आर्थिक और सामाजिक लाभ देता है परिवार नियोजन

इस लेख को पढ़ें और जानें कि क्‍या है परिवार नियोजन। साथ ही जानें कि परिवार नियोजन क्यों जरूरी है और इसके क्या फायदे हैं।

सम्‍पादकीय विभाग
Written by: सम्‍पादकीय विभागUpdated at: Oct 25, 2013 00:00 IST
आर्थिक और सामाजिक लाभ देता है परिवार नियोजन

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परिवार नियोजन ना केवल बढ़ती जनसंख्‍या को रोकने के लिए जरूरी है बल्कि बच्‍चों के बेहतर लालन-पालन और मां के स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी महत्‍वपूर्ण है। परिवार नियोजन अपनाकर दो बच्‍चों के बीच में अंतर रखा जा सकता है जिससे उनकी सही तरीके से देखभाल की जा सके।

parivar niyojanपरिवार नियोजन या बर्थ कंट्रोल की मदद से, दम्पति बच्चों की संख्या और जन्म के बीच अंतर को नियंत्रित कर सकते हैं। परिवार नियोजन के लिए कई प्रकार के गर्भ निरोधक, प्राकृतिक तरीके आदि उपयोग में लाए जा सकते हैं। दम्पत्तियों को दो बच्चों और गर्भावस्था के बीच अंतर रखने और बच्चों की संख्या सीमित रखने के लिए परिवार नियोजन का सहारा लेना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं परिवार नियोजन के क्‍या-क्‍या फायदे हैं।

परिवार नियोजन के लाभ-

  • परिवार नियोजन अपनाने से सबसे ज्‍यादा फायदा मां के स्‍वास्‍थ्‍य को होता है और दो बच्‍चों के बीच में 3-5 साल का अंतर रखकर वह अपना और बच्‍चे का ध्‍यान अच्‍छे से रख सकती है।
  • बर्थ कंट्रोल से मां का स्वास्थ्‍य अच्छा रहता है जिसके कारण प्रीमेच्योर बर्थ या दूसरी जटिलताओं का खतरा कम होता है। ऐसे में मां अपनी पुरानी और सामान्‍य स्‍वास्‍थ्‍य की अवस्‍था में लौट सकती है।
  • आजकल शादी देर से करने का चलन हो गया है और उम्र बढ़ने के साथ ही गर्भावस्‍था में कई प्रकार के कांप्‍लीकेशन्‍स आते हैं। लेकिन परिवार नियोजन से इस प्रकार की जटिलाओं से बचा जा सकता है।
  • दो बच्‍चों में नियमित अंतराल रखने से गर्भपात की स्थिति पैदा होने की कम संभावना होती है। इससे गर्भपात के खतरे को कम किया जा सकता है।
  • बच्‍चे के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए यह जरूरी है। लगभग 5 साल तक बच्‍चा मां पर पूरी तरह से निर्भर रहता है। अगर एक साथ कई बच्‍चे होंगे तो मां को भी उन्‍हे संभालने में दिक्‍कत होगी।
  • बच्चों की संख्या कम होने से महिलाओं को भी फायदा होता है। उसे भी ज्‍यादा भागदौड़ नही करनी पड़ती है।

  • पहले बच्चे के जन्म से उचित अंतर के बाद, पैदा हुए शिशु में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का खतरा कम होता है।
  • बच्चों के बीच सही अंतर रखा जा सकता है। बच्‍चों के बीच सही अंतर होगा तो उनका विकास भी अच्‍छे से होगा और आपस में प्रतिस्‍पर्धा भी नही होगी।
  • दो बच्‍चों में अगर सही अंतर होगा तो प्रीमेच्‍योर बर्थ, जन्‍म के समय कम वजन और सामान्‍य से छोटे आकार के शिशु के होने की संभावना नही होती है और यह परिवार नियोजन से ही हो सकता है।
  • परिवार नियोजन अपनाने से हाई रिस्‍क ऑफ प्रेग्‍नेंसी की स्थिति नही बनती है और गर्भपात होने की संभावना भी कम होती है।
  • परिवार नियोजन अपनाने से अक्‍सर ऐसा होता है कि आपका बड़ा बच्‍चा छोटे बच्‍चे का ख्‍याल रखता है।
  • परिवार नियोजन आर्थिक दृष्टी से भी लाभदायक होता है।

 

परिवार नियोजन को अपनाने से जच्‍चा और बच्‍चा दोनों स्‍वस्‍थ्‍य रहते हैं और कई प्रकार की समस्याएं भी नही होती है। सरकार भी परिवार नियोजन को लेकर काफी सजग है और इसके लिए अनेक कार्यक्रम चलाती रहती है।

 

 

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