
आकर्षक दिखने की चाह में महिलाएं ऊंची एड़ी की सैंडल तो पहन लेती हैं, लेकिन इससे वह अपनी सेहत को खतरे में डाल लेती हैं। 'कॉलेज ऑफ पोडिएट्रि' के ताजा सर्वे में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ऊंची एड़ी की सैंडल पहनने के एक घंटे छह मिनट बाद ही पैरों में दर्द शुरू हो जाता है। इससे कई गंभीर बीमारियों की आशंका भी पैदा होती है।
सर्वे में शामिल आधी महिलाओं ने स्वीकारा कि ऊंची एड़ी की सैंडल पहनने से उनके पैरों का तकलीफ पहुंचती है। एक तिहाई महिलाओं का कहना था कि फैशन के नाम पर वह ऐसी सैंडल भी पहन लेती है जो पांव में फिट नही होती।
प्रमुख शोधकर्ता माइक्रोसॉफ्ट ओ नील चेतावनी देते हुए कहते है कि ऐसा करने से महिलाओं को गठिया, फ्रैक्चर, मुड़ी हुई नसों की शिकायत हो सकती है। इन समस्याओं के गंभीर होने वर सर्जरी की नौबत तक आ सकती हे। ऊंची एड़ी की सैंडल औसतन एक घंटे, छह मिनट में दर्द देना शुरू कर देती है। लेकिन 20 फीसदी महिलाएं मानती हैं कि इसे पहनने से महज 10 मिनट बाद ही परेशानी होने लगती है। अक्सर महिलाएं ऊंची सैंडल पहनकर क्लब या बार में चली जाती हैं लेकिन पांव में दर्द होने के कारण वह डांस नही कर पाती।
आखिरीकार उन्हें अपने जूते उतारकर डांस करना पड़ता है। 28 फीसदी महिलाओं ने ऐसा करने की बात स्वीकारी। एक तिहाई प्रतिभागियों ने माना कि दर्द बढ़ जाने के कारण कई बार उन्हें सैंडल उतारकर नंगे पांव चलना पड़ता है। 90 फीसदी महिलाएं कभी न कभी पांव से जुड़ी समस्याओं की शिकायत करती हैं। 20 फीसदी के मुताबिक वह अपने पैरों से अक्सर दुखी करती हैं, वही 12 प्रतिशत ने कहा कि वह अपने पैरों को लेकर इतना शार्मिदा महसूस करती हैं कि अक्सर उन्हें छिपा कर रखती हैं।
इतनी परेशानियों के बावजूद 19 फीसदी महिलाएं दर्द का इलाज नही करवाती क्योंकि वह इसे गंभीरता से नही लेती। सबसे बड़ी संख्या में युवा महिलाएं ऊंची एड़ी की सैंडल पहनती है। 18 से 24 वर्ष की 20 फीसदी महिलाएं, छह इंच ऊंची सैंडल पहनने से भी परेशानी नही होती। 25 से 34 वर्ष की 10 फीसदी जबकि 35 से 44 वर्ष की तीन फीसदी महिलाएं इतनी ऊंची सैंडल पहनती हैं।
माइक कहते हैं, 'फैशन और आराम के बीच जब भी महिलाओं को चुनना होता है तो वह फैशन को ही चुनती हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि औसत महिलाओं के पास 17 जोड़ी फैशनेबल सैंडल होती है।
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