॉक्‍टर की मदद लें।

उम्‍मीद करते हैं क‍ि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।

image credit: hipkneeortho.com, ctfassets.net

Read Next

Aaj Ka Health Rashifal: 9 September 2024, पढ़ें स्वास्थ्य राशिफल, जानें सेहत के लिहाज से कैसा रहेगा आज का दिन

Disclaimer