
भारत में बढ़ती जनसंख्या सरकार के साथ-साथ सभी लोगों के लिए चिंता का विषय बनती जा रही है। लेकिन इसी चिंता के बीच NHFS की एक रिपोर्ट ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अच्छे सन्देश दिए हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) की रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रजनन दर में गिरावट देखी गयी है जो काफी समय से देखने को नहीं मिली थी। साल 2016 में देश में कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate, TFR) 2.2 थी जो अब घटकर 2 हो गयी है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इन आंकड़ों को जारी किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक कन्ट्रासेप्टिव प्रिवलेंस रेट (Contraceptive Prevalence Rate, CPR) में भी वृद्धि हुई हैं और यह 54% से बढ़कर 67% तक हो गई है। इसका मतलब यह कि देश में शादीशुदा युवा आबादी गर्भनिरोधक उपायों को अपना रही है और एक महिला के अपने जीवन में कुल बच्चे पैदा करने का आंकड़ा भी घट गया है। इसे जनसंख्या नियंत्रण के लिए बहुत अच्छा माना जा रहा है।
कुल प्रजनन दर क्या है? (What Is Total Fertility Rate?)
(image source - iStock.com)
टोटल फर्टिलिटी रेट यानी कुल प्रजनन दर किसी भी देश में एक महिला द्वारा अपने जीवन में पैदा किये गए बच्चों की संख्या का एक औसत होता है। जिस देश की जनसंख्या जितनी ही ज्यादा होती है उतना ही उस देश में कुल प्रजनन दर का आंकड़ा भी बढ़ता है। साल 2016 के बाद से अब देश में कुल प्रजनन दर की रेट में गिरावट आई है। पहले ये आंकडा 2.2 था जो कि घटकर अब 2 हो गया है। यानी देश में अब बड़ी आबादी परिवार नियोजन और गर्भनिरोधक के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। आपको बता दें कि कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate, TFR) को प्रतिस्थापन दर (Replacement Rate) के रूप में भी जाना जाता है और इसे जनसंख्या वृद्धि के लिए जिम्मेदार माना जाता है। मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक प्रजनन दर घटने की वजह से देश की जनसंख्या स्थिर हो गयी है।
इसे भी पढ़ें : क्या है प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PMASBY), जिसे आज पीएम मोदी कर रहे हैं लॉन्च
प्रजनन दर घटने के महत्वपूर्ण कारक (Factors Behind The Decrease In TFR)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये गए सर्वेक्षण के मुताबिक देश में प्रजनन दर में कमी के पीछे लोगों की जागरूकता और गर्भनिरोध के आधुनिक उपायों का इस्तेमाल प्रमुख कारण है। किसी भी देश में कुल प्रजनन दर अपने आप कम नहीं होती है। इसके लिए लोगों में जागरूकता और बेहतर परिवार नियोजन के उपायों को अपनाने की आवश्यकता होती है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए किये जा रहे उपायों से लोगों में जागरूकता बढ़ी है। इसके साथ ही आंकड़े यह बताते हैं कि गर्भनिरोध के आधुनिक तरीकों के इस्तेमाल, परिवार नियोजन और महिलाओं के सशक्तिकरण के कारण टीएफआर यानी प्रजनन दर में कमी आई है। प्रजनन दर में कमी का सीधा संकेत यह है कि इससे देश की जनसंख्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
(image source - iStock.com)
इसे भी पढ़ें : World Population Day 2020: लगातार बढ़ती जनसंख्या और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव कितना खतरनाक साबित होगा?
3 साल में 5 बार हुए सर्वे
जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार की तरफ लगातार कई कदम उठाये जा रहे हैं। इनमें गर्भनिरोध और परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करना और लोगों में बढ़ती जनसंख्या के खतरों के बारे में जानकारी बढ़ाने पर काम किया जा रहा था। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल के मुताबिक एनएफएचएस-5 के सर्वेक्षण से यह पता चला है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्यों को हासिल करने में तेजी आ रही है और ये आंकड़े आने वाले समय के लिए अच्छे संकेत देने वाले हैं। साल 2019 से 2021 के बीच एनएफएचएस का यह 5वां सर्वे है जिसमें टोटल फर्टिलिटी रेट में गिरावट देखी गयी है। साल 2016 में देश में TFR 2.2 था जो कि घटकर अब 2 हो गया है।
कन्ट्रासेप्टिव प्रिवलेंस रेट में बड़ी बढ़ोत्तरी (Contraceptive Prevalence Rate Increases)
NHFS द्वारा किये गए इस सर्वेक्षण के डेटा के मुताबिक देश में अखिल भारतीय स्तर पर सीपीआर यानी समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (CPR) बढ़कर 54 प्रतिशत से 67 प्रतिशत हो गया है। झारखंड (12%), अरुणाचल प्रदेश (13%) और उत्तर प्रदेश (13%) को छोड़कर सभी राज्यों में परिवार नियोजन की अधूरी जरूरतें घटकर 10 फीसदी से भी कम हो गयी हैं। सीपीआर यानी समग्र गर्भनिरोधक प्रसार दर (CPR) में बढ़ोत्तरी भी देश में जनसंख्या नियंत्रण के उपायों के लिए अच्छी खबर है।
इसे भी पढ़ें : क्या नहीं आएगी देश में कोरोना की तीसरी लहर? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
गौरतलब हो कि देश में जनसंख्या बढ़ोत्तरी को लेकर सरकार की तरफ से कई कदम उठाये जा रहे हैं। देश में सरकार ने साल 1952 में परिवार नियोजन का कार्यक्रम शुरू किया था। जिसे बाद से ही लगातार देश में लोगों को जनसंख्या नियंत्रण, परिवार नियोजन और गर्भनिरोध के आधुनिक उपायों को लेकर जाक्रुक किया जा रहा है।
(main image souce - iStock.com / freepik.com)